CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को कहा कि बेअदबी मामलों की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) जल्द ही अपनी जांच मुकम्मल कर लेगी और यदि वह किसी भी सीनियर पुलिस अधिकारी या राजनीतिज्ञ के खिलाफ चालान पेश करने का फैसला करेगी तो वह दखलअन्दाजी नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी एस.आई.टी. प्रमुख कुंवर विजय प्रताप सिंह के उस बयान के दो दिन बाद आई जिसमें उन्होंने कहा थी कि बहबल कलाँ और कोटकपूरा गोलीकांड मामलों में अंतिम सप्लीमैंटरी चालान जल्द ही फरीदकोट अदालत में पेश कर दिया जायेगा। एस.आई.टी. द्वारा दो मामलों में 9 चालान पहले ही पेश किये जा चुके हैं।
राज्य सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) द्वारा जानबूझ कर मामले में देरी की गई परन्तु पंजाब पुलिस द्वारा अब फाइलें हासिल कर ली गई हैं और सब कुछ नियंत्रण अधीन है।
उन्होंने कहा कि मामलों की जांच कानूनी निष्कर्ष तक पूरी की जायेगी और दोषियों को सजा मिलेगी चाहे वह कोई भी हो।
अपनी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियां गिनवाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशों की सप्लाई की कमर तोडऩे में सफलता हासिल की है जिस संबंधी उन्होंने ने गुटका साहिब हाथ में पकड़ कर कसम ली थी। मीडिया द्वारा किये जा रहे गलत दावों के उलट मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह कभी भी नहीं कहा था कि वह ड्रग माफिया का मुकम्मल तौर पर सफाया कर देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह स्पष्ट कहा था – मैं नशों की कमर तोड़ कर रख दूंगा।’’
पंजाब पुलिस के ऑपरेशन रेड रोज़ की सफलता का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में नशेे की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है।
इसी तरह गैर-कानूनी शराब के मामलेे में उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के नकली शराब की दुखद घटना के सभी दोषियों और खन्ना गैर-कानूनी फैक्ट्री केस की पहचान करकेर चार्जशीट करने से सप्लाई चेन तोड़ दी गई है। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि देश की कानूनी प्रणाली धीमा चलती है जिस कारण दोषियों को सजा देने में देरी होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न माफिया (रेत, शराब, ट्रांसपोर्ट, नशा आदि) को खत्म करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है और पिछले चार वर्षों के दौरान इनकी कमर बुरी तरह तोड़ दी गई है परन्तु उन्होंने कहा कि यह धीमी प्रक्रिया है और यह एक दिन में नहीं हो सकता।
अकाली-भाजपा शासन के दौरान रेत के द्वारा होती 35 करोड़ रुपए की आय मौजूदा समय में बढक़र 350 करोड़ रुपए तक पहुंच जाने बारे हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रगति स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है। इसी तरह शराब की खरीद से आबकारी राजस्व जो अकाली सरकार के समय 4300 करोड़ रुपए था, वह मौजूदा वित्त वर्ष में 7200 करोड़ रुपए हो गया है। उन्होंने खुलासा किया कि यह सब कोविड की स्थिति के कारण पैदा हुई समस्या के बावजूद संभव हुआ है।
गैंगस्टर से राजनीतिज्ञ बने मुख्तार अंसारी जो मौजूदा समय में पंजाब की जेल में बंद है जिसकी उत्तर प्रदेश द्वारा सुपुर्दगी माँगी गई है, के खिलाफ आपराधिक मामलों सम्बन्धी पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला अदालत में है। परन्तु उन्होंने कहा कि अगर अंसारी ने पंजाब में जुर्म किया है तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।