तड़के तीन बजे खोले गए झील के फ्लड गेट, चौकी में सो रहे पुलिस कर्मियों ने बमुश्किल बचाई अपनी जान
CHANDIGARH: शनिवार रात को करीब आठ घंटे की बारिश के बाद रविवार को तड़के चंडीगढ़ की सुखना लेक के फ्लड गेट खोलने पड़ गए। लेक में पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था लेकिन लेक से छोड़े गए पानी ने बलटाना में अफरा-तफरी व हड़कंप मचा दिया। बलटाना पुलिस चौकी पानी में पूरी तरह डूब गई। सुबह तड़के अचानक पुलिस चौकी में आए पानी को देख अंदर सो रहे पुलिस कर्मियों के होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत बमुश्किल चौकी से निकलकर अपनी जान बचाई।
दरअसल, मानसून में इस बार भारी बारिश के चलते सुखना लेक का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से खतरे के निशान के पास पहुंच गया था। सुखना लेक का जलस्तर 1163 फुट पर मेंटेन किया जाता है लेकिन शनिवार रात करीब 8 बजे शुरू हुई तेज बारिश सुबह 4 बजे तक भी जारी रही तो सुखना लेक का जलस्तर करीब डेढ़ फुट तक बढ़ गया।
सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान के पास होने के कारण लेक के रेगुलेटर एंड पर तैनात कर्मचारी रातभर लेक के जलस्तर पर नजर बनाए रहे। त़ड़के करीब तीन बजे जब सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान को पार करके एमरजैंसी लेवल पर पहुंच गया तो तुरंत सुखना लेक के फ्लड गेट खोलकर अतिरिक्त पानी को निकालना पड़ गया।
सुखना लेक से छोड़े गए इस पानी की मार चंडीगढ़ व पंचकूला से सटे बलटाना पर पड़ी। हालांकि बलटाना का रिहायशी इलाका ऊंचाई पर है लेकिन बलटाना पुलिस चौकी यहां से निकलने वाले बरसानी नाले के पास निचले इलाके में है। सुखना लेक से जब पानी छोड़ा गया तो बरसाती नाला भी ओवर फ्लो हो गया व पुलिस चौकी इसकी चपेट में आ गई। उस समय चौकी में पुलिस कर्मी सो रहे थे। चौकी में अचानक पानी भरने की आवाज सुनकर उनकी नींद खुली तो नजारा देख उनके होश उड़ गए। देखते ही देखते पूरी चौकी पानी में डूब गई। पुलिस कर्मियों ने मुश्किल से निकलकर अपनी जान बचाई।
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