CHANDIGARH: पंजाब पुलिस ने आज मध्य प्रदेश आधारित हथियार की तस्करी में शामिल 3 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ ग़ैर-कानूनी हथियार बनाने और हथियारों की तस्करी में शामिल एक बड़े मड्यूल का पर्दाफाश किया है, जो बड़े स्तर पर हथियार बनाने और मध्य प्रदेश से पंजाब और अन्य राज्य में हथियार सप्लाई करने में शामिल था। पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान करोड़ सिंह और राम सिंह पटवा के तौर पर हुई है, जो दोनों मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जि़ले के गाँव पचौरी के निवासी हैं और चंद्र पाल उक्त जि़ले के गाँव खखनार से सम्बन्धित है।
दोषी व्यक्तियों को 15 अप्रैल, 2021 को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जि़ले में किए गए एक विशेष ऑपरेशन के दौरान अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्तियों से 30 ग़ैर-कानूनी पिस्तौल भी बरामद किए हैं, जिनमें पच्चीस .32 बोर पिस्तौल, पाँच .30 बोर पिस्तौल और 32 मैगज़ीनों के अलावा एक ऑल्टो कार और एक स्पलैंडर मोटरसाईकिल बरामद किया गया है।
डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब दिनकर गुप्ता ने बताया कि सूचना मिलने पर ए.एस.पी. मजीठा अभिमन्यु राणा और डीएसपी डिटैक्टिव गुरिन्दर नागरा के नेतृत्व अधीन अमृतसर ग्रामीण की एक पुलिस टीम ने 10.4.2021 को बुरहानपुर के बस स्टैंड के नज़दीक करोड़ सिंह और चंदर पाल को गिरफ्तार किया। उनके कब्ज़े से दस .32 बोर पिस्तौलें और 10 मैगज़ीन बरामद किए गए, जब कि तीसरे दोषी राम सिंह पटवा को पंद्रह .32 बोर की पिस्तौलें, पाँच .30 बोर पिस्तौलें और 22 मैगज़ीनें समेत बुरहानपुर में गुरूद्वारा बदी संगत के पास से काबू किया गया था।
डीजीपी ने बताया कि राम सिंह पटवा द्वारा खुलासा किया गया कि हथियारों की खेप उसे राहुल द्वारा सप्लाई की गई थी, जो मध्य प्रदेश आधारित हथियार निर्माता और तस्कर है, जिसका नाम पंजाब पुलिस द्वारा पिछले 6 महीनों के दौरान बरमाद की गई अलग-अलग हथियारों की खेपों में भी सामने आया है। डीजीपी ने उपरोक्त गिरफ्तारियों और हथियारों की बड़ी बरामदगी में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस को मुहैया करवाई सहायता के लिए मध्य प्रदेश के डी.जी.पी. का धन्यवाद किया। जि़क्रयोग्य है कि डीजीपी पंजाब ने उपरोक्त कार्यवाही में सहायता के लिए डीजीपी मध्य प्रदेश को निजी तौर पर विनती की थी। जि़क्रयोग्य है कि जनवरी, 2021 में अमृतसर ग्रामीण पुलिस द्वारा .32 बोर के 12 पिस्तौलें और 15 मेग्ज़ीनों की खेप के मुख्य सप्लायर के तौर पर राहुल की पहचान भी की गई थी। इसके अलावा पटियाला पुलिस द्वारा सितम्बर, 2020 में बरामद किए गए छह .32 बोर पिस्तौलों की एक खेप में वह मुख्य सरगना था।
सीनियर सुपरीटेंडैंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) अमृतसर ग्रामीण ध्रुव दहीया ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि राहुल और मध्य प्रदेश के अन्य हथियार तस्कर देसी हथियारों की नाजायज़ सप्लाई के लिए पंजाब में विशाल नैटवर्क स्थापित करने के लिए वाट्सऐप समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का प्रयोग करते हैं। एसएसपी दहीया ने बताया कि यह हथियार तस्कर राज्य की विभिन्न जेलों में बंद नौजवानों, आतंकवादी तत्वों, गैंगस्टरों और कट्टड़पंथियों को हथियार सप्लाई करने के लिए निशाना बनाते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि राहुल के सम्बन्ध अमृतसर जेल में बंद एक दोषी के साथ भी सामने आए हैं, जिसको पंजाब पुलिस द्वारा 2019 में ड्रोन मड्यूल केस में काबू किया गया था। एसएसपी ने बताया कि हथियारों के निर्माण, तस्करी और सप्लाई के नैटवर्क का पता लगाने के साथ-साथ पंजाब में हुई बरामदगियों और पुरानी खेपों के साथ जुड़े व्यक्तिगत और वित्तीय लेन-देन का पता लगाने के लिए विस्तृत जाँच की जा रही है। बताने योग्य है कि आर्मज़ एक्ट की धारा 25, 54, 59 के अधीन एफ.आई.आर. नं. 199 तारीख़ 10 दिसंबर, 2020 थाना घरिंड़ा, अमृतसर ग्रामीण में दर्ज है, जिसमें अगली जाँच के दौरान यह गिरफ्तारियां और बरामदगियां की गईं।