सिनेमा हाॅल की क्षमता 50 प्रतिशत और माॅल की 100 व्यक्तियों तक सीमित की
सूमह पंजाबियों को घरों में मेहमानों की संख्या 10 तक सीमित रखने के लिए कहा
अधिक प्रभावित 11 जिलों के शहरी इलाकों में रात का कर्फ्यू और अंतिम संस्कार /विवाह समारोहों को छोड़कर सामाजिक जमावड़ों पर पाबंदी लागू
अंतिम संस्कार /विवाह के अवसर पर भी 20 व्यक्ति ही उपस्थित हो सकेंगेसभी जिलों में माईक्रो कंटेनमैंट रणनीति फिर से लागू
रोजाना की टेस्टिंग बढ़कर 35000 होगीबढ़िया प्रदर्शन वाले अस्पतालों को कोविड बैड बहाल करने और चुनिन्दा सर्जरियां स्थगित करने के लिए कहा
CHANDIGARH: कोविड के फिर से पैर पसारने पर सख्त कार्यवाही करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कल से राज्य भर में व्यापक स्तर पर बन्दिशें लगाने के हुक्म दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी शैक्षिक संस्थाएं 31 मार्च तक बंद रखने और सिनेमा घरों /माॅल की क्षमता पर भी रोक लगाने के आदेश जारी किये हैं।
मैडीकल और नर्सिंग काॅलेजों को छोड़कर सभी शैक्षिक संस्थाएं 31 मार्च तक बंद रहेंगी और सिनेमा हाॅल की क्षमता 50 प्रतिशत तक रहेगी जबकि किसी भी समय एक माॅल में 100 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे।
उन्होंने लोगों को कम-से-कम अगले दो हफ्तों तक सामाजिक गतिविधि अपने घरों तक सीमित रखने की अपील की जिससे कोविड के फैलाव की लड़ी को तोड़ा जा सके। उन्होंने यह भी अपील की कि घरों में 10 से अधिक मेहमान नहीं आने दिए जाएं।राज्य के अधिक प्रभावित 11 जिलों में अंतिम संस्कार /विवाह-शादियों को छोड़कर अन्य सभी सामाजिक जमावड़ों और सम्बन्धित समागमों पर मुकम्मल रोक लगाने के हुक्म दिए हैं। अंतिम संस्कार /विवाह -शादियों में सिर्फ 20 व्यक्तियों को शामिल होने की इजाजत होगी।
मुख्यमंत्री ने हुक्म दिए कि इन जिलों, जिनमें रात 9 बजे से प्रातःकाल 5 बजे तक रात का कर्फ्यू रहेगा, रविवार को सिनेमा, मल्टीप्लैक्स, रैस्टोरैंट, माॅल आदि भी बंद रहेंगे जबकि रात के कर्फ्यू के चलते होम डिलिवरी की आज्ञा होगी। मुख्यमंत्री ने इन जिलों के सिविल और पुलिस के सर्वोच्च अधिकारियों को हुक्म दिए कि औद्योगिक और जरूरी सेवाएं जारी रखने की इजाजत होगी परन्तु इनको छोड़कर बाकी सभी बन्दिशों का पालन सख्ती के साथ लागू किया जाए।
कोविड के साथ जान गंवाने वालों की याद में अगले हफ्ते से राज्य भर में हर शनिवार को प्रातःकाल 11 बजे से 12 बजे तक एक घंटे के लिए मौन (साईलंस) रखा जायेगा और इस समय के दौरान कोई वाहन भी नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को इस प्रयास में मार्केट कमेटियों, सरपंचों आदि समेत आम लोगों को जोड़ने के लिए कहा, हालांकि इसमें सम्मिलन करना उनकी अपनी इच्छा होगी।राज्य के अधिक प्रभावित 11 जिलों लुधियाना, जालंधर, पटियाला, मोहाली, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला, शहीद भगत सिंह नगर, फतेहगढ़ साहिब, रोपड़ और मोगा में मुख्यमंत्री ने सरकारी दफ्तरों में व्यक्तिगत रूप में डिलिंग करने पर रोक लगाने के हुक्म दिए हैं और नागरिकों को सिर्फ जरूरी सेवाओं के लिए ही दफ्तरों में आने के लिए उत्साहित किया जायेगा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अधिकारियों को ऑनलाइन प्रणाली को उत्साहित करने और शिकायतों के निवारण करने के लिए वर्चुअल विधि अपनाने के लिए कहा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित विभागों को रजिस्टरियों आदि के लिए प्रति दिन नियुक्तियाँ सीमित रखने के लिए जरूरी हिदायतें जारी करने के लिए कहा।