कैलाश जैन ने प्रशासक को लिखा पत्रः सभी व्यापारी संगठनों के साथ बैठक कर लॉकडाउन के संबंध में करें पुनर्विचार

CHANDIGARH: शहर के व्यापारी नेता व चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल के संयोजक कैलाश चंद जैन ने चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को पत्र लिखकर महामारी के इस संकटकाल के चलते व्यापारियों को राहत दिए जाने की मांग की है और व्यापारियों के साथ बैठक कर लॉकडाउन के संबंध में पुनर्विचार करने की अपील की है।

चंडीगढ़ में बंद क्या है ?

चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह को लिखे पत्र में कैलाश चन्द जैन ने कहा है कि यह सर्वविदित है कि वैश्विक महामारी कोरोना दिन-प्रतिदिन बड़ी तेजी से अपने पांव पसारती जा रही है और काबू में नहीं आ रही है। अगर चंडीगढ़ की ही बात करें कोरोना की चेन यहां भी बड़ी तेजी से फैल रही है। कोरोना की इस बढ़ती हुई चेन को तोड़ने के लिए कंप्लीट लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नजर नहीं आ रहा है लेकिन शहर में लंबा लॉकडाउन लगाने की बजाय आधा-अधूरा लॉकडाऊन लगाया गया है और लॉकडाउन के तहत जो गाइडलाइंस जारी की गई हैं, उनके अनुसार सड़कों पर वाहन यातायात जारी रहेगा, 50% स्टाफ के साथ दफ्तर खुलेंगे, बहुत सारी कॉमर्शियल एक्टिविटी होती रहेंगीं, शहर की अधिकतर दुकानें खोलने की इजाजत है। केवल कुछ चुनिंदा गैर जरूरी सामान बेचने की दुकानें बंद रखने के आदेश दिए गए हैं, जबकि होटल, रेस्टोरेंट, जरूरी सामान में दूध, ब्रेड, वेजिटेबल, फल-फ्रूट, डेयरी प्रोडक्ट, अंडा, मीट, बेकरी, करियाना, कन्फेक्शनरी, ग्रोसरी, मोबाइल रिपेयर, चश्मे आदि की दुकानें खोलने की इजाजत है तो फिर बंद क्या है ?

पूरा लॉकडाउन लगाया जाए

कैलाश जैन का कहना है कि इस प्रकार तो केवल 10% से 20% दुकान ही बंद होंगी, जो कि इन दुकानदारों के साथ सरासर नाइंसाफी है। जैन का कहना है कि उनका अभी भी वही स्टैंड है कि या तो पूरा लॉकडाउन लगाया जाए या फिर सारी दुकानें खोली जाएं।

दुकानदारों के लिए राहत पैकेज घोषित किया जाए

कैलाश जैन ने मांग की है कि कम्पलीट लॉकडाउन लगाने की स्थिति में दुकानदारों के लिए राहत पैकेज भी घोषित किया जाना चाहिए। दुकानदारों का प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली-पानी का बिल, बैंक का ब्याज आदि माफ कर राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की खातिर दुकानदार लॉकडाउन का कड़वा घूंट पीने को भी तैयार हो सकते हैं, बशर्ते उनके इंटरेस्ट का भी ख्याल रखा जाए।
इतिहास गवाह है कि जब-जब देश पर किसी किस्म की मुसीबत आई है तो व्यापारियों ने अपने नुकसान की परवाह किए बिना हमेशा देश सेवा की है और देश की सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है।

सर्वदलीय बैठक की तरह व्यापारी संगठनों के साथ भी हो बैठक

कैलाश जैन ने यह भी कहा है कि लॉकडाउन व शहर में कोविड जनित अन्य परिस्थितियों पर प्रशासन ने जैसे सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी, उसी तर्ज पर प्रशासक के स्तर पर शहर के सभी व्यापारी संगठनों के साथ भी बैठक आयोजित की जानी चाहिए, ताकि प्रशासन को यह भी पता लग जाए कि व्यापारी क्या चाहते हैं।

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