CHANDIGARH: हरियाणा सरकार ने जिला गुरुग्राम में नए नगर निगम मानेसर का गठन करने का निर्णय लिया है, जिसमें साथ लगते 29 गांवों को शामिल किया जाएगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के मुख्य निर्णय संक्षेप में
· सहायक आयुक्त, अतिरिक्त सहायक आयुक्त और हरियाणा में अतिरिक्त सहायक आयुक्तों के पदों के उम्मीदवारों के लिए नियम-1 और 9 में संषोधन का अनुमोदन।
· अब नियम-1 के तहत इन पदों के लिए विभागीय परीक्षा साल में तीन बार होगी।
· नियम-9 के अनुसार उम्मीदवार को देवनागरी लिपि में हिन्दी में कम से कम आधे अंक प्राप्त करने होंगे।
· सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए सरकारी भूमि के अंतर-विभागीय हस्तांतरण संबधित विधियों की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान करना।
· एक सरकारी विभाग से दूसरे सरकारी विभाग को, विभिन्न सरकारी बोर्डों एवं निगमों, नगर निगमों/ परिषदों/ समितियों और जिला परिशदों एवं खंड समितियों सहित ग्राम पंचायतों को सरकारी भूमि के हस्तांतरण तथा भूमि के हस्तांतरण से संबधित मामलों की जांच करने और रिपोर्ट प्रशित करने के लिए 17 फरवरी, 2020 को 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
· करनाल, पानीपत और शाहबाद चीनी मिलों में नये चीनी संयंत्र व सह-उत्पादन संयंत्र और एथनॉल प्लांट स्थापित करने के लिए 235 करोड़ रुपये के सावधि ऋण के लिए राज्य सरकार की गारण्टी का अनुमोदन।
· केबिनेट ने गांव डाहर जिला पानीपत में 28 मेगावॉट सह-उत्पादन संयंत्र के साथ प्रतिदिन 5,000 टन गन्ना पिराई क्षमता की चीनी मिल का अनुमोदन किया। इसका विस्तार प्रतिदिन 7,500 टन गन्ना पिराई क्षमता तक किया जाएगा।
· इसी प्रकार करनाल में 18 मेगावॉट सह-उत्पादन संयंत्र के साथ प्रतिदिन 3,500 टन गन्ना पिराई क्षमता की चीनी मिल का अनुमोदन किया। इसका विस्तार प्रतिदिन 5,000 टन गन्ना पिराई क्षमता तक किया जाएगा।
· शाहबाद चीनी मिल में प्रतिदिन 60 किलो लिटर क्षमता के एथनॉल प्लांट का अनुमोदन।
· जिला रेवाड़ी में ज्वारा-गोदाना सडक़ (हेली मण्डी-पालावास सडक़) पर 9.500 कि.मी. पर नये टोल प्वाइंट की स्थापना का अनुमोदन।
· वन विभाग को सडक़ों से दूर लोक निर्माण विभाग की 30.85 हैक्टेयर सरप्लस भूमि के हस्तांतरण का अनुमोदन।
· दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड को ऋण सुविधाओं की अनुमति के लिए वाणिज्यिक बैंकों के पक्ष में 900 करोड़ रुपये की राज्य सरकार द्वारा गारण्टी प्रदान करना।
· गांव चांदपुरा जिला अम्बाला में राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना के लिए आयुश विभाग को नगर परिषद, अम्बाला सदर की 61 कनाल 13 मरला भूमि के हस्तांतरण करने का अनुमोदन।
· यह भूमि वर्तमान कलेक्टर रेट 44 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर पर दी जाएगी और इस पर 120 रुपये प्रति वर्ग गज विकास शुल्क अतिरिक्त लिया जाएगा।
· 29 गांवों को मिलाकर मानेसर नगर-निगम की स्थापना। इसका क्षेत्र 124.32 वर्ग कि.मी. होगा।
· सीनियर मेडिकल ऑफिसर के कुल पदों में से 25 प्रतिषत पदों की एच.पी.एस.सी. की बजाय स्वास्थ्य विभाग स्वयं भर्ती करेगा। (116 पद खाली हैं)।
· हरियाणा योग परिषद को हरियाणा योग आयोग बनाने का निर्णय।
· बिजली खपत पर पंचायतों के लिए पंचायत टैक्स लगाना (2 प्रतिशत)।
· पंचायतों को 100-125 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
· कृषि उपभोक्ताओं पर यह लागू नहीं होगा।
· राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम को राज्य सरकार की ब्लॉक गारण्टी लिमिट 15 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का अनुमोदन।
· इससे वर्ष 2020-21 की वार्शिक कार्य योजना के अनुसार 1100 लाभार्थियों को ऋण मिल सकेगा।
· राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त निगम को राज्य सरकार की ब्लॉक गारण्टी लिमिट 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करने का अनुमोदन।
· इसका उद्देश्य राज्य में सफाई कर्मचारियों को सामाजिक-आर्थिक लाभों का पैकेज प्रदान करना है।
· रीजनल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर बनाने का अनुमोदन।
· केबिनेट ने परियोजना लागत में हरियाणा के हिस्से की 4,699 करोड़ रुपये की राशि का अनुमोदन किया है।
· इस कॉरिडोर की लम्बाई 103.02 कि.मी. होगी।
· इसमें 17 स्टेशन बनेंगे, जिनमें से 11 हरियाणा तथा 6 दिल्ली में होंगे।
· इसका निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में सराय कालेखां से मुरथल (सोनीपत) तक 58.28 कि.मी. लम्बा कॉरिडोर बनेगा।
· दूसरे चरण में मुरथल से पानीपत तक 44.74 कि.मी. लम्बे कॉरिडोर का निर्माण होगा।
· दिल्ली सरकार से अनुमोदन के पश्चात बाद में इसे करनाल तक बढाया जाएगा।
· हरियाणा विकास एवं विनियमन, शहरी क्षेत्र अधिनियम-1975 और नियम-1976- लाइसेंस का माइग्रेशन में संशोधन का अनुमोदन।
· इस संशोधन के अनुसार अब लाइसेंस का माइग्रेषन करवाते समय लाइसेंसधारी अपनी बकाया नवीकरण शुल्क भुगतान की तिथि तक ब्याज सहित देगा।
