भविष्य के चक्कर में अपने आज से न करें खिलवाड़
CHANDIGARH: कोविड-19 ने जहां लोगों की ज़िंदगी व कामकाज पर असर डाला है, वहीं इससे लोगों के बाहर के देशों में जाकर सेटल होने के सपने पर भी बहुत असर पड़ गया है। धीरे-धीरे कई देशों ने भारत के लोगों के लिए अपने दरवाजे खोलने शुरू कर दिए हैं। इस समय लोगों को अपने बाहर माइग्रेट होने के सपने को लेकर क्या कदम उठाने चाहिए इस पर इमीग्रेशन एक्सपर्ट व गेट ग्लोबल इमीग्रेशन, चण्डीगढ़ के एमडी सुमीत कालरा ने कुछ सुझाव पेश किए। सुमीत ने बताया कि कोविड-19 से हिट होने के बाद सभी देशों की इकॉनमी पर असर पड़ा है व काम-काज धीमा हो गया है। उन्होंने कहा कि इस समय बाहर जाकर पढ़ने या सेटल होने की इच्छा रखने वाले लोगों को तभी पैसे लगाने चाहिए जब वे या उनका परिवार उतने पैसे खर्च करने में पहले से समर्थ हों। यह समय लोन लेकर या ब्याज पर पैसा उठाकर अपने फॉरेन ड्रीम्स को पूरा करने का नहीं है। उन्होंने बताया कि लोग चाहे कनाडा जाना चाहते हों, रूस, यूरोप, सिंगापुर या दुनिया में कहीं भी, उन्हें उसके लिए बजट प्लान करना बहुत जरूरी है। उसके साथ ही अपना बैकअप प्लान रखना सबसे आवश्यक है क्योंकि बाहर के देशों में जाकर 2-3 साल स्ट्रगल करना पड़ सकता है जिसके लिए पहले से वहां होने वाले खर्चों के लिए पैसे जमा होने बहुत जरूरी रहेगा। सुमीत का कहना है कि कोविड से पहले बाहर जाकर पढ़ने वाले बच्चों को आसानी से जॉब मिल जाया करती थी जिससे खर्चे निकालना आसान रहता था। लेकिन अब समय बदल गया है और लोगों को बाहर जाकर बिना जॉब के सर्वाइव करने हेतु पैसे अपने पास रखने ही होंगे।
सुमीत ने बताया कि लोगों की जॉब्स चले जाने के कारण लोग बाहर के देशों में जाकर काम करने के लिए उतावले हो रहे हैं जिसके कारण हमारे पास सलाह लेने के लिए लोगों का तांता लगने लग गया है। इससे हमारी भी ज़िम्मेदारी बढ़ गई है। पहले हम इतनी जांच-पड़ताल नहीं किया करते थे लेकिन अब हमें लोगों की वित्तीय पृष्ठभूमि की गहराई से जांच करनी पड़ रही है। लगातार अलग-अलग फ्लाइट्स बैन की खबरों पर लोगों की प्रतिक्रिया पर सुमीत ने बताया कि लोग बहुत निराशा और गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं। ऐसे में मेरी यही सलाह रहेगी कि लोग खुद भी देशों की ट्रेवल एडवाइजरी या वेबसाइट्स चेक करते रहें और केवल एजेंटों पर निर्भर न रहें। साथ ही सोच-समझकर ही टिकट बुक करें व बुकिंग के लिए सही प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें। सुमीत ने जानकारी दी कि लोगों में नौकरियां चले जाने से व एकदम से बाहर न जा पाने के कारण डिप्रेशन बढ़ गया है जिसके साथ ही ज्ञान की कमी में भी इज़ाफ़ा हुआ है। ऐसे में बाहर जाने के इच्छुक लोगों को उन्होंने सलाह दी है कि भविष्य के चक्कर में अपना आज खराब न करें। जागरूक रहें व अपनी इमीग्रेशन कंसल्टेशन कंपनी या एजेंट के बारे में पूरी जानकारी हासिल करें नहीं तो धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। इसके लिए उनका लाइसेंस चेक करें, सभी जरूरी दस्तावेज व हर प्लेटफॉर्म पर मौजूद रिव्यु जरूर देखें। ऐसे समय में आंखें मूंद कर काम लेने से आपके बाहर जाने का सपना पूरा नहीं होगा साथ ही आप धोखाधड़ी का शिकार होकर धक्के खाने पर मजबूर हो सकते हैं।