CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए आज अनुसूचित जाति के लोगों को कानूनी सहायता योजना के तहत दी जाने वाली राशि को दोगुना करने की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के लोगों को अदालतों में संपत्ति, कृषि भूमि, किराया और आरक्षण आदि से संबंधित मामलों की पैरवी का खर्च पूरा करने हेतु 11,000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने इसे बढ़ाकर 22,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के लिए 524 करोड़ रुपये, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए 7,828 करोड़ रुपये, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 1,621 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के लिए 824 करोड़ रुपये का परिव्यय बजट प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि लैंगिक समानता और महिलाओं एवं लड़कियों के सशक्तिकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार की सहायता से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, समेकित बाल विकास योजना, आपकी बेटी हमारी बेटी, समेकित बाल संरक्षण योजना, पोषाहार अभियान, महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर और महिलाओं के लिए राज्य संसाधन केंद्र जैसी अनेक पहलें क्रियान्वित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि लक्षित 4,000 प्ले-वे स्कूल खोलने के प्रस्ताव से बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा। पहले चरण में, स्कूल परिसरों या विभागीय भवनों में संचालित 1135 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले-स्कूल में अपग्रेड किया जाएगा और मार्च, 2021 से परिचालित किये जाएंगे। दूसरे चरण में, 2021-22 में 2865 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले-स्कूल में अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा, दो चरणों में 500 क्रेेचों को भी संचालित किया जाएगा। पहले चरण में, 2020-21 में 182 क्रेच पहले से ही स्वीकृत हैं और आधुनिक सुविधाओं के साथ संचालित किए जा रहे हैं। वर्ष 2021-22 में विभिन्न जिलों में कामकाजी महिलाओं की संख्या का आकलन करने के बाद मौजूदा आंगनवाड़ी केंद्रों का उन्नयन करके शेष 318 के्रच शुरू किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने लिंग संवेदीकरण योजना के तहत दिसंबर, 2020 तक लगभग 13.64 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 11 लाख महिलाओं एवं किशोरियों को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन वितरित करके 10 से 45 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को लाभान्वित किया है। इसी प्रकार,पोषण अभियान का लक्ष्य किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं एवं 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों के पोषण की स्थिति पर बल देना है। हरियाणा के सभी जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में वर्ष 2020-21 के दौरान 1.22 करोड़ प्रतिभागियों को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 के विजन के अनुरूप, सरकार अगले एक साल में आंगनवाडिय़ों की कार्य प्रणाली में सुधार लाएगी और शेष बचे 21,962 आंगनवाडिय़ों के माध्यम से गुणवत्तापरक खेल-खेल में सीख या स्कूल पूर्व शिक्षा प्रदान करेगी। प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश से पहले छोटी आयु के बच्चों के लिए एक ठोस मौलिक आधार बनाने से उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना देश के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में से एक है, जिसे समाज के वंचित वर्गों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए तैयार किया गया है। यह हरियाणा के किसानों एवं असंगठित श्रमिकों के लिए पेंशन तथा परिवार भविष्य निधि के आश्वासन के साथ राज्य के सभी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए जीवन एवं दुर्घटना बीमा सुनिश्चित करके उनकी सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा की दिशा में उठाया गया एक कदम है। इस योजना को भारत सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए तैयार किया गया है। इस योजना का उद्देश्य 1 लाख 80 हजार रुपये प्रति वर्ष तक की आय और 5 एकड़ प्रति परिवार तक की कुल भूमि जोत तथा परिवार पहचान पत्र संख्या वाले परिवारों को 6,000 रुपये वार्षिक की वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की राज्य बीमा न्यास के माध्यम से एक सर्वसमावेशी बीमा स्कीम शुरू करने की योजना है। इसमें दुर्घटना या किसी अनहोनी घटना में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह की मृत्यु होने पर विस्तृत बीमा कवर उपलब्ध करवाया जाएगा। यह स्कीम क्रियान्वित होने पर संबंधित विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा चलाई जा रही स्कीमों का स्थान लेगी।