· लेकिन जिस क्षेत्र से माइग्रेशन करवाया जाता है, उसकी लाइसेंस फीस, राज्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास शुल्क, परिवर्तन शुल्क और बाहरी विकास शुल्क तथा उन पर दिया गया ब्याज उसमें समायोजित किया जाएगा। समायोजन के बाद भी कोई राशि बचती है तो उसे जब्त समझा जाएगा।
· हरियाणा विकास एवं विनियमन, शहरी क्षेत्र अधिनियम-1975 की धारा 9-ए के तहत अधिसूचित वहनीय आवास नीति-2013 में संशोधन।
· इसके तहत न्यूनतम भूमि सीमा, परियोजना भूमि सीमा में परिवर्तन और वाणिज्यिक घटक व पार्किंग प्रावधान में बढ़ोतरी का अनुमोदन।
· संशोधन के अनुसार परियोजना की अधिकतम भूमि सीमा 10 एकड़ से 30 एकड़ तक बढ़ाई गई है तथा न्यूनतम भूमि सीमा 5 एकड़ से कम करके 4 एकड़ की गई है।
· लेकिन न्यूनतम भूमि 4 एकड़ होने के बावजूद कॉलोनाइजर को 5 एकड़ में निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सामुदायिक भवन का निर्माण करना अनिवार्य होगा।
· अब वाणिज्यिक क्षेत्र Net Planned Area 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया है।
· कॉलोनाइजर के लिए 0.5 के समान कार क्षेत्र उपलब्ध करवाने के वर्तमान प्रावधान को जारी रखा गया है।
· कॉलोनाइजर कार पार्किंग क्षेत्र के आवंटन के लिए फ्लेट की लागत के 5 प्रतिशत से अधिक वसूली नहीं कर सकेगा।
· सी.एन.जी., पी.एन.जी. स्टेशन तथा पैट्रोल पंप स्थापित करने के लिए सिंगल विण्डो प्लेटफार्म के माध्यम से सी.एल.यू. देने की नीति में संशोधन का निर्णय।
· इस निर्णय के अनुसार शहरी सीमाओं में पैट्रोल पंप/फ्यूल स्टेशन के लिए कम से कम 20320 मीटर तथा सी.एन.जी./पी.एन.जी. स्टेशन की स्थापना के लिए कम से कम 50330 मीटर भूमि का होना जरूरी होगा।
· राज्य सरकार द्वारा 16 सितम्बर, 2019 को ‘हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान विभाग’के पुनर्गठन का अनुमोदन किया गया था, जिसके अनुसार ग्रुप-ए वर्ग में 4, ग्रुप-बी में 1 और ग्रुप सी में 6 नये पद सृजित किये गये थे। तदानुसार निदेशालय (ग्रुप-ए) सेवा नियम-2020 को अंतिम रूप देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
· फरीदाबाद मेट्रोपोलिटन डेवेलपमेंट अथॉरिटी को रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बनाने का निर्णय।
· सरकारी कर्मचारी के एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानांतरण पर पदोन्नति के लिए समान अवसर और सेवा अवधि की समान स्थिरता हेतु हरियाणा गु्रप-सी कर्मचारी (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) विधेयक-2020 का अनुमोदन।
· इस विधेयक के लागू हो जाने से सभी विभागों में कॉमन गु्रप-सी पदों के कर्मचारियों के लिए कॉमन काडर बन जाएगा।
· इससे उन्हें पदोन्नति के समान अवसर मिलेंगे और निर्धारित अवधि पूरा होने पर अथवा इससे भी पहले ऑनलाइन स्थानांतरण नीति के तहत उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानांतरित किया जा सकेगा।
· इस समय एक कर्मचारी जिस भी विभाग में पद ग्रहण करता है, वह सेवानिवृत्ति तक उसी में रहता है। सामान्यत: उस विभाग के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों के हर काडर/पद की वरिष्ठता सूची अलग-अलग रखी जाती है।
· इससे क्षेत्रीय कार्यालयों में काम कर रहे गु्रप-सी के कर्मचारियों को पदोन्नति पाने में 10 से 20 साल लग जाते हैं, जबकि मुख्यालय पर काम कर रहे कर्मचारियों को उनसे पहले ही पदोन्नति मिलती है।
· इस विधेयक के लागू होने के बाद सबको पदोन्नति के समान अवसर मिलेंगे।
· पंजाबी सभा पलवल धर्मशाला के विस्तार के लिए 750 वर्ग गज पुनर्वास भूमि के स्थानांतरण का अनुमोदन।
· एच.डी.एफ.सी. बैंक सेक्टर-6 पंचकूला से हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड को 100 करोड़ रुपये की नकद ऋण सीमा का लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार की गारण्टी देने की घटनोत्तर स्वीकृति।
· ग्राम पंचायत नोरंगपुर, जिला गुरुग्राम की 363 वर्ग गज जमीन रास्ता नं.-235 को MAPSKO प्राइवेट लिमिटेड की इतनी ही जमीन से बदलने के प्रस्ताव का अनुमोदन।
हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के निर्णय विस्तार से
नवसृजित नगर निगम मानेसर की सीमा में शामिल किए जाने वाले 29 गांवों में मानेसर (ग्रामीण एवं शहरी), कासन, खोह, नाहरपुर कासन, नवादा, फतेहपुर, ढाणा, बास कूसला, बास हरिया, कांकरोला, भांगरोला, ढोरका, वजीरपुर, बढ़ा, सिकंदरपुर रामपुर (गाँव शिकोहपुर की राजस्व सम्पदा में स्थित), शिकोहपुर, नखड़ोला, बार गुज्जर, नौरंगपुर, मेवका, हयातपुर, सहरावन, नैनवाल, कुकड़ोला, झुंड सराय(वीरान), झुंड सराय(आबाद), फाजलवास, गोपालपुर और गढ़ी-हरसरू शामिल होंगे।
नए नगर निगम, मानेसर में इन 29 गांवों को शामिल किए जाने पर तीन लाख की न्यूनतम आबादी के आवश्यक मानदंडों को पूरा किया जा सकेगा। वर्तमान सीमाओं के अनुसार इस नए निगम का कुल क्षेत्रफल 124.32 वर्ग किलोमीटर होगा।
कॉलोनाइजर लाइसेंस के माइग्रेशन नियम में संशोधन
बैठक में हरियाणा शहरी क्षेत्रों का विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 और नियम 1976-लाइसेंस का माइग्रेशन आदि में संशोधन के सम्बन्ध में एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
लाइसेंस के माइग्रेशन के सम्बन्ध में 1975 के अधिनियम और 1976 के नियमों के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, कोई लाइसेंसधारक लाइसेंस की अलग श्रेणी, जहां ईडीसी/आईडीसी की दरें कम हैं, में माइग्रेट करने से पहले या तो अनुसूची के अनुसार बकाया ईडीसी/आईडीसी की पूरी राशि जमा करवाता है या ईडीसी/आईडीसी की पर्याप्त राशि का भुगतान करता है तो उसे नुकसान होता है क्योंकि मौजूदा लाइसेंस में ईडीसी /आईडीसी के समक्ष किए गए पूरे अतिरिक्त भुगतान को जब्त कर लिया जाता है।
यह प्रक्रिया कानून का पालने करने वाले लाइसेंसधारक से भेदभाव करती है और एक डिफ़ॉल्टर लाइसेंसधारक के पक्ष में है। इसलिए, हरियाणा शहरी क्षेत्रों का विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 की धारा 3 के तीसरे परन्तुक और नियम 1976 के नियम-17-क(2) और 17-क(3) के साथ-साथ मौजूदा प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव है।
संशोधन के अनुसार, अब लाइसेंस के माइग्रेशन के मामले में कॉलोनाइजर को भुगतान की तारीख तक अर्जित ब्याज के साथ बकाया नवीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा। हालाँकि, माइग्रेशन के तहत क्षेत्र के लिए लाइसेंस शुल्क, राज्य अवसंरचना विकास शुल्क, कन्वर्जन चार्जेज और बाहरी विकास शुल्क, जिसमें भुगतान किया गया ब्याज भी शामिल है, को समायोजित किया जा सकता है। यह सबसे पहले माइग्रेशन पर दिए जा रहे लाइसेंस में और बकाया उसी डेवलपर / कॉलोनाइजर के किसी अन्य लाइसेंस में समायोजित किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि समायोजन के बाद भी कुछ शेष बचता है, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।
नियम 17-क (2) में संशोधन के अनुसार, माइग्रेशन के तहत क्षेत्र के लिए लाइसेंस शुल्क, राज्य अवसंरचना विकास शुल्क, कन्वर्जन चार्जेज और बाहरी विकास शुल्क, जिसमें भुगतान किया गया ब्याज भी शामिल है, को समायोजित किया जा सकता है। यह सबसे पहले यह माइग्रेशन पर दिए जा रहे नए लाइसेंस के समक्ष और बकाया उसी डेवलपर/कॉलोनाइजर के किसी अन्य लाइसेंस में समायोजित किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि समायोजन के बाद भी कुछ शेष बचता है, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।
डेवलपर/कॉलोनाइजर मौजूदा लाइसेंस, जहां से वह माइग्रेट करना चाहता है, पर बाहरी विकास शुल्क और राज्य अवसंरचना विकास प्रभार पर बकाया ब्याज राशि जमा करवाने के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
नियम 17-क (3) में संशोधन के अनुसार, माइग्रेशन के बाद प्रदान किए जाने वाले नए लाइसेंस के लिए, सभी शुल्क और अधिभार वर्तमान दरों पर वसूल किए जाएंगे। डेवलपर/कॉलोनाइजर द्वारा पहले जमा करवाई गई राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।
अम्बाला में भूमि हस्तांतरण
मंत्रिमण्डल की बैठक में नगर परिषद, अम्बाला सदर की 61 कनाल और 13 मरला भूमि गांव चांदपुरा, जिला अंबाला में राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना हेतु 44 लाख रुपये प्रति एकड़ के मौजूदा कलेक्टर रेट तथा 120 रुपये प्रति वर्ग गज के विकास शुल्क के साथ आयुष विभाग को हस्तांतरित करने के शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
एचसीएमएस-ग्रुप ए के पदों को हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर निकाला
बैठक में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एचसीएमएस-गु्रप ए) के पदों को हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर निकालकर इन पदों की 25 प्रतिशत सीधी भर्ती उसी विभागीय उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के माध्यम से करने की मंजूरी दी गई जिसने चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की थी।
राज्य में निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के 74 से अधिक रिक्त पदों को 25 प्रतिशत कोटा के समक्ष सीधी भर्ती द्वारा तत्काल भरा जाना है।
हरियाणा योग परिषद का नाम बदलकर हरियाणा योग आयोग किया
हरियाणा सरकार ने योग के बारे में जागरूकता, प्रसार और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा योग परिषद का नाम बदलकर हरियाणा योग आयोग करने का निर्णय लिया है ताकि यह बचपन से ही जीवन का हिस्सा बन सके। यह निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
योग आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ जीवन शैली से परिचित कराना और उन्हें अपने व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाकर योगाभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा, योग आयोग, योग ओलंपियाड जैसी प्रतियोगी स्पर्धाओं में राज्य के युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करेगा ताकि वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने कौशल का प्रदर्शन करके राज्य का गौरव बढ़ा सकें। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए, योग आयोग, योग से संबंधित सूचनाओं के प्रसार/प्रचार द्वारा गांव, खण्ड और जिला स्तर पर योग को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।
बिजली के बिल पर 2 प्रतिशत पंचायत कर लगाने का निर्णय
हरियाणा सरकार ने ग्राम पंचायतों के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए, केन्द्र सरकार द्वारा की गई बिजली की खपत या भारत सरकार द्वारा किसी रेलवे के निर्माण, रखरखाव या संचालन में की गई खपत या कृषि उपभोक्ताओं द्वारा की गई बिजली खपत को छोडक़र, राज्य में ग्राम पंचायतों की सीमा के भीतर किसी भी उपभोक्ता द्वारा की गई खपत के लिए बिजली के बिल पर 2 प्रतिशत की दर से पंचायत कर लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय भी मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
यह पंचायत कर उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली निगम (डीएचबीवीएन) द्वारा संग्रहित किया जाएगा और इसका भुगतान उसी तरीके से किया जाएगा, जैसेकि राज्य सरकार को देय बिजली शुल्क का भुगतान किया जाता है तथा इसे संबंधित ग्राम पंचायत को जमा करवाया जाएगा।
हरियाणा बिजली ठेकेदार लाइसेंस, योग्यता प्रमाण-पत्र तथा वायरमैन परमिट नियम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी
बैठक में हरियाणा विद्युत ठेकेदार लाइसेंस, योग्यता प्रमाण-पत्र तथा वायरमैन परमिट नियम, 2020 बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। हरियाणा में ‘कारोबार की सहूलियत’ की योजना को लागू करने और आम जनता की सुविधा के लिए इन नियमों के तहत प्रदान की जा रही सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए इन नियमों में संशोधन किए गए हैं।
इन संशोधनों के अनुसार, योग्यता प्रमाण पत्र और वायरमैन परमिट अनुभव के आधार पर प्रदान किए जाएंगे, जिसके लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन जमा करवाने की तिथि को आवेदक की आयु 18 वर्ष से कम या 65 वर्ष से अधिक नहीं चाहिए।
आवेदक को योग्यता और अनुभव पूरा करना होगा, जिसकी जांच स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा की जाएगी। इसके अलावा, प्रमाण पत्र और परमिट, जैसा भी मामला हो, संबंधित क्षेत्र में उसके ज्ञान का पता लगाने के बाद ही प्रदान किया जाएगा। इन नियमों में, कोई प्रमाण पत्र या परमिट प्रदान करने के लिए परीक्षा का प्रावधान समाप्त हो जाएगा।
प्रत्येक लाइसेंस, प्रमाण पत्र या परमिट को समय-समय पर पांच साल की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक लाइसेंसधारक विद्युत ठेकेदार को श्रम अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना होगा।
दूसरे राज्यों द्वारा दिए गए लाइसेंस हरियाणा को आवश्यक नियम और शर्तों को पूरा करने पर ही हस्तांतरित किए जाएंगे। लाइसेंस, प्रमाण पत्र या परमिट के लिए आवेदन ऑनलाइन और विभागीय वेबसाइट से डाउनलोड किए गए फार्म पर करना होगा।
सभी संदर्भों में सेवाओं के निपटान के लिए पूरे दस्तावेजों की प्राप्ति के बाद तीस दिन की समयावधि होगी। सभी प्रकार के लाइसेंस निरंतर आधार पर जारी किए जाएंगे ताकि आम जनता को राज्य लाइसेंसिंग बोर्ड की बैठक के लिए लंबे समय तक इंतजार न करना पड़े। इसके अलावा, सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जाएंगी और कारोबारी सुगमता से जनसाधारण तथा ग्राहकों के बीच उच्च संतुष्टिï सुनिश्चित की जाएगी।
जिला रेवाड़ी में हेली-मंडी पलवास सड़क पर टोल प्वाइंट की स्थापना को स्वीकृति
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जिला रेवाड़ी में 9.500 किलोमीटर पर जावरा-गोदाना सडक़ (हेली-मंडी पलवास सडक़) पर नये टोल प्वाइंट की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की गई। हेली-मंडी (एमडीआर-132) से रेवाड़ी-रोहतक-पानीपत (एनएच-71) तक इस सडक़ की कुल लंबाई 12.650 किलोमीटर है। 12.650 किलोमीटर की इस लंबाई में से 9.00 किलोमीटर जिला गुरुग्राम में और शेष 3.650 किलोमीटर जिला रेवाड़ी में पड़ता है। गाँव गुरावड़ा (एनएच -71 के निकट) से एक सम्पर्क सडक़ जिला रेवाड़ी में 9.900 किलोमीटर पर उक्त सडक़ को जोड़ती है।
मंत्रिमंडल ने वैकल्पिक मार्गों के माध्यम से यातायात में व्यवधान से बचने के लिए इस नए टोल प्वाइंट की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान की है। इस सडक़ पर टोल प्वाइंट की स्थापना राज्य सरकार के हित में होगी क्योंकि इससे राज्य के खजाने के लिए अच्छा राजस्व प्राप्त होगा। मंत्रिमंडल ने इस नए टोल की समयावधि की वैधता को 31 मार्च, 2022 तक की मंजूरी दी है क्योंकि सभी चल रहे टोल प्वाइंटस की समयावधि 31 मार्च, 2022 तक है।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड को ऋण गारंटी
मंत्रिमंडल की बैठक में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड को ऋण सुविधाओं की स्वीकृति के लिए वाणिज्यिक बैंकों के पक्ष में 900 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की गारंटी प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई। गुरुग्राम में मौजूदा बिजली वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण और उन्नयन के लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड 1408 करोड़ रुपये के परियोजना परिव्यय के साथ स्मार्ट ग्रिड परियोजना कार्यान्वित कर रहा है।
