यदि पंजाब से अनाज ले जाने के लिए विशेष रेल चलाई जा सकती हैं तो पंजाब को कोयला भेजने के लिए क्यों नहीं: मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से किया सवाल  

कहा- केवल अदानी की जेबें भरने के लिए कोयले का खर्चा पंजाब के सिर मढ़ा जा रहा  

CHANDIGARH, 13 FEB: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि यदि पंजाब से अन्य राज्यों को अनाज की ढुलाई के लिए विशेष रेल-गाड़ीयाँ चलाई जा सकती हैं तो फिर पंजाब में कोयला लाने के लिए रेल-गाड़ीयाँ क्यों नहीं चलाई जा सकतीं।  

आज यहाँ पी.एस.ई.बी. इंजीनियर्ज एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कितनी हैरानीजनक बात है कि राज्य को आवंटित हुए कोयले की खान से कोयला पहले बंदरगाहों पर ले जाना पड़ेगा और उसके बाद समुन्द्री रास्ते के द्वारा पूरे मुल्क से घूमकर आएगा, जिसके बाद बंदरगाह से रेल-गाड़ीयों के द्वारा राज्य में पहुँचेगा। भगवंत मान ने कहा कि यह कदम पूरी तरह अनुचित है, क्योंकि राज्य को रेल सेवा के द्वारा कोयले की सीधी सप्लाई की जा सकती है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह दोषपूर्ण प्रक्रिया अपने मित्रों को आर्थिक फ़ायदा देने के लिए बनायी है। उन्होंने कहा कि अदानियों की जेबें भरने के लिए खर्चा पंजाब के सिर मढ़ा जा रहा है। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र का यह कदम पूरी तरह अनुचित और असहनीय है क्योंकि इससे कोयले की ढुलाई का खर्चा राज्य को वहन करना पड़ेगा।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कितनी हैरानी की बात है कि सरकार का कर्तव्य लोगों का कल्याण करना होता है, परन्तु इनकी तरफ से मित्रों को फ़ायदा पहुँचाने के लिए ऐसी नीतियाँ बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के संकल्प के विरुद्ध है क्योंकि लोकतंत्र के अंतर्गत लोगों का कल्याण करना सबसे ज़रूरी होता है। भगवंत मान ने कहा कि लोगों के हित महफूज़ रखने के लिए ऐसे कदमों का ज़ोरदार विरोध किया जाएगा।  

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रशासनिक बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) के मैंबर की नामज़दगी में पंजाब के हितों की रक्षा की जाएगी। भगवंत मान ने कहा कि वह इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठा चुके हैं और इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का कर्तव्य बनता है कि राज्य के साथ किसी भी तरह की बेइन्साफ़ी ना हो।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बिजली के लंबे कट के दिन ख़त्म हो गए हैं, क्योंकि पंजाब अतिरिक्त बिजली वाला राज्य बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के प्रयासों के स्वरूप राज्य में बिजली उत्पादन में 83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा किए गए अथक प्रयासों के स्वरूप पछवाड़ा कोयला खान से बिजली उत्पादन के लिए कोयले की सप्लाई लम्बे समय के बाद फिर से शुरू हुई है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहली जुलाई से 300 यूनिट मुफ़्त बिजली देने की गारंटी पूरी कर दी है। उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि राज्य भर के 87 प्रतिशत घरों का नवंबर-दिसंबर 2022 का बिजली बिल ज़ीरो आया है। भगवंत मान ने कहा कि वह आम परिवार से सम्बन्धित हैं और आम लोगों को होने वाली दिक्कतों से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं।  

मुख्यमंत्री ने पंजाब को नशा मुक्त करने की अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि नशों के खतरे से कड़े हाथों के साथ निपटा जा रहा है और नशा तस्करों के साथ बिल्कुल लिहाज़ न बरतने की नीति अपनाई जा रही है। भगवंत मान ने कहा कि नौजवानों की ताकत को रचनात्मक तरीके से इस्तेमाल करने के लिए रोजग़ार के नए अवसर सृजन करने साथ-साथ राज्य में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा राज्यों की सलाह के बगैर बिजली संशोधन बिल-2022 पेश करने का ज़बरदस्त विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्यों के संवैधानिक हकों पर हमला था, जिसका मकसद संघीय ढांचे की बुनियादों को कमज़ोर करना था। भगवंत मान ने कहा कि भारत सरकार की केंद्रीयकृत लोकतंत्र की कोशिशों के विरुद्ध राज्य चुप नहीं बैठेंगे।  

मुख्यमंत्री ने तंज़ कसते हुए कहा कि पहले उद्योगपति सत्ताधारी परिवार से समझौते करने आते थे, परन्तु जब से उनकी सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से उद्योगपति राज्य के लोगों के साथ समझौतों पर दस्तख़त करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले धनवान परिवार इन समझौतों से लाभ लेते थे, परन्तु अब पंजाबियों को इसका फ़ायदा होगा। भगवंत मान ने कहा कि यह इसलिए हुआ है क्योंकि उनकी सरकार अब समाज के हरेक वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रही है।  

मुख्यमंत्री ने उम्मीद ज़ाहिर की कि 23 और 24 फरवरी को पंजाब निवेश सम्मेलन करवाया जा रहा है, जिससे राज्य में औद्योगिक तरक्की को नई रफ़्तार मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित समारोह के प्रबंधों को राज्य सरकार ने पहले ही अंतिम रूप दे दिया है। भगवंत मान ने कहा कि इससे राज्य के उद्योगपतियों को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजग़ार की खोज के लिए पढ़े-लिखे युवा विदेशों का रूख करने के रुझान को रोका जा सकेगा।  

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ., डॉ. बलबीर सिंह और चेतन सिंह जौड़ामाजरा भी उपस्थित थे।  

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