दिल्ली के मुख्यमंत्री से कहा-मैं कभी भी किसी के दबाव के आगे नहीं झुका परंतु किसान यह जानना चाहते हैं कि आपने किस मंसूबे से खेती कानून नोटीफाई कर दिए
CHANDIGARH: अरविन्द केजरीवाल को अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की तरफ से किये मानहानि केस में घिर जाने के मौके से डरते हुये भाग जाने और माफी मांगने के लिए कायर करार देते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केजरीवाल की बौखलाहट भरी कोशिशों से उसकी सरकार की नाकामियों पर पर्दा नहीं पड़ सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करने में असफल रह जाने के बाद अब केजरीवाल अपनी साख बचाने के लिए हाथ पैर मार रहा है जोकि न तो उसे किसानों के गुस्सा से बचा सकेगा और न ही आगामी विधान सभा चुनाव में उसकी पार्टी की डूबती बेड़ी को बचा सकेगा।
केजरीवाल की तरफ से उनके (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) खिलाफ लगाऐ गए झूठे दोषों का बदले में जवाब देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, “यह बात हर पंजाबी जानता है कि मैं ई.डी. के झूठे केस या किसी अन्य मामल से डरने वाला नहीं हैं। पंजाबी यह भी जानते हैं कि यदि केजरीवाल का मनोरथ पूरा होता हो तो वह अपनी आत्मा भी बेच देगा।”
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में अपने हमरुतबा को ऐसी एक भी मिसाल देने की चुनौती दी जब वह (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) ई.डी. या किसी अन्य एजेंसी के दबाव के कारण पीछे हटे हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपरेशन ब्लयू स्टार से लेकर सतलुज -यमुना लिंक नहर तक और अब खेती कानूनों के मुद्दे पर वह अपने लोगों के साथ हमेशा ही डट कर खड़े जबकि दूसरी तरफ इसके बिल्कुल उलट केजरीवाल जो मानहानि के मामूली जैसे केस का सामना करने से डर के कारण गिड़गिड़ाते हुये पूरे पंजाब ने देखा था और यहीं बस नहीं महामारी के दरमियान भी मदद के लिए पूरी दिल्ली ने उसको केंद्र के आगे विनतियां करते हुये देखा था।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया को यह पता लग चुका है कि कैसे राष्ट्रीय राजधानी में काले खेती कानूनों में से एक कानून लागू करके किसानों के हित बेचे गए और यह घिनौना कदम भी उस समय पर उठाया जब किसान दिल्ली की तरफ कूच करने की तैयारियाँ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कदम से दिल्ली के मुख्यमंत्री की केंद्र सरकार के साथ सांठगांठ जग-जाहिर हो गई।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कनवीनर की तरफ से हर कदम पर झूठ बोलने की सख्त निंदा करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उनको पूछा, “केजरीवाल, आपने यह क्यों किया? आपके ऊपर केंद्र ने कौन सा दबाव बनाया? या फिर इसलिए किया कि जब अगली बार आपकी सरकार कोविड के संकट से निपटने में नाकाम रह जाये, जैसे कि दो बार पहले भी रह चुकी है, तो आप केंद्र के आगे फिर विनतियां कर सकें?
किसानी आंदोलन को देश विरोधी कह कर कमजोर करने की कुछ स्वार्थी हितों की साजिश संबंधी केजरीवाल की तरफ से अपने गुस्से का ढिंढोरा पीटने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री पर बरसते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को 2017 के विधान सभा मतदान के समय खालिस्तानियों के साथ सम्बन्ध रखने वाले व्यक्ति से किसी हिमायत की जरूरत नहीं है।
कैप्टन अमरिन्दर ने कहा, “अगर आप सोचते हो कि किसान आपकी नौटंकियों और मगरमच्छ के आंसूओं के झाँसेे में आ जाएंगे, तो श्री केजरीवल, आप अब भी उसी तरह ही पूरी तरह गलत हो, जिस तरह आप 2017 के पंजाब विधान सभा चुनाव में “आप” के जीतने की उम्मीद लगा कर गलत साबित हुए थे।” मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की तुलना उस धूल भरी आँधी के साथ की जो हवा की दिशा को देखते चलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल की किसान आंदोलन को कमजोर करने की कोशिशों, जिसके जरिये वह अपने राजनैतिक एजंडे को उत्साहित करने के मौके तौर पर देख रहा है, बिल्कुल भी सफल नहीं होंगी।
कैप्टन अमरिन्दर ने केजरीवाल को आग से खेलने के विरुद्ध चेतावनी देते हुये कहा, “आपको और आपकी पार्टी को भारत के राजनैतिक नक्शे से पूरी तरह मिट जाने से पहले पीछे हट जाना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के साथ धोखा करने वाला कभी भी जनता के गुस्से से बचा नहीं है और केजरीवाल, जिसने पहले ही किसानों के साथ एक से अधिक बार धोखा किया है, को भी इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे।