CHANDIGARH, 15 FEBRUARY: चंडीगढ़ ट्राइसिटी के उभरते कलाकार माणिक कोहली ने दुबई में अपने संगीत से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
माणिक कोहली बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली हैं। उन्होंने चार साल की उम्र से ही अपने पिता एवं चंडीगढ़ ट्राइसिटी के प्रसिद्ध संगीतकार संजीव कोहली के मार्गदर्शन में संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। माणिक कोहली की प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गिटार को सितार की तरह बजाने के लिए न केवल उसे संशोधित किया, बल्कि अपनी इस प्रतिभा के बल पर ही अपना नाम हार्वर्ड वर्ल्ड म्यूजिक रिकार्ड में दर्ज करा दिया। उन्होंने उत्तर भारत के कई नामी संगीतकारों के साथ भी काम किया है और कई प्रतियोगिताएं भी जीती हैं। माणिक कोहली का हाल का दुबई दौरा भी बड़ी उपलब्धि में शामिल रहा।
दुबई में संगीत प्रेमियों से भरे ऑडिटोरियम में माणिक कोहली ने राग यमन में अलाप, जोड़, झल्ला बजाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उसके बाद राग देश और भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम, प्रसिद्ध भजन रघुपति राघव राजा राम से देश भक्ति का ऐसा जज्बा पेश किया कि वहां मौजूद भारतीय मूल के लोग राष्ट्र भावना में झूम उठे।