आयकर के कानून 43 (बी) एच को फिलहाल एक साल के लिए स्थगित करने की मांग की
CHANDIGARH, 14 FEBRUARY: आयकर के कानून 43 (बी) एच को लेकर दिल्ली सहित देशभर के व्यापारियों में उपजी चिंताओं को लेकर कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन से उनके कार्यालय में मुलाकात की। यह जानकारी कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के चण्डीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग ने दी।
हरीश गर्ग ने बताया कि राष्ट्रीय महामंत्री खंडेलवाल ने इस विषय पर श्रीमती निर्मला सीतारमण को एक ज्ञापन देकर कहा कि देश का व्यापारी वर्ग सरकार के इस कदम का स्वागत करता है, जो व्यापारियों के बृहद हित में है किंतु अभी देशभर में व्यापारियों को इसकी जानकारी न होने से इस क़ानून की पालना में परेशानियां आ रही हैं। इस दृष्टि से उन्होंने आग्रह किया कि इस कानून को एक वर्ष के लिए स्थगित किया जाए।
श्रीमती सीतारमन ने इस विषय पर व्यापारियों की चिंताओं को बेहद ध्यानपूर्वक सुनते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बेहद संवेदनशील है और इस मामले पर पूर्ण रूप से विचार किया जाएगा। कैट ने ज्ञापन में कहा कि सरकार का यह निर्णय स्वागतयोग्य है, क्योंकि आयकर कानून में इस धारा के जुड़ने से अब एमएसएमई सेक्टर को अपने द्वारा दिये गये माल का भुगतान अधिकतम 45 दिनों में मिल जाएगा, जिससे व्यापारियों का पूंजी प्रवाह रुकेगा नहीं, किंतु अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह कानून व्यापारियों पर लागू होगा अथवा नहीं, वहीं इस कानून से जुड़े अन्य अनेक विषय हैं, जिनका स्पष्टीकरण आवश्यक है, ताकि क़ानून की पालना की जा सके।
कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि जब तक इस कानून से संबंधित विषयों पर स्पष्टीकरण न आ जाए तथा देशभर में व्यापारियों को इस कानून के बारे में पर्याप्त जानकारी न मिल जाए, तब तक इस कानून को स्थगित रखा जाए। कैट ने सरकार से यह भी आग्रह किया है कि इस कानून को 1 अप्रैल 2024 की बजाय 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाए अर्थात फ़िलहाल इस कानून को 1 वर्ष के लिए स्थगित किया जाए।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर के व्यापार में वित्तीय समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 के बजट में आय कर की धारा 43 (बी) में संशोधन करते हुए धारा एच को जोड़ा था, जिसका उद्देश्य एमएसएमई को समय पर अपने दिये हुए माल का भुगतान सुनिश्चित करना है, जो कि सरकार का एक बड़ा कदम है और लोगों को पेमेंट के मामले में काफी सुविधा होगी लेकिन एक लंबे समय तक इस कानून के विषय में लोगों को जानकारी न होने के कारण तथा कुछ स्तिथि स्पष्ट न होने की वजह से एक भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जिसको स्पष्ट करना आवश्यक है और इस दृष्टि से कैट ने कानून के इस प्रावधान को एक वर्ष के लिए स्थगित करने का आग्रह किया है और इसी बीच आय कर विभाग, एमएसएमई मंत्रालय एवं व्यापारी संगठन संयुक्त रूप से व्यापारियों को इस कानून के बारे में जानकारी देने के लिए व्यापक अभियान चलाएं, यह भी आग्रह कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री से किया है।