पूर्व मुख्यमंत्री बोले- विनेश के राज्यसभा जाने से खिलाड़ियों, महिलाओं व पूरे देश में जाएगा सकारात्मक संदेश
हुड्डा परिवार से मिलने पहुंचीं मनु भाकर और उनके माता-पिता
CHANDIGARH, 8 AUGUST: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पहलवान विनेश फोगाट को राज्यसभा भेजने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या पूरी होती तो निश्चित ही पार्टी विनेश को राज्यसभा भेजती। क्योंकि विनेश फोगाट ने खेलों में देश का नाम रोशन किया है। इस ओलंपिक में उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। उन्होंने दुनियाभर की धुरंधर पहलवानों को पटकनी दी। पहले ही मैच में उन्होंने जापान की ऐसी पहलवान को हराया जो अब तक अजेय रही थीं। अगर उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया जाता तो निश्चित ही विनेश देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आतीं। इसलिए उन्हें राज्य सरकार द्वारा गोल्ड मेडल विजेता वाला ही इनाम, सम्मान और पद दिया जाना चाहिए।कांग्रेस पार्टी की भावना है कि विनेश फोगाट को राज्यसभा भेजा जाना चाहिए। इससे तमाम खिलाड़ियों, महिलाओं का हौसला बढेगा और पूरे देश में सकारात्मक संदेश जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने के लिए आज शूटिंग में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली मनु भाकर और उनके माता-पिता भी पहुंचे। हुड्डा ने मनु भाकर को बहुत-बहुत बधाई और आशीर्वाद दिया। इस मौके पर सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद रहे। उन्होंने भी मनु भाकर को बधाई व शुभकामनाएं दी। हुड्डा ने कहा कि छोटी उम्र में मनु भाकर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने सिर्फ अपने माता-पिता, गांव व प्रदेश का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है।
अपने आवास पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक में देश की बेटी और हरियाणा की शान विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किया जाना, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है,ऐसी शंका है कि इसमें कोई साजिश है। भारतीय ओलंपिक संघ को उनके अयोग्य घोषित करने के फैसले को चुनौती देनी चाहिए और इसकी जांच होनी चाहिए।
हुड्डा ने कहा कि खिलाड़ियों को इनाम और सम्मान देने में किसी भी तरह की कोई कमी-पेशी नहीं होनी चाहिए। क्योंकि खेल युवा शक्ति को उचित दिशा देने का सबसे सशक्त माध्यम है। इसीलिए कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ‘पदक लाओ, पद पाओ’ की खेल नीति बनाई गई थी। इसमें खिलाड़ियों को डीएसपी जैसे उच्च पदों पर नियुक्ति का प्रावधान किया गया था। कांग्रेस सरकार ने 750 से ज्यादा खिलाड़ियों को खेल नीति के तहत सरकारी विभागों में नियुक्तियां दी थीं। साथ ही खिलाड़ियों के लिए नौकरियों में तीन प्रतिशत कोट का प्रावधान किया गया था। खिलाड़ियों को देश में सबसे ज्यादा 5 करोड़ रुपए तक की नकद इनाम राशि देने की शुरूआत भी कांग्रेस ने ही की थी। इस नीति की पूरे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सराहना हुई थी।
आज उत्तर प्रदेश और मणिपुर जैसे भाजपा शासित राज्य भी कांग्रेस की उस नीति का अनुसरण कर रहे हैं। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने इस नीति को खत्म कर दिया और खिलाड़ियों से इंस्पेक्टर व डीएसपी जैसे पदों पर नियुक्ति का अधिकार छीन लिया। इस सरकार ने नौकरियों में खिलाड़ियों का 3 प्रतिशत कोटा भी लगभग समाप्त कर दिया है। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर फिर से ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति को लागू किया जाएगा। स्कूल प्रतियोगिताओं से लेकर ओलंपिक तक हर स्तर पर खेल व खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देना कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता होगी।