मंत्रिमंडल द्वारा गुरुग्राम में बिजली वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए स्मार्ट ग्रिड परियोजना के वित्तपोषण और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की परिचालन आवश्यकताओं के प्रबंधन के लिए दी गई 900 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की गारंटी में 700 करोड़ रुपये सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और 200 करोड़ रुपये कैनरा बैंक के लिए हैं।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के लिए ब्लॉक गारंटी सीमा दो करोड़ की
बैठक में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के लिए राज्य सरकार की ब्लॉक गारंटी सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने की स्वीकृति प्रदान की गई। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की स्थापना 2 जनवरी, 1971 को कंपनी अधिनियम 1956 के तहत की गई थी, जिसका एकमात्र उद्देश्य राज्य में सफाई कर्मचारियों को सामाजिक-आर्थिक लाभ का पैकेज प्रदान करना है।
हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से 15 नवंबर, 2006 को राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम को एक करोड़ रुपये की ब्लॉक गारंटी पहले ही दी जा चुकी है। वर्तमान में निगम के पास 38.25 लाख रुपये की गारंटी उपलब्ध है।
अनुमोदन के उपरांत, हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम को पहले से प्रदान की गई गारंटी सहित दो करोड़ रुपये की ब्लॉक गारंटी दी जाएगी ताकि सफाई कर्मियों की बेहतरी के लिए योजना को लागू किया जा सके। इस संबंध में 15 अक्तूबर, 2020 को वित्त विभाग की स्वीकृति प्राप्त कर ली गई थी।
पेट्रोल पंपों के रिटेल आउटलेट्स स्थापित करने की नीति में संशोधन
हरियाणा सरकार ने एकल खिडक़ी मंच (सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म) के माध्यम से भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की स्वीकृति प्रदान करके कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी), पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) स्टेशनों और पेट्रोल पंपों के रिटेल आउटलेट्स स्थापित करने की नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया है ताकि रिटेल आउटलेट्स की स्थापना के लिए नीति को और अधिक स्पष्ट किया जा सके। यह निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
संशोधन के अनुसार, शहरीकरण योग्य क्षेत्र में स्वतंत्र पेट्रोल पंप एवं ईंधन स्टेशन के लिए कम से कम 20 मीटर गुणा 20 मीटर क्षेत्र की आवश्यकता होगी। अधिकृत सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों (सीजीडीसी) और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) द्वारा स्थल की उपयुक्तता का आकलन करने के बाद एक अलग आयाम का सुझाव देने वाली सिफारिश के मामले में सीएलयू की अनुमति के लिए सीजीडीसी/ओएमसी द्वारा जारी आशय पत्र (एलओआई) में प्रस्तावित क्षेत्र पर विचार किया जाएगा।
रिटेल आउटलेट स्थल पर दी जाने वाली अनिवार्य सुविधाएं ओएमसी या सीजीडीसी के आशय पत्र के अनुसार होंगी। अन्य अनुज्ञेय गतिविधियों के लिए वैकल्पिक उपयोग हेतु आवृत क्षेत्र कुल अनुज्ञेय भूमि के तीन प्रतिशत से अधिक नहीं होगा जो साइट क्षेत्र का 35 प्रतिशत है।
रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर के कार्यान्वयन को मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) के दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर के कार्यान्वयन को मंजूरी दी गई। आरआरटीएस के दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर की कुल लंबाई 103.02 किलोमीटर है और इसमें दिल्ली में छ: और हरियाणा में 11 स्टेशनों सहित कुल 17 स्टेशन होंगे। आरआरटीएस का निर्माण एवं कमीशनिंग दो चरणों में की जाएगी, इनमें सराय कालेखां से मुरथल डिपो सहित मुरथल (58.28 किमी)तक और मुरथल से पानीपत डिपो सहित पानीपत(44.74 किलोमीटर) तक।
यह परियोजना भीड़भाड़ वाले स्थानों में लोगों के कुशल एवं प्रभावी आवागमन को सक्षम बनाएगी। इससे हरियाणा के शहरी एवं उप-शहरी क्षेत्र के निवासियों के लिए शहरों एवं कस्बों में सेवाओं और सुविधाओं का उपयोग करने के लिए महत्वपूर्ण लिंक के साथ शहरी क्षेत्रों के आर्थिक विकास में तेजी आएगी। आरआरटीएस परियोजनाएं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा कार्यान्वित की जा रही हैं जो भारत सरकार को एक संयुक्त उद्यम है और इसके प्रतिभागी राज्यों में दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा सरकार हैं। दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर में दो प्रतिभागी राज्य हैं जिसमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार और हरियाणा शामिल है।
