चंडीगढ़ के प्रशासक की सलाहकार परिषद की हुई मीटिंगः डड्डूमाजरा में कूड़े का पहाड़ हटाने की समय-सीमा तय की गई

सांसद मनीष तिवारी, एचएस लक्की के अलावा चरणजीव सिंह ने व्यापारियों के मुद्दे भी उठाए

CHANDIGARH, 14 SEPTEMBER: लंबे समय बाद चंडीगढ़ के प्रशासक की सलाहकार परिषद की बैठक आज प्रशासक गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें शामिल हुए चंडीगढ़ के तमाम जनप्रतिनिधियों ने शहर के लोगों से जुड़े मुद्दे उठाए और प्रशासक से उनके शीघ्र समाधान का आग्रह किया। बैठक में डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड का ज्वलंत मुद्दा भी उठाया गया, जिस पर सहमति बनी है कि 31 दिसंबर-2024 तक डड्डूमाजरा में कूड़े के ढेर को साफ कर दिया जाएगा।

प्रशासक की सलाहकार परिषद की बैठक में शामिल हुए चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी और चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने चंडीगढ़ के लोगों से जुड़े मुद्दों को जोर-शोर से उठाया। सांसद मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों के लिए मेट्रो परियोजना में हो रही अनावश्यक देरी पर चिंता जताई। उन्होंने डड्डूमाजरा में कूड़े के ढेर को साफ करने के लिए समयसीमा तय करने के लिए कहा। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने बताया कि डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड के मुद्दे पर प्रशासक की सलाहकार परिषद की बैठक में सहमति बनी है कि 31 दिसंबर-2024 तक डड्डूमाजरा में कूड़े के ढेर को साफ कर दिया जाएगा।

बैठक में सांसद तिवारी ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन ने यूटी चंडीगढ़ में फ्लोरवाइज रजिस्ट्री की अनुमति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की गलत व्याख्या की है। इस मुद्दे को भी तुरंत हल किए जाने की जरूरत है। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने व्यापरियों और उद्योगपतियों की दिक्कतों को जोरदार ढंग से उठाते हुए कहा कि व्यापारी करोड़ों रुपया कर के रूप में प्रशासन को देते हैं। बावजूद इसके इनको सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में एमएसएमई अधिनियम को लागू नहीं किया जा रहा। लीज होल्ड कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड में बदलने और गांवों में लालडोरा के बाहर निर्माण को नियमित करने के अलावा अन्य मुद्दों को भी लक्की ने उठाया। इसके अलावा, लक्की ने शहर में औद्योगिक और वाणिज्यिक इकाइयों को मामूली उल्लंघनों पर भी भेजे जा रहे कठोर नोटिस वापस लेने की भी वकालत की। उन्होंने गांवों में लैंड पूलिंग, हाउसिंग बोर्ड की आवासीय इकाइयों में आवश्यकता आधारित बदलावों का सौहार्दपूर्ण समाधान तथा गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को तत्काल राहत प्रदान करने और धार्मिक स्थानों को तोड़ने के नोटिस रोकने की भी मांग की।

चंडीगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरणजीव सिंह ने प्रशासक की सलाहकार परिषद की बैठक में वैट का मामला उठाते हुए कहा कि वैट व्यवस्था समाप्त हुए सात वर्ष बीत चुके हैं, फिर भी चंडीगढ़ में व्यापारियों को करोड़ों रुपए के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसलिए चंडीगढ़ में पुराने वैट मामलों के मूल्यांकन के लिए ओटीएस योजना पंजाब पैटर्न पर शुरू की जानी चाहिए, ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके। चरणजीव सिंह ने कहा कि इससे प्रशासन को राजस्व भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि एससीएफ को एससीओ में परिवर्तित करने का शुल्क, जो 5.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 65 लाख रुपए कर दिया गया है, इसी तरह औद्योगिक भूखंडों के लिए अतिरिक्त कवरेज शुल्क, जो 200 रुपए प्रति वर्ग फीट से बढ़ाकर 3400 रुपए प्रति वर्ग फीट कर दिया गया है, उसे तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए।

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