उमंग अभिव्यक्ति मंच की काव्य संध्या में रचनाकारों ने किया शिवाजी का गुणगान

समीक्षा के दौरान सराही गई कवियत्री नीलम त्रिखा की पुस्तक ‘आशाएं’ लघु कथाएं

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने मंगलम चैरिटेबल ट्रस्ट पंचकूला के सौजन्य से छत्रपति शिवाजी महाराज का गुणगान करते हुए एक काव्य संध्या का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत आयोजक रजनीश चंद्र त्रिखा व नीलम त्रिखा ने मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज व विशिष्ट अतिथियों से दीप प्रज्जवलित करवाकर की। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ कवियत्री नीलम त्रिखा द्वारा लिखित पुस्तक ‘आशाएं’ लघु कथाएं पर वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज ने समीक्षा की।

इस पुस्तक की समीक्षा करते हुए उन्होंने बताया कि आशाएं लघु कथाएं संग्रह में लेखिका नीलम त्रिखा ने परिवार, समाज, परिवेश, व्यवस्था राजनीति, महामारी, बेटा-बेटी के भेद, अमूल्य मानवीय मूल्यों व रिश्तों आदि सभी विषयों पर बहुत ही प्रेरक लघु कथाएं लिखी हैं, जो समाज को एक सीख भी देती हैं। इसके लिए मैं उन्हें बहुत बधाई देता हूं। लेखिका नीलम त्रिखा इसे पहले भी अपने दो काव्य संग्रह लेकर आई हैं, जिनमें एक संग्रह “मेरी बेटी मेरा अभिमान”जो बेटियों के गौरव गान पर है, बहुत सराहनीय रहा।

वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज को सम्मानित करते हुए रजनीश चंद्र त्रिखा व नीलम त्रिखा।

काव्य संध्या में चंडीगढ़ ट्राइसिटी के कई साहित्यकारों ने हिस्सा लिया व अपनी रचनाएं सुनाईं, जिसमें वीर छत्रपति शिवाजी का दिल खोलकर गौरव गान किया गया और संदेश दिया कि हमें अपने वीरों की गाथा को आज की युवा पीढ़ी व अपने बच्चों को जरूर बताना चाहिए, ताकि उन में वही संस्कार पनपें। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में प्रेम विज को शॉल पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर मंगलम ट्रस्ट की तरफ से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. सरिता मेहता (हयुस्टन यूएसए), जनाब शम्श तबरेजी, कंवल बिंदुसार, अशोक नादिर भंडारी, गणेश दत्त आदि साहित्यकार शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने की। इस कार्यक्रम में हरिचंद गुप्ता, विनोद कुमार शर्मा, ओपी सिहाग, बालकृष्ण गुप्ता, रजनीश चंद्र त्रिखा, संजीव चौहान, डेजी बेदी जुनेजा, अनीश गर्ग, दृष्टि त्रिखा, शीनू वालिया, केसी भारद्वाज, संगीता शर्मा कुंद्रा आदि ने नीलम त्रिखा को बधाई देते हुए लघु कथा पुस्तक की सराहना की, वह अपनी रचनाएं सुनाईं। लेखिका ने सभी को अपनी पुस्तक भेंट की। कार्यक्रम के अंत में आयोजक रजनीश चंद्र त्रिखा, दृष्टि त्रिखा व नीलम त्रिखा ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया‌।

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