मुख्यमंत्री ने अपना सुरक्षा घेरा घटाने का ऐलान करके वी.आई.पी. कल्चर के खात्मे का आधार बांधा
CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने आप को आम इंसान और हर पंजाबी का भाई बताते हुए कहा कि उन्होंने सरकारी कार्य प्रणाली में वी.आई.पी. कल्चर के ख़ात्मे का आधार बाँध दिया है जिससे आम लोगों को सुविधा हासिल होगी।
स. चन्नी ने अपने सुरक्षा घेरे को घटाने का ऐलान करते हुए कहा, ‘मैं भी आप में से एक हूं और मेरे अपने लोगों से मेरी सुरक्षा करने के लिए मुझे 1000 सुरक्षा कर्मियों की फ़ौज की ज़रूरत नहीं है।
आज यहाँ आई.के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, जब मैने अपना पद संभाला तो मुझे बताया गया कि 1000 सुरक्षा जवानों का दस्ता मेरी हिफ़ाज़त के लिए होगा। इसको सरकार के संसाधनों की घोर बर्बादी बताते हुए उन्होंने कहा कि इस कवायद को चलाने की आज्ञा नहीं दी जा सकती क्योंकि मुझे मेरे अपने पंजाबियों से क्या नुकसान होगा, वह मुझे भी तकलीफ़ देगा क्योंकि मैं भी बाकी पंजाबियों की तरह एक साधारण मनुष्य हूं। स. चन्नी ने उनकी जि़ंदगी को ख़तरा होने के सम्बन्ध में सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से दिए गए तर्क को एक तरफ़ करते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस को सुरक्षा घटाने के लिए कह दिया है।
मुख्यमंत्री ने खुलासा करते हुए कहा कि उनको ख़ुद इस बात के बारे में जानकर हैरानी हुई कि राज्य के प्रमुख के तौर पर उनके लिए अरामदायक सफऱ के लिए कमरे जितनी महँगी कार है। इस कार की कीमत 2 करोड़ रुपए है जोकि करदाताओं के पैसों से खऱीदी गई है। स. चन्नी ने कहा कि ऐसी लग्जरी अनावश्यक है जिसकी उनको कोई इच्छा नहीं और यह फंड लोगों ख़ासकर कमज़ोर और वंचित वर्गों की भलाई के लिए ख़र्च किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सादा रहन-सहन और उच्च विचार रखने में विश्वास रखते हैं, इसलिए वी.आई.पी. संस्कृति हर कीमत पर ख़त्म की जायेगी। उन्होंने कहा कि वह आलीशन जीवन जीने का शौक रखने की बजाय पंजाब के लोगों की सेवा करने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने अधिकारियों को यह यकीनी बनाने के लिए कहा कि उनके काफि़ले की गाड़ीयाँ घटाईं जाएँ। स. चन्नी ने यह भी कहा कि वह वी. आई. पी. नहीं बल्कि साधारण पंजाबी हैं और कोई भी उनको किसी भी समय मोबाइल पर कॉल कर सकता है और वह लोगों की सेवा के लिए 24 घंटे उपस्थित हैं।