मंत्रिमंडल ने हरियाणा में परियोजना प्रभावी क्षेत्र के भीतर 1.25 तक खरीद योग्य एफएआर की अनुमति देने को भी मंजूरी दी है। चूंकि खरीद योग्य एफएआर की बिक्री सीधे आरआरटीएस के विकास के लिए जिम्मेदार है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि नामित मिश्रित उपयोग क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त एफएआर की बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व का 80 प्रतिशत आरआरटीएस परियोजना के साथ साझा किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने परियोजना लागत के लिए राज्य सरकार के हिस्से के रूप में 4,699 करोड़ रुपये के सकल योगदान को मंजूरी दी है। इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एनसीआरटीसी के साथ समझौतों और अन्य संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रशासनिक सचिव, नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने एनसीआरटीसी या भारत सरकार के परामर्श के दौरान सामने आने वाले किसी भी बदलाव या संशोधनों को मंजूरी देने या आरआरटीएस परियोजना के कार्यान्वयन में आने वाली कठिनाइयों और अड़चनों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री हरियाणा को अधिकृत किया है।
आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-क) सेवा नियम 2020 को मंजूरी
बैठक में हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-क) सेवा नियम, 2020 को अंतिम रूप देने से संबंधित एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। अब ये नियम हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-क) सेवा नियम, 2020 कहे जाएंगे और ये नियम आधिकारिक राजपत्र में इनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे।
हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-ख) सेवा नियम 1986 को 19 सितंबर, 1986 को अधिसूचित किया गया था और 21 अगस्त, 1997 को इनमें संशोधन किया गया था। लेकिन गु्रप-क श्रेणी का कोई पद न होने के कारण विभाग में ग्रुप-क के कोई नियम नहीं थे।
राज्य सरकार ने 16 सितंबर, 2019 को विभाग के पुनर्गठन को मंजूरी दी थी, जिसमें ग्रुप-ख श्रेणी में एक नए पद और ग्रुप-ग श्रेणी में छ: नए पदों के अतिरिक्त ग्रुप-क श्रेणी में चार नए पद सृजित किए गए।
उक्त के मद्देनजर आपूर्ति एवं निपटान विभाग द्वारा हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-क) सेवा नियम, 2020 तैयार किये गए हैं। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इन्हें अनुमोदित किया गया है।
फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण अब क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण होगा
फरीदाबाद नगर परिवहन सेवा लिमिटेड (एफसीटीएसएल) द्वारा राज्य परिवहन उपक्रम (एसटीयू) के रूप में संचालित की जाने वाली सिटी बस सेवाओं के लिए फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) अब क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के रूप में कार्य करेगा। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में घोषणा के एक प्रस्ताव को स्वीकृति देने के बाद लिया गया।
सरकार ने फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के भीतर फरीदाबाद नगर परिवहन सेवा लिमिटेड को राज्य परिवहन उपक्रम घोषित किया है। राज्य सरकार ने फरीदाबाद नगर परिवहन सेवा लिमिटेड द्वारा संचालित सिटी बस सेवा के संबंध में स्टेज कैरिज परमिट के लिए मार्गों / क्षेत्रों को निर्दिष्ट करने, समय सारणी जारी करने कर्मचारियों के कार्य के घंटे और पार्किंग स्थल का निर्धारण करने के लिए फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के रूप में घोषित करने के विभाग के एक प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है।
फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण विशेष रूप से फरीदाबाद में सिटी बस सेवाओं के संचालन के संबंध में फरीदाबाद नगर परिवहन सेवा लिमिटेड के रूप में कार्य करेगा और इसलिए यह निर्णय फरीदाबाद नगर परिवहन सेवा लिमिटेड को राज्य परिवहन उपक्रम के रूप में कार्य करने में मदद करेगा जिससे फरीदाबाद में आम जनता के लिए पर्याप्त एवं बेहतर समन्वित परिवहन सेवाएं उपलब्ध होंगी।
पंचकूला की एक एकड़ भूमि हस्तांतरित
मंत्रिमंडल की बैठक में बागवानी विभाग की राजकीय उद्यान एवं नर्सरी, फतेहपुर, पंचकूला की एक एकड़ भूमि भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता विभाग, राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र, गाजियाबाद को नाममात्र पट्टा आधार पर हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई ताकि केंद्रीय क्षेत्र योजना की ‘राष्ट्रीय जैविक खेती प्रोत्साहन परियोजना’ के तहत क्षेत्रीय जैविक खेती केंद्र स्थापित किया जा सके।
उक्त भूमि को 1,000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष के पट्टा किराए पर 99 वर्षों के लिए पट्टे पर हस्तांतरित किया जाएगा ताकि हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू कश्मीर जैसे पड़ोसी राज्यों में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा सके।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के लिए ब्लॉक गारंटी सीमा 20 करोड़ की
बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के लिए राज्य सरकार की ब्लॉक गारंटी सीमा को 15 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने की स्वीकृति प्रदान की गई। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की स्थापना 2 जनवरी, 1971 को कंपनी अधिनियम 1956 के तहत की गई थी, जिसका एकमात्र उद्देश्य प्रदेश में सफाई कर्मचारियों को सामाजिक-आर्थिक लाभ का एक पैकेज प्रदान करना था।
हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम को 26 नवंबर, 1999 को 15 करोड़ रुपये की ब्लॉक गारंटी दी गई। अब, 480 लाख रुपये की गारंटी राज्य निगम के पास उपलब्ध है।
स्वीकृति उपरांत, वर्ष 2020-21 वार्षिक कार्य योजना के अनुसार 1,100 लाभार्थियों को ऋण प्रदान किया जाएगा। इन लाभार्थियों को गारंटी बढऩे के फलस्वरुप ही ऋण प्रदान किया जाएगा। अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के कल्याण हेतु हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की तरफ से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम को 20 करोड़ रुपये की ब्लॉक गारन्टी जिसमें पहले दी गई ब्लॉक गारन्टी भी शामिल है, के अनुमोदन को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में वित्त विभाग की सहमति 21 सितंबर, 2020 को प्राप्त हुई थी।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम 1975 की धारा 9-क के तहत अधिसूचित किफायती आवास नीति-2013 में संशोधन से संबंधित एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई ताकि न्यूनतम क्षेत्र सीमा, परियोजना क्षेत्र सीमा और वाणिज्यिक घटक एवं पार्किंग प्रावधान में वृद्धि की जा सके।
ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी के लिए न्यूनतम क्षेत्र सीमा अब चार एकड़ की
संशोधनों के अनुसार, किफायती आवास के तहत परियोजना की अधिकतम क्षेत्र सीमा 10 एकड़ से बढ़ाकर 30 एकड़ तक की गई है। किफायती ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी की स्थापना के लिए न्यूनतम क्षेत्र सीमा पांच एकड़ से घटाकर चार एकड़ कर दी गई है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि यद्यपि न्यूनतम क्षेत्र मानदंड पांच एकड़ से घटाकर चार एकड़ करने का प्रस्ताव किया गया है लेकिन फिर भी कॉलोनाइजर पांच एकड़ के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार सामुदायिक भवन उपलब्ध करवाएगा। इसके अलावा, जहां कॉलोनी की आबादी 10,000 से अधिक है वहां नीति के अनुसार आंतरिक सामुदायिक भवनों के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार सामुदायिक भवन उपलब्ध करवाए जाएंगे। संशोधन के अनुसार, अब वाणिज्यिक क्षेत्र को कुल नियोजित क्षेत्र के चार प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत किया गया है।
इसके अलावा, किफायती गु्रप हाउसिंग नीति -2013 के मौजूदा पैरा 4 (द्बद्बद्ब) में इस आशय से संशोधन किया जा रहा है कि 0.5 समतुल्य कार स्थान (ईसीएस) प्रदान करने का मौजूदा प्रावधान अनिवार्य और गैर-प्रभार्य बना रहेगा। कॉलोनाइजर को प्रति आवास इकाई के लिए अतिरिक्त 0.5 ईसीएस पार्किंग स्थान प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी, जो वैकल्पिक होगी, जिसके समक्ष वह प्रत्येक आवास इकाई के लिए एक कार पार्किंग स्थान आवंटित कर सकता है।
कॉलोनाइजर को कार पार्किंग स्थान के ऐसे आवंटन के समक्ष फ्लैट की लागत के पांच प्रतिशत से अधिक वसूलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अतिरिक्त सुरक्षा के रूप में ऐसे मामलों में जहां किफायती आवास नीति-2013 के तहत लाइसेंस पहले से ही जारी हैं और भवन निर्माण योजना 0.5 ईसीएस प्रति आवास इकाई पार्किंग स्थान के विकल्प का लाभ उठाए बिना स्वीकृत है वहां कॉलोनाइजर्स को 0.5 ईसीएस प्रति आवास इकाई पार्किंग स्थान के विकल्प लेने के लिए भवन योजनाओं में संशोधन के उद्देश्य से रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 14 के प्रावधान के अनुसार कम से कम दो तिहाई आवंटियों की सहमति प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, यह लाभ उन परियोजनाओं के लिए उपलब्ध नहीं होगा जहां सभी आवासीय टावरों का कब्जा प्रमाण पत्र पहले ही प्राप्त किया जा चुका है।
अतिरिक्त सहायक आयुक्तों के पदों के लिए विभागीय परीक्षा के नियमों में संशोधन
मंत्रिमंडल की बैठक में सहायक आयुक्तों, अतिरिक्त सहायक आयुक्तों और उम्मीदवारों को हरियाणा में अतिरिक्त सहायक आयुक्तों के पदों के लिए विभागीय परीक्षा के नियमों के नियम एक और नौ में संशोधन की मंजूरी प्रदान की गई है।
नियम एक के तहत, सहायक आयुक्तों, अतिरिक्त सहायक आयुक्तों की एक विभागीय परीक्षा और अतिरिक्त सहायक आयुक्तों के पद के उम्मीदवारों हेतु एक साल में तीन बार अप्रैल, जुलाई और नवंबर के महीनों में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। हरियाणा सरकार के राजपत्र में वास्तविक तिथि को पहले ही अधिसूचित किया जाएगा।
मौजूदा नियम 9 के तहत, किसी भी उम्मीदवार को हिन्दी देवनागरी लिपि में उत्तीर्ण घोषित नहीं किया जाएगा, जब तक वह परीक्षा में कम से कम आधे अंक प्राप्त नहीं कर लेता। तीन-चौथाई अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को क्रेडिट के साथ उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा। उम्मीदवार को एक ही परीक्षा में एक समूह के सभी पेपरों में उपस्थित होना होगा और प्रत्येक पेपर में अधिकतम अंकों के कम से कम एक तिहाई अंक प्राप्त करने होंगे। इसके अलावा समूह में उत्तीर्ण होने के लिए 50 प्रतिशत अंक अवश्य होने चाहिए।
