CHANDIGARH, 17 SEPTEMBER: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की एक डबल बेंच में आज कुकुना क्लब की सुनवाई के दौरान जस्टिस सन्धवालिया ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन चंडीगढ़वासियों की मूलभूत सुविधाओं का ख्याल रखे।
हाईकोर्ट ने यूनेस्को की अथॉरिटी पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि क्या यूनेस्को चंडीगढ़ प्रशासन को चलाने के लिए कोई वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है, जो चंडीगढ़ प्रशासन यूनेस्को की नीतियों का गुलाम बन रहा है।
चंडीगढ़ प्रशासन को चेतावनी देते हुए जस्टिस संधवालिया ने कहा कि हेरिटेज कमेटी को प्रशासन अपनी गलतियां छुपाने के लिए ढाल की तरह इस्तेमाल न करे। चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर को चलाना है, हेरिटेज कमेटी ने नहीं।
सारे शहरवासियों की नींद उड़ाने वाली सेक्टर 7-26 की पॉलिसी पर सवालिया निशान उठाते हुए जस्टिस सन्धवालिया ने कहा कि प्रशासन के पास अगले 10 सालों का शहर के विकास, पार्किंग व शहरवासियों की मूलभूत सुविधाओं का रोड मैप क्या है ? उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ तीन सालों के लिए चंडीगढ़ में आते हैं तो 10 सालों की दूरदर्शिता दिखाने वाला प्लान कहां है ? इसका जिम्मेदार कौन है? अगर ऐसा है तो क्या हेरिटेज कमेटी ही शहर को चलाएगी ?
बता दें कि पिछले दिनों शहर के व्यापारियों ने एकजुट होकर दो बार प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की व प्रशासन को अपनी मांगों को अवगत करवाया था। आज व्यापारी संगठनों ने जस्टिस सन्धवालिया की टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा कि शायद हाईकोर्ट की फटकार से ही प्रशासन कुछ चेते।