परवीर रंजन और एमके तिवारी मुख्य अतिथि के रूप मे शामिल हुए
CHANDIGARH, 13 OCTOBER: स्थित शिरडी साईं मंदिर में साई बाबा की महासमाधि दिवस के उपलक्ष्य में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में वीरवार को मंदिर परिसर में पहली बार शिरडी के साईं बाबा के साईं सच्चरित्र पर आधारित लाइट एंड साउंड शो ‘कर दो दुखों का अंत, हे मेरे साईं’ नाटक का मंचन हुआ, जिसमें साईं बाबा की जीवनी को प्रस्तुत किया गया।
बाबा के 3 दिन तक अपना शरीर त्यागने और वापिस आने के दृश्य ने साईं भक्तों को बाबा की अनुभूति का एहसास करवा दिया। शिरडी साईं अर्पण सोसाइटी द्वारा इसका आयोजन किया। चण्डीगढ़ के पुलिस प्रमुख परवीर रंजन और पंजाब पुलिस के सेवानिवृत्त डीजीपी एमके तिवारी मुख्य अतिथि के रूप मे शामिल हुए। इस अवसर पर अटूट भंडारा भी बरताया गया जिसे हिमाचल से आई खानसामा टीम द्वारा बनाया गया था।
चण्डीगढ़ में भी शो को जनता का बढ़िया प्रतिसाद मिला
इस लाइट एंड साउंड नाटक में दिखाया गया कि साईं बाबा ने शिरडी आकर लोगों का किस प्रकार दुख दूर किया और आम जनमानस में भगवान के रूप में स्थापित हो गए। शो के निर्माता सतीश बेरी और निर्देशक विनीत कुमार ने बताया कि इस नाटक में लगभग 50 स्थानीय कलाकारों ने भूमिका निभाई जिनमें साईं बाबा के रूप में शोएब और बायजा माँ के रूप में हिमानी ने भूमिका निभाई जबकि अशोक चौधरी ने चांद पाटिल, पूजा चौहान ने सुंदरा बाई व कमल ने पंडित साजन की तथा अन्य भूमिकाएं लक्ष्मी, अनीता, गुनिया, अभिषेक, निखिल भंडारी, वैध कांति प्रसाद, अमजद, अमन, राहुल ने निभाईं।
आयोजकों के मुताबिक इस शो के आयोजन का उद्देश्य साईं बाबा के संदेश सबका मालिक एक का प्रचार-प्रसार करना था। सभी इंसान एक हैं उनके चाहे वह किसे भी धर्म या जाति से संबंध रखते हों। उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पहले इसका पहला शो आयोजित किया गया था जिसे जनता का बेहद प्यार हासिल हुआ। बाद में ये शो सफलतापूर्वक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में आयोजित किए गए और अब चण्डीगढ़ में भी इसे जनता का बढ़िया प्रतिसाद मिला।
89 साईं भक्तों ने रक्तदान किया
मंदिर परिसर में इस मौके पर रक्तदान कैंप का आयोजन किया गया जिसमें पीजीआई चंडीगढ़ की टीम ने रक्त एकत्र किया। शिविर में 89 साईं भक्तों ने रक्तदान किया।
15 अक्तूबर को बाबा के 105वें समाधि दिवस पर होंगे मुख्य कार्यक्रम
15 अक्तूबर को बाबा का 105 वां समाधि दिवस है। 1918 में इस दिन बाबा ने अपना शरीर त्याग किया था। मंदिर कमेटी के प्रधान रमेश कालिया व महासचिव मनीष गुप्ता ने बताया इस बाबा ये विशेष आयोजनों को किए जाने का फैसला लिया गया। बीती 7 तारीख को बाबा की विशाल रथ पालकी यात्रा के साथ कार्यक्रम शुरू हुए थे। 15 अक्तूबर को बाबा की काकड़ आरती और भक्तों द्वारा बाबा के मंगल स्नान से आयोजन शुरू होगा। रात 8 बजे भजन गायक पंकज राज के बाबा के गुणगान और हिमाचल के खानसामा टीम द्वारा बनाए जाने वाले बाबा के भंडारे के साथ संपन्न होंगे।