हरियाणा ग्रुप-सी कर्मचारी (सेवा में भर्ती और शर्तें) विधेयक-2020 पारित
बैठक में हरियाणा ग्रुप-सी कर्मचारी (सेवा में भर्ती और शर्तें) विधेयक, 2020 पारित किया गया, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध कराने और एक विभाग से दूसरे विभाग में कर्मचारी के स्थानांतरण के लिए समान कार्यकाल के लिए स्वीकृति दी गई है।
इस बिल के लागू होते ही सभी विभागों के ग्रुप-सी पदों के कर्मचारियों के लिए एक कॉमन कैडर का गठन किया जाएगा, जो सभी विभागों में एक सामान्य होगा, ताकि कर्मचारियों को आगे पदोन्नति के लिए समान अवसर मिलें और उन्हें निर्धारित कार्यकाल या उससे पूर्व ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी के तहत एक डिपार्टमेंट से दूसरे में ट्रांसफर किया जा सके।
वर्तमान में जब किसी व्यक्ति को नियमित आधार पर नियुक्त दी जाती है तो वह सेवानिवृत्ति की तिथि तक उस विभाग में ही कार्यरत रहता है। उस व्यक्ति का नाम उसी विभाग की वरिष्ठता सूची में शामिल होता है, जिसमें उसे नियुक्त किया गया है। सामान्यतया, सभी विभागों में प्रत्येक कैडर/पद की वरिष्ठता सूची हरियाणा में स्थित हैडऑफिस और फील्ड कार्यालयों के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग बनाई जाती है। इसके बाद कर्मचारियों को लागू होने वाले विभागीय सेवा नियमों में नियम व शर्तों के अनुसार पदानुक्रम और पदोन्नति मिलती है। इस प्रावधान के तहत विभागीय सेवा नियमावली की अनुमति के अलावा, फील्ड कैडर के कर्मचारियों को हेड ऑफिस और हैड ऑफिस के कर्मचारियों को फील्ड कार्यालय में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, अधिकांश विभागों में, ग्रुप-सी पद के फील्ड कैडर के कर्मचारियों को आगे प्रमोशन पाने के लिए 10 से 20 साल तक रुकना पड़ता है, जबकि एक ही पद पर हेड ऑफिस के कर्मचारियों को फील्ड कैडर के कर्मचारियों की तुलना में पहले प्रमोशन मिलता है।
हालांकि, इस बिल के हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित किए जाने के बाद ही इस बिल को हरियाणा ग्रुप-सी कर्मचारी (सेवा में भर्ती और शर्तें) अधिनियम, 2020 कहा जाएगा और इसके लागू होने की तिथि, आधिकारिक गजट में अधिसूचना जारी होने की तिथि से प्रभावी मानी जाएगी।
विभिन्न स्थानों पर जमीनों का हस्तांतरण
बैठक में ग्राम पंचायत नौरंगपुर, ब्लॉक और जिला गुरुग्राम के 363 वर्ग गज के रास्ता नं 235 के एमएपीएसकेओ बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड की 363 वर्ग गज की भूमि के साथ तबादलेे के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। ग्राम पंचायत को हुडा सेक्टर रोड के पास 363 वर्ग गज का एक भूखंड मिलेगा, जिसे ग्राम पंचायत किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकती है।
बैठक में सडक़ों से दूर पीडब्ल्यूडी की 30.85 हेक्टेयर अधिशेष भूमि वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई ताकि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित कुछ कार्यों सहित 16 महत्वपूर्ण कार्यों को शुरू किया जा सके जिनके लिए 30.81 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है।
बैठक में पलवल में स्थित 750 वर्ग गज क्षेत्र की भूमि के हस्तांतरण के संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुपालन में यह भूमि क्लैक्टर रेट के 50 प्रतिशत की दर से पलवल धर्मशाला की पंजाबी सभा को विस्तार के लिए दी जानी थी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 14 अगस्त, 2017 को घोषणा की थी कि भूमि का 750 वर्ग गज का एक टुकड़ा राज्य सरकार के नियमों के अनुसार पलवल की पंजाबी सभा को आवंटित किया जाएगा। उसी संबंध में आज मंत्रिमंडल की बैठक के अनुमोदन के बाद मौजूदा धर्मशाला के विस्तार के लिए 67,50,000 रुपए की कीमत पर उक्त भूमि को हस्तांतरित किया जाएगा।
मंत्रिमंडल की बैठक में सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए सरकारी भूमि के अंतर-विभागीय हस्तांतरण से संबंधित विधियों की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई। हरियाणा सरकार ने एक सरकारी विभाग से दूसरे सरकारी विभाग को सरकारी भूमि के हस्तांतरण, राज्य के विभिन्न सरकारी बोर्डों एवं निगमों को सरकारी भूमि के हस्तांतरण, नगर निगमों या नगर परिषदों या नगर समितियों और जिला परिषदों एवं खंड समितियों सहित ग्राम पंचायतों को सरकारी भूमि के हस्तांतरण और इसके अतिरिक्त, सरकारी विभाग को नगर निगमों या नगर परिषद या नगर समिति की भूमि के हस्तांतरण और सरकारी विभागों को ग्राम पंचायत की भूमि के हस्तांतरण से संबंधित मामलों की जांच करने और रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए 17 फरवरी, 2020 को चार सदस्यीय समिति का गठन किया था ।
बिजली मंत्री रणजीत सिंह, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, पुरातत्व एवं संग्रहालय राज्य मंत्री अनूप धानक समिति के सदस्य और राजस्व विभाग के वित्तायुक्त तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभगा के अतिरिक्त मुख्य सचिव इस समिति के सदस्य सचिव के रूप में शामिल थे।