तब तक आराम से नहीं बैठूंगा, जब तक बेअदबी के दोषियों को जेल नहीं पहुंचा देता: मुख्यमंत्री भगवंत मान

कहा- पंजाब कर्जे से जूझ रहा पर विरोधी नेता अपना वेतन बढ़ाने को लेकर चिंतित

कैप्टन और बादल ने अपना इलाज लंदन और न्यूयार्क में करवाया लेकिन राज्य के लोग अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं को तरसते रहे

CHANDIGARH 5, JULY: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज प्रण लेते हुये कहा कि वह तब तक शांत से नहीं बैठेंगे, जब तक बेअदबी के दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे नहीं पहुँचा दिया जाता। मुख्यमंत्री ने आज यहाँ एक न्यूज चैनल की तरफ से मिशन ‘सुनहरा पंजाब’ सम्मेलन के दौरान कहा कि पंजाब की पवित्र धरती पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी हम सभी के माथे पर कलंक है। इस घिनौनी घटना का हो जाना सोच से भी परे और अक्षम्य पाप है जिसके दोषियों को कभी भी बख्शा नहीं जा सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि इतने साल बीत जाने के बाद भी इस घृणित जुर्म के दोषी सरेआम घूम रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि ऐसा सिर्फ़ इसलिए हुआ क्योंकि दोषियों को बचाने के लिए अकालियों और कांग्रेसियों की आपसी मिलीभुगत थी। हालाँकि, उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब दोषी सलाखों के पीछे होंगे जिसके लिए उनकी सरकार कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक समय-समय की सरकारों की शह से दोषी सज़ा से बचते आए हैं परन्तु उनकी सरकार बनने के बाद यह बरताव बंद हो गया क्योंकि वह दोषियों को सजा देने के लिए दृढ़ वचनबद्ध हैं। भगवंत मान ने कहा कि काबिल से काबिल अधिकारी जांच की आगे पैरवी करेंगे और अच्छे से अच्छे वकील अदालत में केस लड़ेंगे जिससे दोषी सजा से बच न सकें।

गैंगस्टरवाद को राष्ट्रीय समस्या बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस खतरे को रोकने के लिए सभी राज्यों को आपस में हाथ मिलाना होगा। उन्होंने कहा कि सांझे यत्नों स्वरूप ही इस समस्या को कारगर ढंग से ख़त्म करने में मदद मिल सकती है। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार ने इस खतरे से निपटने के लिए पहले ही ठोस रणनीति तैयार की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संगठित गिरोह के ख़ात्मे के लिए श्रेय अपने सिर लेने वाली कोई बात नहीं होनी चाहिए क्योंकि हरेक राज्य ही इसके प्रति संवेदनशील है। उन्होंने राज्य में गैंगस्टर कल्चर को उत्साहित करने के लिए कांग्रेस और अकालियों की भी कड़ी आलोचना की। भगवंत मान ने कहा कि इन दोनों पार्टियों ने अपने-अपने स्वार्थों की ख़ातिर गैंगस्टरवाद को संरक्षण दिया।

