चंडीगढ़ में बढ़ते प्रदूषण और साइबर क्राइम पर साहित्यकारों ने डीएसपी साऊथ जसविंदर सिंह के साथ की चर्चा, कविताएं भी पढ़ीं
CHANDIGARH, 18 NOVEMBER: आचार्य कुल संस्था और संवाद साहित्य मंच के साथ जुड़े प्रबुद्ध साहित्यकारों ने आज शहर में बढ़ते प्रदूषण और साइबर क्राइम पर डीएसपी साऊथ जसविंदर सिंह के साथ चर्चा की एवं इन्हीं विषयों पर कविताएं भी सांझा कीं। डीएसपी जसविंदर सिंह ने बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण करने के अधिक से अधिक आक्सीजन उत्सर्जन इंडोर प्लांट लगाने के लिए प्रेरित किया और इन दिनों में वाहनों का कम से कम प्रयोग करने पर बल दिया।
डीएसपी जसविंदर सिंह ने कहा कि लाइट प्वाइंट पर लाल बत्ती होने पर वाहन का इंजन बंद करना चाहिए और समय पर गाड़ी की सर्विस करवानी चाहिए। इन दिनों में बुजुर्गों को सैर से परहेज करना चाहिए और जरूरी काम से घर के बाहर निकलना हो तो मास्क पहनकर जाएं। प्लास्टिक से परहेज़ करना चाहिए।
डा. अनीश गर्ग, महासचिव क्राफ्ड ने बताया कि डीएसपी ने कवियों से आह्वान किया कि वे अपनी कविता और लेख के जरिए लोगों को प्रदूषण कम करने के लिए जागरूक करें। आचार्य कुल संस्था के अध्यक्ष केके शारदा ने कहा कि वह अपनी संस्था के माध्यम से स्कूल-कालेजों में स्लोगन लेखन प्रतियोगिता जैसे आयोजन करके प्रदूषण के प्रति जागरूकता अभियान चलाएंगे। संवाद साहित्य मंच के अध्यक्ष प्रेम विज ने कहा कि उनकी संस्था छोटी-छोटी गोष्ठियों के माध्यम से इस अभियान में सहयोग देगी। इसके बाद पर्यावरण पर कविताओं का दौर चला। डा. अनीश गर्ग ने अपनी कविता की पंक्तियां पढ़ते हुए कहा,
उजाड़े जंगल बसाये शहर, काला धुंआ चारों पहर,
ढूंढूं पेड़ गली-गली, सांस घुटे कैसा कहर।
प्रेम विज ने कहा,
आजकल सैर पर नहीं जाता हूं मैं, इस कमरे से उस कमरे हो आता हूं मैं,
डेजी बेदी ने कहा,
घर से निकलना दूभर हो रहा है, जहरीले धुएं से आदमी रो रहा है।
संगीता शर्मा कुंद्रा ने पढ़ा,
तेरे करके ही प्यासी है धरती,
तेरे करके ही नहीं आया बादल।
सुधा मेहता ने कहा,
“बचपन की थी जो हवा सुगंधित,
अब स्मॉग कहला रही,
निर्मल कलकल करती नदियां, गंदी होती जा रहीं।
कार्यक्रम में हरेंद्र सिन्हा ने भी पर्यावरण सुरक्षा पर कविता पढ़ी। इस मौके पर समाजसेवी नीतीश बंसल तथा जलविद् अमनदीप सिंह विशेष तौर पर उपस्थित रहे। आचार्य कुल संस्था के अध्यक्ष केके शारदा ने कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।