Election petition against Dr. Krishnalal Midda CHANDIGARH, 7 SEPTEMBER: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया ने जींद निर्वाचन क्षेत्र से 28 जनवरी 2019 को निर्वाचित हुए भाजपा विधायक डॉ. कृष्ण लाल मिड्डा के विरूद्ध दायर चुनाव याचिका को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि ये कानून का दुुरुपयोग है तथा चुने हुए प्रतिनिधि को परेशान करने का प्रयास है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में पराजित हुए एक निर्दलीय उम्मीदवार मास्टर रमेश खत्री ने यह चुनाव याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि डॉ. मिड्डा ने अपने चुनाव में कई अनियमितताएं कीं तथा भ्रष्ट आचरण अपनाया। उन्होंने अपील की थी कि डॉ. मिड्डा के चुनाव को रद्द करके उन्हें 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाए। डॉ. कृष्णलाल मिड्डा के वकील धीरज जैन ने इस याचिका पर प्रारंभिक आपत्ति जताते हुए अदालत से आग्रह किया कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है। इसमें सभी आवश्यक तथ्य नहीं दिए गए हैं। अतः इस चुनाव याचिका को प्रारम्भ में ही रद्द किया जाए। धीरज जैन ने सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि जो याचिका विचार योग्य नहीं होती है, उसे प्रारंभ में ही रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि उसे ट्रायल पर ले जाने से अदालत का समय ही बर्बाद होता है।
दूसरी ओर, मास्टर रमेश खत्री के वकील दीक्षित खत्री ने कहा कि यह चुनाव याचिका पूरी तरह विचार योग्य है तथा इसे ट्रायल पर ले जाना चाहिए।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपने 57 पेज के फैसले में कहा कि यह याचिका केवल कानून का दुरुपयोग है, क्योंकि इसमें कोई केस नहीं बनता तथा ये समय अवधि के भी बाहर है। अदालत ने अपने निर्णय में यह भी लिखा कि अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह याचिका न्यायालय का दुरुपयोग है तथा यह केवल चुने हुए प्रतिनिधि को परेशान करने का प्रयास है। इस परिस्थिति में अदालत धीरज जैन द्वारा दायर आपति याचिका को स्वीकार करती है तथा चुनाव याचिका को खारिज करती है।