सम्मेद शिखर के संरक्षण के लिए चंडीगढ़ ट्राइसिटी के जैन समाज ने धर्म सभा व जागरूकता रैली में दिखाई एकजुटता

पंजाब व हरियाणा के राज्यपालों को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

अभी सिर्फ रोष मार्च स्थगित किया है, मांगें पूरी होने तक आंदोलन रहेगा जारीः कैलाश चंद जैन

CHANDIGARH, 6 JANUARY: झारखंड के जिला गिरिडीह स्थित जैन तीर्थक्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने की अधिसूचना वापस करवाने तथा सम्मेद शिखर जी को पवित्र धार्मिक स्थल घोषित करने की मांग को लेकर चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली तथा जीरकपुर (ट्राइसिटी) के जैन समाज के जैन श्रद्धालुओं ने 6 जनवरी को रोष मार्च निकालने का फैसला किया था लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में संज्ञान लिए जाने, झारखंड सरकार को सम्मेद शिखर जी की पवित्रता को बरकरार रखे जाने तथा इसे ईको पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने की अधिसूचना से बाहर करने के आदेश देने के बाद इस रोष मार्च को स्थगित कर दिया गया। इस बीच, आज श्री दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर-27 के प्रांगण में धर्म सभा व जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इसके बाद अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री को प्रेषित करने के लिए पंजाब व हरियाणा के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपा।

जैन महासंघ चंडीगढ़ ट्राइसिटी के बैनर तले गठित की गई सम्मेद शिखर जी संघर्ष समिति द्वारा संयोजक कैलाश चंद जैन के नेतृत्व में आयोजित इस धर्मसभा व जागरूकता रैली में चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली, जीरकपुर व आसपास के क्षेत्रों के बड़ी संख्या में जैन तथा सम्मेद शिखर जी के प्रति सहानुभूति रखने वाले अनेक अजैन श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर संघर्ष समिति के संयोजक कैलाश चंद जैन ने कहा कि केवल रोष मार्च स्थगित किया गया है, आंदोलन नहीं। सम्मेद शिखर जी को जैन धार्मिक पवित्र स्थल घोषित होने की आधिकारिक सूचना जारी होने तथा पर्यटन स्थल घोषित करने वाली अधिसूचना के वापस होने तक आंदोलन जारी जारी रहेगा। फिलहाल, आंदोलन को भी स्थगित किया गया है, खत्म नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जैन समाज की मर्यादाओं के खिलाफ कोई भी कार्य करने अथवा भावनाओं से खिलवाड़ होने की सूरत में जैन समाज दोबारा सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर सकता है।

चंडीगढ़ के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को ज्ञापन सौंपते हुए चंडीगढ़ ट्राइसिटी के जैन समुदाय के प्रतिनिधि।

इस अवसर पर जैन साध्वी संयमपथ की अमर साधिका मगन जी महाराज की सुशिष्या सरलमना श्री निर्मल जी महाराज साध्वी यशा ज्योति जी महाराज ठाणे ने भी आशीर्वचन दिया। उन्होंने सम्मेद शिखर जी की महिमा बताई व समाज में एकता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार जैन तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी की मर्यादा जैन धर्म के अनुसार बनी रहेगी तथा शीघ्र ही इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी होगी। उन्होंने सफल कार्यक्रम के लिए आयोजकों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर कैलाश चन्द जैन (संयोजक) , नवरतन जैन, संत कुमार जैन, धर्म बहादुर जैन, सुशील कुमार जैन, संजय जैन, प्रदीप जैन, अजय जैन, जेके जैन, मनोज जैन, किशोरी लाल जैन, इश कुमार जैन, अशोक कुमार जैन, राजेश जैन, आरके गर्ग, एडवोकेट अजय जैन, श्रीमती आभा जैन, विपिन जैन, हरीश जैन, नरेन्द्र कुमार अहुजा, अनिल कुमार जैन आदि सहित बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालु मौजूद थे।

कार्यक्रम का संचालन संत कुमार जैन ने किया तथा प्रधान नवरत्न जैन ने सभी लोगों का धन्यवाद व्यक्त किया। बाद में चंडीगढ़ के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित तथा हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि 20 जैन तीर्थंकरों और अनंत मुनियों की मोक्ष स्थली होने के कारण श्री सम्मेद शिखर जी का कण-कण प्रत्येक जैन के लिए पूजनीय तथा वंदनीय है।

ज्ञापन में की गई यह मांगें

  1. ‘पारसनाथ पर्वतराज’ को वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित ईको सेंसटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन सूची से बाहर किया जाए।
  2. ‘पारसनाथ पर्वतराज’ को बिना जैन समाज की सहमति के ईको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण्य का ‘एक भाग’ और तीर्थ ‘माना जाता है’ लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई) दिनांक 02अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए।
  3. ‘पारसनाथ पर्वतराज’ और मधुबन को मांस-मदिरा सेवन मुक्त पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित किया जाए।
  4. पर्वतराज की वन्दना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण, सामान जांच हेतु CRPF व स्कैनर, CCTV कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाए जाएं।
  5. पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो।
  6. तीर्थ जैन सम्मेद शिखर, पालीताना, गिरनार जी जैन समाज के अन्य सभी धार्मिक तीर्थस्थलों की सुरक्षा व संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
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