CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के बाद आप सोचते हैं कि अब सबकुछ ठीक हो गया है तो आप मुगालते में हैं। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में भी पंजाब कांग्रेस की तरह अंतर्कलह जोर पकड़ रही है। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के रास्ते पर बढ़ गए हैं। आज उन्होंने चंडीगढ़ के शीर्ष कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छाबड़ा ने चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को एक चिट्ठी लिखकर यहां पार्टी चलाए जाने के तौर-तरीकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने चंडीगढ़ के वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा देने और समर्पित कार्यकर्ताओं को हाशिए पर डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
पुराने व निष्ठावान नेताओं को किया जा रहा दरकिनार
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं चंडीगढ़ संगठन प्रभारी हरीश रावत को भेजे पत्र में पार्टी की मीटिंगों का हवाला देते हुए उनके (प्रदीप छाबड़ा) समेत पार्टी के कई पुराने व निष्ठावान नेताओं को जानबूझकर संगठन की गतिविधियों से दरकिनार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आज भी चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस की बुलाई गई वर्चुअल मीटिंग में उन्हें व पार्टी के कई नेताओं को आमंत्रित करना तो दूर, सूचना तक नहीं दी गई, जबकि करीब 100 अन्य पार्टीजनों को मीटिंग में जुडऩे की इत्तलाह दी गई लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के व्यवहार के कारण बमुश्किल 70-75 लोग ही वर्चुअल मीटिंग में जुड़े।
अलंबरदार धकेल रहे पार्टी को गिरावट की ओर
छाबड़ा ने कहा कि पार्टी में बहुत से साथी ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी का अहम समय कांग्रेस को दिया। प्रदर्शन किए, लाठियां खाईं व गिरफ्तारी के साथ पार्टी के हर काम में सहयोग किया लेकिन आज चंडीगढ़ में पार्टी के अलंबरदार बनने वाले नेता पार्टी में मनमर्जी व धक्केशाही चला रहे हैं। छाबड़ा ने हरीश रावत से पत्र में यह भी कहा है कि देश के साथ-साथ चंडीगढ़ में भी कोरोना महामारी की वजह से बुरा हाल है। इसी वर्ष के अंत में नगर निगम चुनाव भी होना है। यह एकजुट होकर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मेहनत करने का समय है लेकिन इसके अलट पार्टी के वरिष्ठ नेता पार्टी को गिरावट की ओर ले जा रहे हैं।
अंत में हरीश रावत से की ये अपील
छाबड़ा ने पत्र में कहा है कि आज जो लोग पार्टी से जुड़े और खुद को निष्ठावान दिखा रहे हैं, उनमें से अधिकांश क्यों पार्टी में खुद को आगे दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, यह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला व बाकी नेताओं को भी अच्छी तरह से पता है। इसलिए आज जरूरी है कि पार्टी में समर्पित कार्यकर्ताओं व नेताओं को तरजीह देकर गुटबाजी को बढ़ावा देने वाले नेताओं को समझाएं। अपने-बेगाने का चक्कर छोड़कर सभी को साथ लेकर चलने का निर्देश दें। सभी को मान-सम्मान मिले, ताकि चंडीगढ़ कांग्रेस मजबूत हो।
नजरें अब हरीश रावत के रुख पर
बता दें कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस में भी पिछले काफी समय से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अब पंजाब प्रदेश कांग्रेस में भी अंतर्कलह मुखर हो गई है। पूर्व मंत्री एवं चर्चित नेता नवजोत सिंह सिद्धू पहले से ही प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे थे लेकिन अब उनके सुर बगावती होने लगे हैं। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा की आज की चिट्ठी को यहां पार्टी में लैटर बम की तरह देखा जा रहा है। छाबड़ा का यह अंदाज भी नवजोत सिंह सिद्धू से मेल खाता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत अब इस पर क्या रुख दिखाते हैं, इस पर सबकी नजर रहेगी। हरीश रावत कांग्रेस की पंजाब और चंडीगढ़ दोनों राज्य इकाइयों के प्रभारी हैं।