CHANDIGARH: चंडीगढ़ डायबिटीज कैपिटल सिटी बनता जा रहा है,हालाँकि चंडीगढ़ काफी हरियाली भरा शहर है व् रेजिडेंट्स काफी एक्टिव लाइफस्टाइल लेकिन फिर भी बीमारियां बढ़ रहीं है , क्या हम सब का खान पान सही है ? कहना है जानी मानी डायटीशियन श्रेया का जैसे जैसे हम समृद्ध हो रहे हैं हमारी व्यस्तता बढ़ती जा रही है और हम खाना पकाने के बजाय हम रेडीमेड खाना जैसे की कॉर्नफ़्लेक्स दूध में दाल कर खा लेते हैं , ब्रेड, जैम ,बटर, अंडे, पैकेट बंद फ़ूड का इस्तेमाल काफी होने लगा है। आज के शहरों में समय की कमी है न की पैसों की, अधिकतर लोग न्यूक्लियर फैमिली में हैं व कुकिंग के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं।
हमें चाहिए कि अपने खाने या टिफिन में ऐसे पौष्टिक आहार रखें, जो उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर हमें स्वस्थ भी बनाए और तमाम तरह की बीमारियों से बचाए भोजन में मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, वसा जैसे पौष्टिक तत्व, हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर हमें स्वस्थ भी बनाए रखते हैं, इसीलिए हम डाइट मील्स यानि डाइट टिफिन का कांसेप्ट ला रहे है ,यह जानकारी दी जानी मानी डाइटीशियन श्रेया ने वर्ल्ड हेल्थ डे सेलेब्रेशन के दौरान चंडीगढ़ प्रेस क्लब में दी ।
श्रेया ने बताया की भारतीय महिलाओं खासकर पंजाबियों को खूब तला हुआ व् फैट रिच फ़ूड बनाने व् खाने की पुश्तों से आदत है ,इसलिए जरुरी हैं कि हम अपने खाने या टिफिन में ऐसे पौष्टिक आहार रखें, जो आपको तमाम तरह की बीमारियों से बचाए व् आपकी पसंद का भी हो इसके लिए हमारी शेफ व् डायटीशियन की टीम मिलकर काम करेगी ।आज की व्यस्त दिनचर्या में हम अपने भोजन को नजरअंदाज कर देती हैं। अधिकतर महिलाएं भी आजकल वर्किंग है इसीलिए भागमभाग वाली जिंदगी के चलते अकसर दोपहर के भोजन के लिए लाए गए अपने लंच बॉक्स में शामिल चीजों पर पूरा ध्यान नहीं दे पाती। इस बात पर भी ध्यान नहीं देती कि लंच बॉक्स में संतुलित और पौष्टिक भोजन है भी या नहीं। समय की कमी के कारण वो या तो शॉर्टकट का रास्ता अपनाती हैं या कई बार घर से लंच न लाकर कैंटीन में मिलने वाले स्नैक्स या खाने पर निर्भर रहती हैं या फिर झटपट तैयार होने वाले इंस्टेंट फूड को अपनाने से भी परहेज नहीं करती, जिससे उनका या फिर सारे परिवार का टिफ़िन पौष्टिक ना होकर नुकसानदायक टिफ़िन हो जाता है।
इस लापरवाही के चलते हम सब कई तरह की छोटी-बड़ी गंभीर बीमारियों के भी शिकार हो जाती हैं। संतुलित भोजन न लेने पर हमें थकान, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, बात-बात पर गुस्सा आना लगता है। त्वचा, बालों और नाखून में रुखापन जैसे लक्षण तो दिखते हैं. डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस, मोटापा, कुपोषण, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, हार्ट प्रॉब्लम से भी ग्रस्त हो जाते हैं।
इसी के मद्देनजर आज वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर हम उत्तर भारत में पहली बार अपनी हाई टेक हाइजीनिक किचेन में सभी के लिए उनके अनुरूप डाइट टिफिन सेवा शुरू कर रहे हैं , जिसमें क्वालिफाइड डाइटीशियन की देख रेख में एग्जीक्यूटिव शेफ आपका कस्टमाइज्ड डिशेस वाला टिफिन आपके वर्कप्लेस या घर पर रोजाना डिलीवर करेंगे: श्रेया ने कहा की व्यस्त दिनचर्या के चलते या तो हम स्ट्रीट फ़ूड या फिर फ़ास्ट फ़ूड खाकर पेट भर लेतेहैं , जिसमें अधिकतर मोमोज , समोसे , कुलचे , भठूरे , बर्गर , पिज़्ज़ा शामिल होते है व् कब हम 10- 20किलो वजन बढ़ा लेते हैं यह तो पता ही नहीं चलता है ,साथ ही डायबिटीज , बी पी ,थाइरोइड ,पी सी डी के शिकार भी हो जाते हैं।
श्रेया ने बताया की शुरुआत में यह सेवा वर्किंग क्लास , बुजुर्गों,गृहणियों व् बीमारों को भी मनपसंद लेकिन हेल्दी खाना मिल पाए के लिए ट्राइसिटी में शुरू की जा रही है, व् आने वाले समय में समाज को स्वस्थ बनाने के लिए हम पुरे देश में यह सेवा इंडिविजुअल व् अस्पतालों व् कार्पोरेट्स के लिए भी शुरू करेंगे। आज वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर फ्री हेल्थी डाइट हेल्पलाइन @7307303835 भी लांच की गई ।
डाइटीशियन श्रेया की किचन के एग्जीक्यूटिव शेफ ने हेल्दी व न्यूट्रिशन युक्त फ़ूड की लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी दी ,जिसमें शामिल रहा ,बिना तेल का अदरक का अचार , ओट्स की रोटी, नट मिक्सर, दही भल्ले , चिया सीड व गूंद कतीरा ,वेट लॉस ड्रिंक आदि।