पंजाब में अब क्यूआर कोड से रखी जाएगी शराब की सप्लाई पर नजऱ

मुख्य सचिव ने नकली शराब व तस्करी रोकने के लिए चौकसी में और सुधार लाने के आदेश दिए

CHANDIGARH: सीमावर्ती राज्य में नकली शराब की बिक्री और अवैध शराब की तस्करी रोकने के लिए पंजाब सरकार द्वारा जल्द ही क्विक रिस्पाँस (क्यू.आर.)-कोड आधारित ट्रैक और ट्रेस प्रणाली लागू की जायेगी। इसके अलावा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में फिकल सलज्ज और सैपटेज़ मैनेजमेंट (एफ.एस.एस.एम.) को लागू करने के लिए तकनीकी सहायता इकाई (टी.एस.यू.) स्थापित की जायेगी।मुख्य सचिव, पंजाब श्रीमती विनी महाजन ने आज यहाँ पंजाब बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (पी.आई.डी.बी.) की कार्यकारी समिति की 157वीं मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए यह आदेश दिए।

इस दौरान उनके द्वारा विभिन्न बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्टों, जिनमें से कई सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी के अंतर्गत लागू किये जा रहे हैं, की समीक्षा भी की गई।संबंधित अधिकारियों को राज्य में नकली शराब की बिक्री और तस्करी को रोकने के लिए चौकस रहने के निर्देश देते हुए श्रीमती महाजन ने बताया कि क्यू.आर.-कोड आधारित ट्रैक और ट्रेस प्रणाली सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी (पी.पी.पी.) के आधार पर तैयार की गई है, जो शराब उत्पादन और सप्लाई की रियल टाईम डाटा मॉनिटरिंग और तस्दीक के द्वारा अवैध और नकली शराब पर तीखी नजऱ रखने में मददगार साबित होगी।

राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए श्रीमती महाजन ने सम्बन्धित विभागों को शहरी वातावरण सुधार प्रोग्राम के दूसरे चरण को लागू करने में तेज़ी लाने के निर्देश दिए।पी.आई.डी.बी. कार्यकारी समिति ने शहरी वातावरण सुधार प्रोग्राम के तीसरे चरण के लिए 300 करोड़ रुपए का कजऱ् लेने की मंजूरी दी जिससे राज्य के शहरी विकास में और तेज़ी लाई जा सके।संगरूर कोठी, दरबार हाल और गोल कोठी, कपूरथला, रण बास और किला मुबारक, पटियाला में चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के समृद्ध विरासत के संरक्षण के लिए वचनबद्ध है।

सम्बन्धित अधिकारियों को विकास कामों को समयबद्ध ढंग से सम्पन्न करने को यकीनी बनाने के आदेश देते हुए उन्होंने अमृतसर में सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी के अंतर्गत सर्किट हाऊस के विकास, संचालन और रखरखाव बारे भी विचार-विमर्श किया।इस दौरान निवेश को आकर्षित करने के लिए मोहाली और अमृतसर में क्रमवार 6 एकड़ और 8.26 एकड़ में कमर्शियल-कम-कनवैंशन सैंटर के प्रोजेक्टों को संशोधित मापदण्डों के साथ मंजूरी दी गई।

रणजीत सागर झील के आसपास इको टूरिज्म की प्रगति की भी समीक्षा की गई, जिसके लिए बोली प्रक्रिया अधीन है।इस दौरान मॉल रोड, पटियाला में पी.डब्ल्यू.डी. हैडक्वार्टर की पुरानी इमारत को पी.पी.पी. आधार पर हेरिटेज होटल के तौर पर विकसित करने और लुधियाना में बहु-मंजिला कार पार्किंग और दफ़्तर की जगह के अलावा पटियाला में पी.पी.पी. आधार पर बहु-मंजिला कार पार्किंग के साथ कमर्शियल डिवेल्पमेंट स्पेस बनाने का भी फ़ैसला किया गया।  

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