भीड़ से अलग चल सको तो जानें, पथरीले रास्ते पर भी साथ दे सको तो जानें…

CHANDIGARH: श्री अद्वैत-स्वरूप फाऊंडेशन चंडीगढ़ व संवाद साहित्य मंच की ओर से आज वेबिनार के माध्यम से नव -चेतना काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें ट्राइसिटी के जाने-माने लगभग एक दर्जन कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम संचालित करते हुए कवियत्री नीरू मित्तल नीर ने तीन कवियों – प्रेम विज, सरिता मेहता और आरके भगत को उनके जन्मदिवस की बधाई दी।  

मुख्य अतिथि के रूप में अजय शुक्ला, चीफ एडिटर, इंडिया न्यूज और अध्यक्ष के रुप में अद्वैत-स्वरूप फ़ाऊंडेशन के अध्यक्ष ब्रिजेश वर्मा उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में जागृति के पूर्व संपादक प्रेम विज तथा विद्याधाम ओवरसीज अमेरिका की अध्यक्ष डॉ. सरिता मेहता थीं। बाल कृष्ण गुप्ता ने कवियों का स्वागत किया। नीरू मित्तल नीर ने सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम शुरू किया और अपनी कविता ‘एक नज़्म सी हूं मैं अधलिखी, पढ़ लेना मुझे किताबों में’ प्रस्तुत की।

अनीश गर्ग ने कहा- ‘आओ कुछ अलहदा सा बाल दिवस मनाते हैं, आओ उस बच्चे को ढूंढ कर बाहर लाते हैं’। डॉ. सरिता मेहता ने कहा ‘शुक्रिया है दोस्तों मेरी ज़िन्दगी आने का’। बाल कृष्ण गुप्ता ने कहा ‘पतंग बोली, मेरी तरह ही अनेक अबलाओं का हाल है, कई जल्दी कट जाती हैं, अनेक को दूसरों की इच्छानुसार उड़ना पड़ता है।’ प्रेम  विज ने ‘भीड़ से अलग चल सको तो जानें, पथरीले रास्ते पर भी साथ दे सको तो जानें’ प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। सोमेश ने आरके भगत की गज़़ल और संगीता चौधरी ने हजारिका का गीत प्रस्तुत किया। इसके अलावा राशि श्रीवास्तव, विजय कपूर, सुभाष भास्कर, विनोद खन्ना, विनोद शर्मा, गणेश दत्त, हरिंद्र सिन्हा, दीपिका गुप्ता और अशोक नादिर ने भी अपनी कविताएं सुनाकर खूब तालियां बटोरीं।

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