कहा- धोखेबाजी और सियासीकरण के द्वारा किसानों की हमदर्दी जीतने की नौटंकियां केजरीवाल के किसी काम नहीं आएंगी
CHANDIGARH: आम आदमी पार्टी द्वारा की जा रही निम्र दर्जे की राजनीति और कीचड़ उछालने की कड़ी आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आप कनवीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को आईना दिखाते हुए स्पष्ट किया कि केंद्रीय गृह मंत्री के साथ उनकी मीटिंग में सिफऱ् राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित एजेंडे पर विचार किया गया।
उन्होंने कहा कि सरहदी राज्य के गृह मंत्री के तौर पर वह दुश्मन पड़ोसी का सामना कर रहे हैं जिस कारण उनकी यह जि़म्मेदारी बनती है कि राज्य में चल रही गतिविधियों बारे भारत सरकार को अवगत करवाया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को मिलने से तब भी संकोच नहीं करेंगे जब-जब पड़ोसी दुश्मन देशों द्वारा अंदरूनी सुरक्षा मामलों में शह दी जाती रहेगी।
आप नेता की तरफ से लगाए जा रहे दोषों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताते हुए इनकी घोर निंदा करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इन दोषों में कतई सत्य नहीं है कि वह केंद्रीय गृह मंत्री को अपने परिवार पर चल रहे ई.डी. केसों के सम्बन्ध में मिले थे। उन्होंने आप पर बरसते हुए कहा कि वह अपनी राजनीति चमकाने के लिए झूठ और छल पर आधारित उनके खि़लाफ़ मुहिम चला रहे हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ई.डी. की तरफ से उनके खि़लाफ़ कोई केस दर्ज नहीं किया गया। हालाँकि उनके पुत्र रणइन्दर सिंह के खि़लाफ़ ई.डी. की तरफ से दर्ज एक केस पिछले एक दशक से चल रहा है और वह भी फेमा एक्ट के अधीन है जो कि सिविल /वित्तीय मामले के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने उनके पुत्र को इससे पहले भेजे आयकर के गलत अनुमानों के हुक्मों पर भी रोक लगा दी थी। बौखलाहट में आकर आयकर विभाग ने अब उनको समूचे परिवार समेत बदलाखोरी का निशाना बनाया और यहाँ तक कि उनके छोटे पोते-पोती को भी नहीं बक्शा और उनको काला धन रोकथाम अधिनियम के अंतर्गत नोटिस जारी किये गए जिनके साथ कानूनी ढंग से निपटा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल जैसा नौसिखिया और निकम्मा राजनीतिज्ञ ही ऐसे नतीजे पर पहुँच सकता है जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री की तरफ से पेश की जा रही तस्वीर से असली तस्वीर बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को शिष्टाचार की हदें पार नहीं करनी चाहीएं। अमृतसर (ग्रामीण) जिले में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ जुड़े ड्रोन गिरोह का पर्दाफाश करने के पाँच दिन बाद एक ड्रोन के द्वारा 19 और 20 दिसंबर की रात को पाकिस्तान की तरफ से फेंके गए 11 हैंड ग्रेनेड ज़ब्त करने की घटना जिसको आज मीडिया में भी प्रमुखता के साथ उभारा गया है।
इस कारण उनका यह फज़ऱ् बनता है कि केंद्र सरकार को इस संबंधी अवगत करवाया जाये जिससे प्रांतीय और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ पाकिस्तान के घिनौने इरादों को नाकाम करने के लिए ठोस रणनीति तैयार करने के लिए आपसी तालमेल के साथ काम करें क्योंकि पड़ोसी मुल्क राज्य की अमन-कानून व्यवस्था के साथ-साथ देश की एकता और अखंडता के लिए हमेशा ही बड़ा ख़तरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कई घटनाएँ मीडिया में रिपोर्ट नहीं होतीं क्योंकि लोगों में घबराहट पैदा होने से बचने के लिए इनको सार्वजनिक नहीं किया जाता। हालाँकि राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी यह ड्यूटी बनती है कि ऐसी हर गतिविधि संबंधी केंद्र सरकार को अवगत करवाया जाये।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केजरीवाल को काले खेती कानूनों बारे अपने अस्पष्ट स्टैंड पर सफाई देने की चुनौती देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पहले तो इस खेती कानून को नोटीफायी कर दिया और अब किसानों के प्रति झूठी हमदर्दी दिखाकर इस नाजुक मुद्दे पर मगरमच्छ के आंसु बहाए जा रहे हैं जो सिफऱ् और सिफऱ् केजरीवाल की नौटंकियों से अधिक और कुछ नहीं।
आप के नेताओं पर बरसते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केजरीवाल को चोटी का पाखंडी बताते हुए कहा कि उसके चमचों की आँख पंजाब के 2022 विधानसभा चुनाव पर है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आप तो सिफऱ् सस्ती राजनैतिक शोहरत कमाने के लिए किसानों के संघर्ष में शामिल हुए जबकि आप और आपकी पार्टी का उनकी दुख तकलीफ़ों के साथ कोई लेना-देना नहीं है। यदि आपको किसानों की थोड़ी सी भी चिंता होती तो आपकी पार्टी को अपने स्तर पर दिल्ली में केंद्र सरकार के कानूनों के विरुद्ध प्रदर्शन करना चाहिए था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरगिट की तरह रंग न बदलने की सलाह देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब के लोग पूरे दिल से किसानों के साथ खड़े हैं और केजरीवाल के चालबाज़ खेल को बहुत ध्यान के साथ देख रहे हैं जो किसानों के संघर्ष से राजनैतिक लाभ कमाने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि थोड़ा इन्तज़ार करो और देखो कि यह दीवार पर लिखा हुआ है कि आप और आपके चापलूसों की पार्टी पंजाब के राजनैतिक दृश्य से मिट जायेगी और इसकी शुरुआत भी हो गई है।