CHANDIGARH: केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने आज यहां कहा कि 2021 को ‘देखो भरत’ के रूप में मनाया जाएगा, जिसके तहत पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए विभिन्न तरह की पहल की जाएंगी, जो लोगों को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करेगी।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने पर्यटन नीति और संस्कृति मंत्रालय के साथ सेंटर फ़ॉर एकोनोमिक पॉलिसी रीसर्च और स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित इंडिया टूरिज्म कॉन्क्लेव, 2021 के दूसरे संस्करण के लिए अपने वर्चुअल अध्यक्षीय भाषण में कहा कि भारत के पास हजारों साल पुराना एक भंडार है और इस साल समृद्ध संस्कृति और ‘देखो भारत’ अभियान के तहत देश के भीतर लोगों को समृद्ध विरासत का पता लगाने के लिए आमंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि लगभग 2.20 करोड़ पर्यटक हर साल देश से बाहर जाते हैं, जो हमारे देश में उपलब्ध है। हमारे पास गुफाएँ, महासागर, अभयारण्य आदि हैं, लेकिन हमें स्वदेशी पर्यटन के लिए एक नई दृष्टि विकसित करने की आवश्यकता है।
पटेल ने कहा कि भले ही कोविड लॉकडाउन ने पर्यटन उद्योग को एक क्रूर झटका दिया है, लेकिन यह बताते करते हुए खुशी हो रही है कि पर्यटन स्थलों में आरक्षण शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पर्यटन को एक उद्योग के रूप में बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसने विकास के मामले में भारत को 2014 में 65 वें स्थान से बढ़ा कर 2019 में 34 वें स्थान पर ला खड़ा किया है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल सरकार मनाली, शिमला, कसौली आदि जैसे लोकप्रिय स्थानों से पर्यटकों को दूर करने के लिए विशेष पर्यटन स्थल विकसित करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने कोविड के बाद की अवधि में पर्यटकों को लुभाने के लिए एक नई योजना ‘नई राहें, नेई मंजिलें’ शुरू की है।
सतीश कुमार, राष्ट्रीय संयुक्त आयोजक स्वदेशी जागरण मंच ने बताया कि देश में रोजगार पैदा करने के लिए पर्यटन उद्योग महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 20 से 35 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 37 करोड़ युवाओं के साथ भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि पर्यटन उद्योग को एक बड़ा बढ़ावा देने के लिए 2014 और 2019 के बीच 63 लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुईं। उन्होंने देश के भीतर पर्यटन की क्षमता को पहचानने की आवश्यकता को रेखांकित किया जिसकी परंपरा 10,000 वर्ष से अधिक पुरानी है। उन्होंने कहाकि हमारे पास एक सोने की खान है, केवल एक परिप्रेक्ष्य विकसित करने की आवश्यकता है
चंडीगढ़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में कहाकि आज का युवा विदेश जाने के बजाय अपनी मातृभूमि का पता लगाने के लिए तैयार व् उत्साहित हैं। सुभाष शर्मा, निदेशक सीईपीआर, ने कहा कि कोविड के कारण सम्मेलन पिछले साल नहीं हो सका, लेकिन कोविड के बाद के समय में उद्योग दोगुनी तेजी के साथ वापस आया है। लगभग 15 पैनलिस्ट और 18 से अधिक शिक्षण संस्थानों सहित 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने चंडीगढ़ में भौतिक और वर्चुअल रूप से दिन भर के सम्मेलन में भाग लिया। पर्यटन के दृष्टिकोण से भारत को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है जो न केवल लोगों को उनकी संस्कृति को जानने में मदद करेगा बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि लाखों लोगों को रोजगार पैदा करने में मदद करेगा।