हमलावर किसानों की शिनाख्त, भाजपा अध्यक्ष की सुरक्षा बढ़ाईः डीजीपी

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भाजपा पर अश्वनी शर्मा पर हमले संबंधी झूठा प्रचार फैलाने का आरोप लगाते हुए भाजपा की सख्त निन्दा की

कहा- ताज़ा सरगर्मियों का मनोरथ राजनीतिक हित आगे बढ़ाना और पंजाब की अमन-चैन एवं कानून-व्यवस्था में विघ्न डालना

CHANDIGARH:  पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज अश्वनी शर्मा की गाड़ी पर हुए हमले के मद्देनजऱ राज्य की कानून एवं व्यवस्था में विघ्न डालने की मंशा के साथ भडक़ाऊ कार्यवाहियां करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सख़्त आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पुलिस पहले ही विभिन्न किसान यूनियनों के सदस्यों की इस घटना के लिए जि़म्मेदार व्यक्तियों के तौर पर पहचान कर चुकी है।  शर्मा की बेतुकी बयानबाज़ी और पंजाब कांग्रेस के खि़लाफ़ निराधार दोष लगाने पर कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा के पंजाब प्रधान अपनी पार्टी के हितों को आगे बढ़ाने के लिए झूठे प्रचार को फैलाने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यवाहियों का स्पष्ट मनोरथ कृषि कानूनों संबंधी भाजपा के खि़लाफ़ किसानों में पैदा हुए गुस्से से लोगों का ध्यान हटाना है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ग़ैर-जि़म्मेदाराना और तूल पकडऩे वाले बयानों और कदमों से किसानों समेत पंजाब के लोग गुमराह नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यवाहियों से भाजपा की पंजाब लीडरशिप को कोविड की महामारी के संभावित वृद्धि संबंधी भी कोई चिंता नहीं है, जबकि यह महामारी राज्य में सिर उठा सकती है।  कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों से किसानों में सख़्त गुस्सा पाया जा रहा है और किसानों तक पहुँच करके हमदर्दी प्रकट करने और हाईकमान को उनकी चिंताओं संबंधी अवगत करवाने की बजाय भाजपा की लीडरशिप संकुचित राजनैतिक फायदों के लिए 12 अक्टूबर की घटना को गलत रंग देने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि अश्वनी शर्मा द्वारा झूठ फैलाने की कोशिशों के विरुद्ध राज्य सरकार किसानों के प्रदर्शनों के दौरान भाजपा नेताओं की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए हर बनता कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर की घटना के बाद अश्वनी शर्मा का सुरक्षा पहरा बढ़ा दिया गया है और कमांडो समेत पंजाब पुलिस के कुल 16 जवान इस समय पर भाजपा नेता के साथ तैनात हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि यहाँ तक कि राज्य में जब से किसानों का आंदोलन तेज़ हुआ है, पिछले 8-10 दिनों से सभी भाजपा नेताओं और अधिकारियों को उचित सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। उन्होंने कहा कि डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता निजी तौर पर शर्मा के साथ संपर्क में हैं और उन्होंने सभी जि़ला पुलिस प्रमुखों को भी हिदायत की है कि भाजपा के संसद सदस्यों /विधायकों /नेताओं के दौरों और प्रोग्रामों संबंधी आगामी जानकारी के लिए वह भाजपा नेताओं के साथ संपर्क कायम रखें। 

12 अक्तूबर की घटना संबंधी विवरण देते हुए डीजीपी ने बताया कि शाम 7 बजे के करीब विभिन्न किसान यूनियनों से सम्बन्धित 25 प्रदर्शनकारी शर्मा के गाड़ीयों के काफि़ले के सामने आकर खड़े हो गए और अचानक वह काले /पीले रंग के झंडे उठाए उनके पायलट सुरक्षा वाहन और इनोवा गाड़ी के आगे आकर नारेबाज़ी करने लगे। डीजीपी दिनकर गुप्ता के अनुसार यह प्रदर्शनकारी तकरीबन 2 हफ़्तों से एनएच-1 पर पड़ते चौलांग में टोल प्लाज़ा पर बैठे थे। डीजीपी ने आगे कहा कि 15-18 सेकेंड के विरोध के बाद, काफि़ले के बीच वाले दोनों वाहनों को जाने दिया गया, परन्तु प्रदर्शनकारियों में से एक व्यक्ति ने झंडे की लाठी से इनोवा की पिछले शीशे को तोड़ दिया। इस दौरान इनोवा के एक तरफ़ का ग्लास विंडो का भी नुकसान हुआ है।

सुरक्षा इंचार्ज एएसआई हरी राम और पंजाब पुलिस के 3 कमांडो समेत 7 से अधिक निजी सुरक्षा अफ़सर, जो घटना के समय शर्मा के साथ थे, तुरंत अपने वाहनों से उतर गए और भाजपा के पंजाब प्रमुख को सुरक्षित वहाँ से दूर ले गए। उनको दसूहा (होशियारपुर) थाने ले जाया गया, जहाँ डीएसपी टांडा और एसएसपी होशियारपुर भी पहुंचे। एएसआई हरी सिंह और श्री अश्वनी शर्मा के पी.एस.ओ. के बयान पर प्रदर्शनकारियों के खि़लाफ़ राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा बी और आई.पी.सी की धारा 341, 427, 148, 149, 120 बी के अंतर्गत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है और अगली जांच जारी है।   डी.जी.पी. ने आगे खुलासा किया कि श्री शर्मा ने 12 अक्टूबर, 2020 को जालंधर के विजय रेज़ोर्ट में भाजपा के सीनियर अधिकारियों का एक पार्टी सम्मेलन का प्रोग्राम बनाया था।

जालंधर और कपूरथला से विभिन्न किसान यूनियनों के लगभग 100 प्रदर्शनकारी नेता और वर्कर एकदम वहाँ एकत्रित हुए और वह समागम वाली जगह पर जाना चाहते थे। हालाँकि, जालंधर पुलिस जिसको पिछली रात को इस सम्मेलन संबंधी जानकारी प्राप्त हुई थी, ने पुख़्ता इंतज़ाम किए और बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की। सम्मेलन वाली जगह पर बैरीकेडिंग की गई और वैकल्पिक रूट की योजना भी बनाई गई, जिससे किसी भी असुखद घटना को रोका जा सके।

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