CHANDIGARH: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 का मंत्रोच्चारण और शंखनाद के साथ आगाज हुआ। इसके साथ, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी शंकराचार्य लोकेश मुनि ने ब्रहमसरोवर के पवित्र जल का आचमन करके पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन करते हुए विधिवत रूप से 21 से 25 दिसम्बर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 का शुभारम्भ किया।
इस महोत्सव में 55 हजार विद्यार्थियों के साथ वैश्विक गीता पाठ, अंतर्राष्ट्रीय गीता वैबिनार, संत सम्मेलन, ब्रहमसरोवर की महाआरती आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इसके लिए प्रशासन और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से सुरक्षा और व्यवस्था के तमाम पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्यपाल की सचिव एवं केडीबी की सदस्य सचिव जी. अनुपमा ने कहा कि कोविड-19 के कारण महोत्सव के कार्यक्रमों का वर्चुअल, ऑनलाईन और सोशल मीडिया के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव विश्व के बुद्धिजीवियों व संस्कृतिवेताओं का जिज्ञासा-केंद्र बना गया है। करीब डेढ़ दर्जन देशों के संस्कृति-ज्ञाता वहां गीता के श्लोक व मंत्रोच्चारण में किसी साधु-सन्यांसी की तरह लीन हैं।
कुरुक्षेत्र के ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में गीता यज्ञ के लिए 5 कुंड बनाए गए हैं। इनमें से दो कुंडों पर 18 देशों के 22 प्रतिनिधियों ने आज आहुती डाली। इस महोत्सव में विदेशों से यह लोग केवल पवित्र ग्रंथ गीता की उदगम स्थली को मात्र निहारने के लिए ही आए हैं। ये गीता प्रेमी 3 दिन महोत्सव के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे। अहम पहलू यह है कि इनमें से अधिकतर लोग नियमित रूप से पवित्र ग्रंथ गीता को पढ़ते हैं और उपदेशों को अपने जीवन में धारण करने का प्रयास करते हैं। ये विदेशी लोग हिन्दू धर्म को समझने और पवित्र ग्रंथ गीता का ज्ञान अर्जित करने के लिए गीता ज्ञान अर्जित करने लगे हुए हैं।
इस महोत्सव में स्पेन, स्वीटजरलैंड, इटली, नीदरलैंड, अमेरिका, रूस, इजराईल, जापान, हालैंड, जर्मनी, फ्रांस सहित अन्य देशों से गीता प्रेमी पहुंचे हैं। इन प्रतिनिधियों का नेतृत्व स्वामी ब्रहमानंद (डेविड) कर रहे हैं जो कि पिछले 40 सालों से पवित्र ग्रंथ गीता का अध्ययन कर रहे हैं। ये विदेशी लोग सोमवार को सुबह ब्रहमसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग के हवन कुंड पर बैठे और हिन्दू परम्परा अनुसार श्लोकों और मंत्रों का उच्चारण किया तथा गीता यज्ञ में आहुती भी डाली।
स्वामी ब्रहमानंद डेविड, जर्मनी से कैटरिना, स्वीटजरलैंड से लेतीजिया, न्यूयार्क से तस्लीन और फ्रांस से आए कृष ने कहा कि गीता उदगम स्थल को देखने के लिए काफी सालों से प्रयास कर रहे थे। लेकिन इस वर्ष गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के प्रयासों से उनका सपना साकार हो पाया है। ब्रहमसरोवर के अदभुत दृश्य को देखकर आश्चर्यचकित रह गए। इस पवित्र स्थल पर गीता यज्ञ में आहुती डालकर उनके मन की जिज्ञासा भी पूरी हो गई है।