चंडीगढ़ में दशहरे से पहले ही आधी रात को जल उठा मेघनाद का पुतला, रावण व कुंभकर्ण के पुतलों को बचाया

Dussehra festival CHANDIGARH, 5 OCTOBER: चंडीगढ़ में दशहरा समारोह और पुतला दहन के आयोजन से पहले ही मेघनाद का पुतला धूं-धूंकर जल उठा। मंगलवार की आधी रात को हुई इस घटना से आयोजन समिति में हड़कंप मच गया। हालांकि मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने रावण व कुंभकर्ण के पुतलों को जलने से बचा लिया। इस घटना को किसी शरारती तत्व की हरकत माना जा रहा है। चंडीगढ़ में यहां इस बार सबसे ऊंचे पुतले बनाए गए हैं।

चंडीगढ़ में सेक्टर-46 की दशहरा कमेटी हर साल रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों के दहन का बड़ा तथा भव्य आयोजन करती है। हर साल कुछ न कुछ नया आकर्षण होता है। इस बार कमेटी ने शहर में सबसे ऊंचे यानी करीब 91 फुट के रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले बनवाए थे। बुधवार को दशहरा उत्सव के आयोजन के लिए मंगलवार को इन पुतलों को खड़ा कर दिया गया था लेकिन रात में किसी शरारती तत्व ने मेघनाद के पुतले में आग लगा दी। धूं-धूंकर पुतला जलता देख यहां सुरक्षा में तैनात आयोजन समिति के सदस्यों में हड़कंप मच गया। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी। फायर ब्रिगेड ने तत्काल मौके पर पहुंचकर आग को बुझाया। कहा जा रहा है कि अगर आग थोड़ी सी भी और ज्यादा फ़ैल जाती या आग पर काबू पाने में समय लग जाता तो यह आग कुंभकर्ण और रावण के तैयार पुतलों को भी चपेट में ले सकती थी। गनीमत यह रही कि मेघनाद के पुतले में आग लगने के बाद रावण का पुतला नहीं जला। बताया जाता है कि रावण के पुतले में पटाखे भी भरे जा चुके थे। दशहर ग्राउंड में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले एक साथ कुछ-कुछ दूरी पर खड़े किए गए हैं। हालांकि अभी तक आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है। इसको हादसा भी माना जा रहा है लेकिन समिति से जुड़े लोग इसे शरारती तत्वों की हरकत से इंकार नहीं कर रहे हैं।

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