एक घंटे पेड़ के नीचे फंसी रही महिला
दीपा दुबे ने प्रशासक बदनौर से की मांग: शहर के नागरिकों की समस्याओं को सुने प्रशासन और नगर निगम
CHANDIGARH: शहर में अपना जीवन पूरा कर चुके पेड़ लोगों के जीवन के लिए खतरा बने हुए हैं। शुक्रवार रात्रि एक विशाल पेड़ सेक्टर 15 बी के मकान नंबर 1221 में आंधी की वजह से अचानक गिर गया। इस पेड़ की चपेट में बुजुर्ग दंपति कमल किशोर गर्ग और सुनीता रानी आ गए। रात्रि 2 बजे के आसपास हुई इस घटना में महिला एक घंटे तक पेड़ के बीच फंसी रही। किसी तरह आसपास के लोगों ने महिला को पेड़ के नीचे से निकाला। उसकी टांग पर चोट आई। उसे सेक्टर 16 के अस्पताल में ले जाना पड़ा।
बताया जाता है कि रात्रि में आंधी आने पर यह महिला घर के बाहर स्कूटर हटाने के लिए आई थी। इससे पहले इन्हें संभलने का मौका मिलता पेड़ उन पर आ गिरा। घटना में घर का लेंटर भी टूट गया और महिला के पति के सिर में शीशा गिरने से चोट आई। करीब महीना पहले इस पेड़ को लेकर दंपति ने प्रशासन को लिखा था। ग्रीन बैल्ट में लगा पेड़ भीतर से खोखला था। पत्र लिखने के बाद भी इसे काटा नहीं गया था। हादसा होने के बाद पेड़ को काटा गया।
स्थानीय नागरिक होने के नाते चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने प्रशासक को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्रशासन मूकदर्शक बनकर बैठा है। नगर निगम के पार्षद व अधिकारी अपने क्षेत्र की समस्याओं को देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं।
दीपा दुबे ने कहा कि बात चाहे रोड गली की सफाई की हो, सूखे पत्तों की आगजनी की हो, जगह-जगह पड़े कूड़े की हो या फिर पेड़ गिरने की हो, नुकसान शहर के नागरिक को ही सहना पड़ता है। चाहे वह नुकसान आर्थिक हो, मानसिक हो या फिर शारीरिक हो।
दीपा दुबे ने कहा कि नागरिकों द्वारा बार-बार शिकायत करने पर भी प्रशासन व नगर निगम आंख मूंदे बैठा है, ऐसा क्यों ? हर चीज के नुकसान की भरपाई चंडीगढ़ का नागरिक ही सहता रहेगा और कब तक?
दीपा दुबे ने यह भी कहा कि आज पेड़ गिरने से सेक्टर 15 के एक घर का नुकसान हुआ है लेकिन आने वाले समय में बरसात व आंधी के मौसम का तेज रुख होगा तो चंडीगढ़ के अन्य क्षेत्रों में वृद्ध पेड़, जो अपनी जड़ें छोड़ चुके हैं, उनका गिरना संभावित है। अगर इसी प्रकार प्रशासन व नगर निगम आंखें बंद कर एसी कमरों में बैठा रहा तो आमजन का बहुत बड़े स्तर पर नुकसान तय है।
दीपा ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द शहर के बुजुर्ग और खोखले पेड़ों को काटा जाए। प्रशासन और नगर निगम नागरिकों की शिकायतों को सुने और जल्द उनकी समस्याओं का निवारण करे।
सेक्टर 15 वेलफेयर एसोसिएशन के पैट्रन और फॉर्मल मेंबर एडवाइजरी काउंसिल एम.एल .लखनपाल का कहना है कि यह घटना प्रशासन की नाकामी को दर्शाती है। जब एक महीना पहले इस पेड़ की शिकायत हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट को की गई थी तो उन्होंने इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की? आज दंपत्ति का भारी नुकसान हो गया है और शारीरिक रूप से भी चोटें आई हैं लेकिन प्रशासन हर काम में ढील कर रहा है। उसका नतीजा आज आमजन को सहना पड़ रहा है।