कांग्रेसी मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री को अकाली दल की पीठ थपथपाने पर आड़े हाथों लिया
प्रकाश सिंह बादल बताएं कि 15 दिनों के अंदर ऑर्डीनैंस बारे दिए दोनों बयानों में से किस पर यकीन करें
सिखी और किसानी के सिर पर पाँच बार मुख्यमंत्री बनने वाले बुजुर्ग अकाली नेता ने दोनों पक्षों के साथ विश्वासघात किया
CHANDIGARH: सीनियर कांग्रेसी नेता और कैबिनेट मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को सवाल किया है कि किसान विरोधी कृषि बिलों के पास होने पर ढोंग का सहारा लेकर शहीद बनने का राग अलापने वाली हरसिमरत बादल के इस्तीफे पर वह गर्व करने से पहले यह बताएं कि जब हरसिमरत की मौजूदगी में केंद्रीय कैबिनेट ने ऑर्डीनैंस पास किये थे तो वह उस समय क्यों चुप थे। प्रकाश सिंह बादल यह भी बता दें कि अब नाखुन (अकाली दल) और मांस (भाजपा) कब अलग-अलग होंगे, क्योंकि अकाली दल अभी भी किसान विरोधी बिल लाने वाली भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार का अटूट अंग बना हुआ है।
स. रंधावा ने कहा कि अकाली दल के सरपरस्त अपनी ही पार्टी की पीठ थपथपाने से पहले यह भी स्पष्ट कर देते कि 15 दिनों के अंदर पूर्व मुख्यमंत्री के आए दोनों बयानों में से राज्य के लोग किस पर यकीन करें। उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले ऑर्डीनैंसों का गुणगान करने वाले बड़े बादल ने आज अपने पुत्र और बहु की तरह यू टर्न लेते हुए ऑर्डीनैंसों का विरोध शुरू कर दिया है।
कांग्रेसी मंत्री ने कहा कि किसानी और सिखी के सिर पर पाँच बार मुख्यमंत्री बनने वाले प्रकाश सिंह बादल ने अपनी कुर्सी की खातिर दोनो ही पक्षों के साथ विश्वासघात किया है। बादल के राज्य में मुख्यमंत्री रहते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र सरूपों की बेअदबी हुई और फिर निहत्थी सिख संगत पर गोलियाँ चलाई गईं। अब केंद्रीय सरकार में अकाली दल की हिस्सेदारी के दौरान किसान विरोधी कृषि कानून बनाए गए। पंजाब के लोग बादलों के इस विश्वासघात के लिए उनको कभी भी माफ नहीं करेंगे।