शरद पूर्णिमा पर काव्य गोष्ठी में कवियत्रियों ने अपनी रचनाओं से बिखेरी चांदनी

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला द्वारा शरद पूर्णिमा और वाल्मीकि जयंती के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें कवित्रियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि क्योंकि त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है, इसलिए इस मौके पर तरह-तरह के पकवान व सौंदर्य से संबंधित टिप्स भी सांझा किए गए।

काव्य गोष्ठी में नीलम त्रिखा ने अपनी कविता मां शारदे का गुणगान किया और कहा, हे शारदे मां नमन तुम्हें हम करते हैं,
सभी निभाएं अपना धर्म, सभी करें मर्यादित कर्म…।

डाॕ. ममता सूद कुरुक्षेत्र ने कृष्ण- सुदामा की मित्रता कहा, “तेरी मेरी मित्रता को अचरज से देखे संसार, मैं विप्र ब्राह्मण, तुम हो जगत करतार”।
डॉ. प्रज्ञा शारदा ने हे ईश्वर हम बालक तेरे, हम अछूत भी भक्त हैं तेरे, रचना सुनाई।

गरिमा पंचकूला ने शरद पूर्णिमा की चांदनी रात हो, राधा कान्हा का प्यारा साथ हो, रचना प्रस्तुत की।
नीरजा शर्मा ने अपनी कविता में कहा, शरद पूर्णिमा बचपन से जाना, बस यही सब माना खीर बनेगी चांदनी चढ़ेगी, रात भर चंदा की किरणें शक्ति खीर में भरेंगी।

रेणु अब्बी ने अपनी कविता में कुछ कहा, काली स्याह रात में पूर्ण चांद की रोशनी जगमगाए चांदनी तेरा दिखे चांद में…।

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