गांधी स्मारक निधि ने गांधी स्मारक भवन सैक्टर-16 में मनाया योग दिवस
CHANDIGARH, 21 JUNE: गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश की ओर से गांधी स्मारक भवन सैक्टर-16 चंडीगढ़ में योग दिवस बहुत सफलतापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुभाष गोयल ने कहा कि योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास से शरीर, मन, विचार एवं कर्म के बीच सामंजस्य प्रदान होता है। योग केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकृति के साथ एकत्व खोजने का भाव है।
योग गुरू डा. सुखदीप दुस्सर, सेलेब्रिटी योगा टेनर ने बताया कि शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में योग मदद करता है। शरीर और मन को शांत करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का संतुलन बनाता है। यह तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायता करता है और आपको आराम से रहने में मदद करता है। योग आसन शक्ति, शरीर में लचीलेपन और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है।
योग गुरू नरेश शर्मा ने कहा कि मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार शरीर के आसन और एलाइनमेंट को ठीक करता है बेहतर पाचन तंत्र प्रदान करता है, आंतरिक अंग मजबूत करता है, अस्थमा का इलाज करता है मधुमेह का इलाज करता है दिल संबंधी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है।
डा मुकेश अग्रवाल ने कहा कि योग से त्वचा के चमकने में मदद करता है शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ावा देता है एकाग्रता में सुधार मन और विचार नियंत्रण में मदद करता है चिंता, तनाव और अवसाद पर काबू पाने के लिए मन शांत रखता है तनाव कम करने में मदद करता है।
इस मौके पर शिक्षा, सूचना और संचार माहिर अमनदीप सिंह ने योग का महत्व बताया और हर रोज योग करने के लिए प्रेरित किया उन्होंने पौष्टिक आहार ही लेने पर भी जोर दिया जो कि सेहत के लिए लाभदायक होता है।
देवराज त्यागी ने संचालन करते हुए बताया कि 2015 से हर साल अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी भारतीय आयुष मंत्रालय ने योग दिवस के लिए थीम चुनी है] मंत्रालय के अनुसार इस बार योगा फॉर ह्यूमैनिटी को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम चुना गया है।
उप-प्रभारी पापिया चक्रवर्ती ने बताया कि योग दिवस के लोगो किसका प्रतीक है, इस बारे में बताया कि पहले तो मनुष्य हाथ जोड़कर योग करता हुआ दिखाई दे रहा है। इस चित्र में मनुष्य का हाथ जोड़ना एकता और संगठन का प्रतीक है। हाथ जोड़ना अपनी आत्मीय चैतन्यता के साथ वैश्विक चैतन्यता को मिलाने का प्रतीक है। यह सामंजस्य मन व शरीर] मनुष्य व प्रकृति तथा स्वास्थ्य व अच्छे इंसान के बीच का है।
इस अवसर पर एस.पी गर्ग, कमल अग्रवाल, कुलवंत कौर, विमल कांता, रमा देवी, मोनिका सिंगला, यादविंदर डोगरा, डा. चन्ना, योगेश बेह, खुशबु, शिवानी कुमारी, काजल, आनंद राव, गुरप्रीत, अमित कुमार, विक्की, नीलम शर्मा, आंचल, रमन शर्मा इत्यादि ने भाग लिया।