अब तक सरल-पोर्टल पर चल रही थी विवाह पंजीकरण सेवा
CHANDIGARH: हरियाणा सरकार ने सुशासन के अंतर्गत उठाए गए कदमों के तहत एक समर्पित ‘विवाह पंजीकरण पोर्टल’ शुरू किया है। प्रदेश में अब तक सरल-पोर्टल से चल रही ‘विवाह पंजीकरण सेवा’ आज 3 दिसंबर, 2020 से एक नए लिंक http://shaadi.edisha.gov.in पर उपलब्ध होगी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नागरिकों के लिए कुछ नई सुविधाएं देने के अलावा विवाह पंजीकरण की शेष प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेंगी। उन्होंने बताया कि नए पोर्टल में दो प्रमुख अतिरिक्त विशेषताएं शामिल की गई हैं। पहली, अब यह पोर्टल ‘परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) आईडी’ या फैमिली-आईडी से भी जोड़ा गया है।
आवेदन भरते समय आवेदक द्वारा प्रदान की जाने वाली सबसे पहली सूचना उनकी फैमिली-आईडी होगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में रहने वाले दूल्हे व दुल्हन के परिवार के पीपीपी-डेटाबेस से उनका विवरण प्राप्त किया जाएगा। अगर कोई परिवार हरियाणा से बाहर रहता है और उसकी पीपीपी या फैमिली-आईडी नहीं है, तो ऐसे मामले में संबंधित परिवार (वर या वधू) को पहले फैमिली-आईडी बनानी होगी और फिर पोर्टल पर विवाह-पंजीकरण करना होगा।
उन्होंने जानकारी दी कि पोर्टल में दूसरी नई सुविधा मैरिज रजिस्ट्रेशन एक्ट द्वारा शारीरिक उपस्थिति के उद्देश्य से मैरिज-रजिस्ट्रार के साथ अपॉइंटमेंट-बुक करने के विकल्प के बारे में है। इससे दूल्हे, दुल्हन और गवाहों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा, वे निर्धारित तिथि व समय पर ही मैरिज-रजिस्ट्रार के समक्ष पहुंच सकेंगे। प्रदेश के लोगों ने इस बारे में काफी दिन से अनुरोध किया हुआ था।
प्रवक्ता ने बताया कि आवेदन की तारीख और शारीरिक उपस्थिति के लिए नियुक्ति की तारीख के बीच चार दिनों का अंतर अनिवार्य होगा, इस अवधि में मैरिज-रजिस्ट्रार आवेदन के साथ जमा किए गए दस्तावेजों की जांच करेगा। यदि आवेदन या दस्तावेजों में कुछ विसंगतियां पाई जाती हैं तो मैरिज-रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा आवेदक को टेलीफोन के माध्यम से सूचित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नए प्रावधान से रजिस्ट्रार कार्यालय में नागरिकों की भीड़ कम होगी।
उन्होंने आगे बताया कि विवाह पंजीकरण प्रक्रिया के संचालन के बारे में उपायुक्तों (डीसी) और अतिरिक्त उपायुक्तों (एडीसी) को सूचित कर दिया गया है। इस विषय पर संबंधित पूछताछ CRID-हेल्पडेस्क 18002000023 या Crid-goh@hry.gov.in पर ईमेल करके की जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि और अधिक जानकारी लेने के लिए नागरिक अपने संबंधित जिलों में डीसी या एडीसी कार्यालय भी जा सकते हैं।