अपने राजनैतिक जीवन की बात करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे मेरी तकदीर राजनीति में ले कर आई परन्तु मैं गरीब से गरीब लोगों की सेवा को पूर्ण तौर पर समर्पित हूँ।  भगवंत मान ने कहा कि वह पूरे राज्य के मुख्यमंत्री हैं और उनका एकमात्र लक्ष्य पंजाब को मुल्क में अग्रणी राज्य बनाना है। उन्होंने कहा कि राज्य की तरक्की और पंजाबियों की खुशहाली के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके मंत्री चाहे नये हों परन्तु राज्य और इसके लोगों के लिए उनकी दूरदर्शीता और समर्पण भावना बेमिसाल है। उन्होंने कहा कि यह वचनबद्धता उनको दूसरे राजनीतिज्ञों से अलग बनाती है जिन्होंने सत्ता का प्रयोग सिर्फ़ राज्य के खजाने की लूट के लिये किया है। भगवंत मान ने कहा कि जो लोग अब तजुर्बेकार राजनीतिज्ञ होने का दावा करते हैं, वह इस क्षेत्र में आने के समय नये ही थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदकिस्मती की बात है कि पंजाबी बड़े कर्ज़े तले दबे हुए हैं परन्तु राजनैतिक नेता उनकी चिंता करने की बजाय अपने वेतनों के लिए चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिज्ञ अपने वेतनों की चिंता नहीं करते, बल्कि उनको भ्रष्टाचार की ज्यादा चिंता है जो अब बंद हो गयी है। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल डाली है, इसलिए अब ज़्यादातर राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों को उनके असली वेतनों के बारे पता लग गया है जो उनको बहुत कम लगती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस भी व्यक्ति ने एक पैसा भी लूटा है, उसे लोगों के प्रति जवाबदेह बनाया जायेगा। भगवंत मान ने कहा कि ऐसे सभी लुटेरों का पर्दाफाश किया जायेगा और उनके विरुद्ध कानून अनुसार सख़्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि यह उनकी दृढ़ वचनबद्धता है कि दोषी चाहे कितना भी अमीर क्यों न हो, उसे कानून के कटघरे में लाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोई विरोधी पक्ष नहीं है क्योंकि लोगों ने उनको एकतरफ़ कर दिया है। एक मिसाल देते हुये उन्होंने कहा कि लोगों ने उनकी सरकार को 92 सीटों से भारी जनादेश दिया है, जिनमें से 66 सीटें सिर्फ़ मालवा क्षेत्र की थी। भगवंत मान ने कहा कि लोगों ने अकालियों और कांग्रेस को सत्ता से एकतरफ़ करके राज्य में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए वोटें डालीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, कैप्टन अमरिन्दर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी, एक पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के इलावा नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे अन्य नेताओं को लोगों ने बुरी तरह से नाकार दिया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने अपने निजी हितों की ख़ातिर सत्ता की जी भर कर दुरुपयोग किया जिसके नतीजे के तौर पर लोगों ने इनको बाहर का रास्ता दिखाया। भगवंत मान ने कहा कि लोगों ने हम पर भरोसा ज़ाहिर किया है और हम हर कीमत पर इसकी रक्षा करेंगे।

ग़ैर-जिम्मेदाराना कारगुज़ारी के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर बरसते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों नेताओं ने राज्य पर काफ़ी समय शासन किया परन्तु इन्होंने राज्य में कोई भी अच्छा अस्पताल नहीं बनाया, इसी कारण उनको इलाज करवाने के लिए विदेश जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि जहाँ कैप्टन और बादल दोनों ने क्रमवार लंदन और न्यूयार्क में मानक इलाज करवाया है, वहीं राज्य के लोगों को अच्छे इलाज के लिए भारी जद्ोजहद का सामना करना पड़ रहा है। भगवंत मान ने कहा कि यह दोनों नेताओं के लिए बहुत शर्म की बात है, जो राज्य के लिए सुहिरदता से प्रदर्शन करने में असफल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जन मुद्दों को उठाने और व्यवस्था में तबदीली लाने के लिए संसद में व्यंग्यमय अंदाज़ में आवाज़ उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहने वालों ने आम लोगों के चेहरों से रौनक छीन ली जिस कारण वह पहली बार चुनाव हारने के बावजूद राजनीति में डटे रहे। भगवंत मान ने कहा कि वह अपने आखिरी साँस तक पंजाबियों की सेवा करते रहेंगे। 2012 के मतदान में पीपलज़ पार्टी आफ पंजाब ( पी. पी. पी.) की बुरी कारगुज़ारी संबंधी एक किस्सा सांझा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मनप्रीत बादल ने अपने चाचा प्रकाश सिंह बादल जो उस समय पर मुख्यमंत्री थे, के साथ आपसी मन-मुटाव के बाद पार्टी बनाई थी। भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने चाचे या उनकी सरकार के बुरे कामों के खि़लाफ़ एक शब्द भी नहीं बोला जिस कारण उनकी पार्टी का विधान सभा मतदान में बुरा हाल हुआ और इसके बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।

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