कोलकाता की एसटीएफ ने पंजाब के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जयपाल भुल्लर और जस्सी को किया ढेर

CHANDIGARH: मोस्ट वांटेड नशा तस्कर और गैंगस्टर जयपाल सिंह भुल्लर निवासी फिऱोज़पुर और जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी निवासी खरड़, एस.ए.एस. नगर, जिनके सिर पर क्रमवार 10 लाख और 5 लाख रुपए का इनाम था, को कोलकाता की एस.टी.एफ. पुलिस ने आज तब मार गिराया जब पुलिस पार्टी द्वारा उनके अपार्टमेंट पर रेड की गई और उन्होंने पुलिस पार्टी पर गोलियाँ चला दीं।

डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डी.जी.पी.), पंजाब दिनकर गुप्ता ने प्रैस कॉन्फ्ऱेंस को संबोधन करते हुए कहा कि गैंगस्टर से नशा तस्कर बने दोनों मुलजि़म 15 मई की शाम को जगराओं की अनाज मंडी में जगराओं पुलिस के दो ए.एस.आईज़ भगवान सिंह और दलविन्दरजीत सिंह की हत्या के मामले में वांछित थे।

जि़क्रयोग्य है कि जयपाल ने इससे पहले 10 मई, 2021 की शाम को दोराहा के नज़दीक जी.टी. रोड पर एक नाके पर तैनात खन्ना पुलिस के ए.एस.आई. सुखदेव सिंह के पास से 9 एम.एम. की पिस्तौल छीन ली थी। इस सम्बन्ध में पंजाब पुलिस ने पहले दर्शन सिंह और बलजिन्दर सिंह उर्फ बब्बी को 28 मई, 2021 को ग्वालियर से गिरफ़्तार किया था।

डीजीपी ने बताया कि फऱार नशा तस्करों जयपाल भुल्लर और जसप्रीत सिंह को काबू करने के लिए पंजाब पुलिस ने ऑपरेशन-जैक मैनहंट नामी बड़ा ऑपरेशन कोड चलाया और पुलिस की कई टीमों को दूसरे राज्यों के पुलिस बलों की सहायता से इन गैंगस्टरों को पकडऩे के लिए अलग-अलग राज्यों में भेजा गया।

उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस ने आज भरत कुमार निवासी साहनेवाल, लुधियाना को राजपुरा क्षेत्र में शंभू बॉर्डर के नज़दीक गिरफ़्तार किया था और टीम ने उससे रजिस्ट्रेशन नंबर डब्ल्यू बी 02 आर 4500 वाली एक हौंडा अकौर्ड गाड़ी समेत .30 बोर का पिस्तौल बरामद किया था। भरत, जयपाल भुल्लर का करीबी था, जो जयपाल और जस्सी के पंजाब से भागने के बाद मध्य प्रदेश के ग्वालियर क्षेत्र में जयपाल को लॉजिस्टिक्स सहायता दे रहा था।

डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि भरत ने खुलासा किया कि जयपाल और जस्सी दोनों कोलकाता में किराए के अपार्टमेंट में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस ने उनको गिरफ़्तार करने के लिए तुरंत कोलकाता के लिए उड़ान के द्वारा एक विशेष टीम रवाना की। उन्होंने कहा कि इस दौरान, हमारे द्वारा कोलकाता पुलिस के साथ तालमेल किया गया और उनको उक्त दोषियों के मौजूदा टिकानों के बारे में जानकारी दी, जिससे उनको गिरफ़्तार किया जा सके।

डीजीपी ने बताया कि कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बाद दोपहर जानकारी दी कि एस.टी.एफ. कोलकाता द्वारा की गई जवाबी गोलीबारी में दोनों अपराधी मारे गए हैं, जिस दौरान उनके एक पुलिस इंस्पेक्टर को भी गोलियाँ लगी हैं।

डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने कहा ‘‘मैं पश्चिम बंगाल पुलिस, ख़ासकर पश्चिम बंगाल पुलिस के ए.डी.जी.पी. और एसटीएफ प्रमुख विनीत गोयल (आईपीएस) का आभारी हूँ, जिन्होंने पंजाब पुलिस द्वारा दी गई जानकारी पर तुरंत कार्यवाही की और कोलकाता के अपार्टमेंट पर छापेमारी की, जहाँ जयपाल और उसका साथी जस्सी छिपे हुए थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जयपाल, साल 2014 से फऱार था और इन सभी सालों के दौरान उसने कई घृणित अपराध किए और वह 25 से अधिक सनसनीखेज़ आपराधिक मामलों में वांछित था। वह इस समय पाकिस्तान आधारित बड़े नशा तस्करों के साथ मिलकर सरहद पार से नशे की तस्करी में शामिल था।

जब शेरा खूबन 2012 में एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, तो जयपाल को शक था कि रोक्की ने शेर खूबन के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी। इसलिए 2016 में जयपाल ने सोलन के नज़दीक जसविन्दर सिंह उर्फ रोक्की का कत्ल कर दिया। जयपाल ने फेसबुक पर रोक्की के कत्ल की जि़म्मेदारी ली और इसको शेरा खूबन मुठभेड़ का बदला करार दिया। 2017 में जयपाल ने चितकारा यूनिवर्सिटी के नज़दीक चंडीगढ़-पटियाला हाईवे और एक नकदी ले जा रही वैन में से 1.3 करोड़ रुपए और रोपड़ में ए.टी.एम. लोडिंग वैन में से 35 लाख रुपए लूटे। 2020 में, जयपाल ने एक डकैती को अंजाम दिया, जिसमें उसने लुधियाना में करीब 33 किलो सोना लूटा। 15.05.2021 को जयपाल और उसके साथियों ने जगराओं में पंजाब पुलिस के दो ए.एस.आईज़ को गोली मार दी।

जपप्रीत सिंह उर्फ जस्सी पुत्र रविन्दर सिंह निवासी खरड़, जगराओं में दो ए.एस.आईज़ की हत्या समेत कम से कम 4 आपराधिक मामलों में शामिल था। वह जयपाल के साथ-साथ 28 मई, 2021 को गिरफ़्तार किए गए दर्शन सिंह और बलजिन्दर सिंह का करीबी साथी था।

आज कोलकाता में जयपाल और उसके करीबी साथी को बेअसर करने और 28 मई, 2021 को ग्वालियर से उसके 2 साथियों की गिरफ़्तारी के साथ सरहद पार से चल रहे हैरोइन की नशा-तस्करी के नैटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

डीजीपी ने कहा कि आज का ऑपरेशन आंतरिक सुरक्षा (आई.एस.) विंग और ओ.सी.सी.यू. के अधिकारियों की समर्पित टीम द्वारा दिखाई गई शानदार कारगुज़ारी और विभिन्न पुलिस बलों और केंद्रीय एजेंसियों के बीच तालमेल का नतीजा है।

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