हालांकि अन्य जिलों में अभी ऐसी बन्दिशें लागू नहीं होंगी परन्तु मुख्यमंत्री ने माईक्रो-कंटेनमैंट और कंटेनमैंट जोनों में तुरंत कड़ाई और निगरानी रखने के लिए रणनीति तैयार करने के हुक्म दिए।
उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि यदि बाकी जिलों में स्थिति बदतर हुई और लोगों ने कोविड के प्रोटोकॉल और नियमों का पालन न किया, तो वहां पर भी सख्त प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों के साथ कोविड टास्क फोर्स की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा कि दो हफ्तों बाद स्थिति का जायजा लिया जायेगा।
स्वास्थ्य अधिकारियों को रोजाना 35,000 टैस्ट करने के हुक्म देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना फैलाने वालों (सुपर स्प्रैडर) पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और सरकारी मुलाजिमों, शैक्षिक संस्थाओं में अध्यापकों आदि के टैस्ट समय-समय पर किये जाने चाहिएं। उन्होंने आदेश दिए कि आर.टी.पी.सी.आर. टेस्टिंग के साथ आर.ए.टी. टेस्टिंग बढ़ाना चाहिए जबकि हर पाॅजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए 30 व्यक्तियों का टैस्ट किया जाये।
उन्होंने कहा कि सी.पी.टी.ओज द्वारा इस कार्य की निजी तौर पर निगारनी की जानी चाहिए।मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग को स्पैशलिस्टों /सुपर-स्पैशलिस्टों की भर्ती तुरंत मुकम्मल करने के निर्देश दिए।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि बेहतर प्रदर्शन वाले अस्पतालों, जहाँ गंभीर मामलों का इलाज किया जाता है, को सलाह दी गई है कि कोविड बैड बहाल किये जाएँ और चुनिन्दा सर्जरियां स्थगित की जाएँ।मुख्यमंत्री ने कहा कि हर संस्थान और दफ्तर द्वारा नियुक्त किये गए कोविड माॅनिटर के नाम और मोबाइल नंबर जिला प्रशासन के पास होने चाहिएं। उन्होंने कहा कि यह माॅनिटर ही अपनी-अपनी, संस्थाओं में कोविड सम्बन्धी एहतियात के पालन को यकीनी बनाने के लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि श्रम, कर और आबकारी विभागों समेत अन्य विभाग इन हिदायतों के पालन के लिए डिप्टी कमीश्नरों के साथ सहयोग करेंगे।
कोविड सम्बन्धी राज्य सरकार के माहिरों की टीम के प्रमुख डाॅ. के.के. तलवार ने कहा कि कोविड मामलों में वृद्धि से प्रतीत होता है कि यह स्कूल और काॅलेज खोलने का नतीजा है और बगैर लक्षणों वाले नौजवानों द्वारा वायरस का फैलाव करना लगता है। अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि जिससे यह पता लग सके कि वायरस के नये रूप की आमद के कारण यह वृद्धि हुई जबकि पंजाब में वायरस के नये रूप के अभी तक सिर्फ दो केस सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड मामलों में से 40 प्रतिशत केस 30 साल से कम उम्र वाली जनसंख्या के हैं।