कपास पट्टी के किसानों और व्यापारियों की माँग पर लिया फ़ैसला: कुलदीप सिंह धालीवाल
CHANDIGARH, 30 AUGUST: राज्य की भगवंत मान सरकार द्वारा मालवा की कपास पट्टी के किसानों को राहत देने के लिए ऐतिहासिक फ़ैसला लेने का ऐलान किया है। राज्य के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कुछ दिन पहले मालवे की कपास पट्टी का दौरे के दौरान किसानों की समस्याएँ सुनी थीं और आज पंजाब कॉटन फैक्टरीज़ और जिनजऱ् एसोसिएशन द्वारा किसानों और अपनी समस्याओं संबंधी मीटिंग की। आज हुई मीटिंग के उपरांत जानकारी देते हुए कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा किसानों को लाभ देने के लिए कपास पर आढ़त फीस 2.5 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत की जाएगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि गेहूँ और धान के अनुपात के अनुसार कपास पर आढ़त नहीं ली जा सकती, क्योंकि धान और गेहूँ की फ़सल को मंडी में उतारने, सफ़ाई, भरने, तोलने और ढुलाई आदि पर कई खर्चे आते हैं, जबकि किसानों के अनुसार कपास पर ऐसे खर्चे नाम मात्र हैं। उन्होंने बताया कि इसके चलते पहले ही सरकार ने कपास पर मार्केट फीस 2 फीसदी से घटाकर 0.5 प्रतिशत कर दी है। उन्होंने साथ ही बताया कि कपास पट्टी के किसान बहुत दिक्कतों का सामना कर रहे हैं और आढ़त कम करने के फ़ैसले से किसानों को कुछ राहत मिलेगी।
इसके अलावा पंजाब कॉटन फैक्टरीज़ और जिनजऱ् एसोसिएशन द्वारा कृषि मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि पिछले कुछ सालों से कपास की फ़सल को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है और कपास पट्टी के किसान कपास की फ़सल से किनारा करने लगे हैं, जिसका बुरा प्रभाव कॉटन फ़ैक्टरियाँ पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य की बहुत सी कॉटन फ़ैक्टरियाँ घाटे में जाने के कारण बंद होने की कगार पर हैं या बंद हो गई हैं। उन्होंने कृषि मंत्री से अपील की कि सरकार द्वारा किसानों को कपास की फ़सल की ओर फिर से प्रोत्साहित करने के लिए और किसान हितैषी फ़ैसले लिए जाएँ।
उन्होंने कृषि मंत्री को अपनी अलग-अलग समस्याओं से अवगत करवाते हुए बताया कि बिजली बोर्ड द्वारा उनसे फिक्स चार्ज लिए जाते हैं, जो वाजिब नहीं। कुलदीप सिंह धालीवाल ने इस सम्बन्धी मौके पर ही पंजाब राज्य बिजली रेगुलेटरी अथॉरिटी के चेयरमैन के साथ बातचीत की, जिन्होंने आश्वासन दिया कि इस मसले का सकारात्मक हल निकाला जाएगा। इसके अलावा कॉटन फ़ैक्टरियों के मालिकों द्वारा मंडी फीस और आर.डी.एफ समय पर जमा न करवाने के लिए लगाए जाते 10 गुना जुर्माने को घटाने की विनती पर भी विचार करने के लिए अधिकारियों को हिदायतें जारी कीं।