हीरो मोटर्स ने धनानसू की हाईटैक साइकिल वैली में नया प्लांट शुरू किया

CHANDIGARH: पंजाब के उद्योग मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा द्वारा लुधियाना के पास के गाँव धनानसूू की हाई-टेक साइकिल वैली में हीरो मोटजऱ् कंपनी के नए प्लांट का उद्घाटन किया गया। इससे पहले कैबिनेट मंत्री द्वारा 8.5 किलोमीटर लम्बी और 100 फुट चौड़ी सडक़ (जोकि चंडीगढ़ रोड को साइकिल वैली के साथ जोड़ती है) का उद्घाटन किया, जिसका निर्माण पी.एस.आई.ई.सी. द्वारा 66 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा।

इस मौके पर उनके साथ हीरो मोटजऱ् कंपनी के सी.एम.डी. पंकज मुंजाल, पी.एस.आई.ई.सी. के चेयरमैन स. गुरप्रीत सिंह बस्सी, पी.एम.आई.डी.बी. के चेयरमैन स. अमरजीत सिंह टिक्का, पंजाब यूथ डिवैल्पमैंट बोर्ड के चेयरमैन सुखविन्दर सिंह बिंद्रा, सीनियर कांग्रेसी नेता सतविन्दर कौर बिट्टी, एस.डी.एम. डॉ. बलजिन्दर सिंह ढिल्लों के अलावा अन्य भी उपस्थित थे।

इस मौके पर बातचीत करते हुए पंकज मुंजाल ने बताया कि साइकिल वैली यूरोप में केंद्रित आर.एंड.डी. सुविधाओं और भारत में निर्माण सम्बन्धी एच.एम.सी. की ग्लोबल इंजीनियरिंग और निर्माण चेन स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। उन्होंने कहा कि हीरो ई-साईकिल्ज़ लिमटिड फैक्ट्री हीरो मोटजऱ् कंपनी (एच.एम.सी.) की अभिलाषा का एक प्रमुख हिस्सा है, जो भारत को प्रीमियम साइकिलों और ई-साइकिलों का विश्वव्यापी निर्माण हब बनाएगा।

उन्होंने कहा कि फैक्ट्री एच.एम.सी. के वृद्धि का सामथ्र्य 10 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष बढ़ाने में सहायता करेगी, जहाँ 40 लाख प्रीमियम साइकिल और ई-साइकिलों का उत्पादन मुख्य तौर पर विश्वव्यापी उपभोग के लिए होगा। नए प्लांट के साथ हीरो ई-साइकिल वैली में भारत में निर्माण के मुकम्मल स्थानिकीकरण की प्राप्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय कम्पोनेंट सप्लायरों की एक श्रृंखला भी बनाई जाएगी। कैबिनेट मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने कहा कि साइकिल वैली में यह नया हाई-एंड एक्सपोर्ट-प्रमुख निर्माण प्लांट हज़ारों नौकरियाँ पैदा करने में सहायता करेगा और ‘मेक इन इंडिया’ पहलकदमी की ओर एक बड़ा कदम साबित होगा।

उन्होंने कहा कि एच.एम.सी. द्वारा नए प्लांट का उद्घाटन साइकिल वैली के संचालन के पहले चरण की गवाही देता है। 100 एकड़ में फैली यह वैली जब पूरी तरह मुकम्मल हो जाएगी तब 9 हज़ार से अधिक लोगों को यहाँ रोजग़ार मिलने की आशा है। पार्क अंतरराष्ट्रीय कम्पोनेंट सप्लायरों के लिए उत्पादन को स्थानीय बनाने और प्रीमियम कम्पोनेंट के आयात पर अपनी निर्भरता को ख़त्म करने में सहायता करने के लिए एक पूर्ण ईकोसिस्टम स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए वचनबद्ध है और इसी कारण कई बड़ी कंपनियों ने यहाँ अपने मैगा यूनिट स्थापित करने का फ़ैसला किया है।

उन्होंने कहा कि जल्द ही बहुत सी अन्य कंपनियाँ भी साइकिल वैली धनानसू में अपनी इकाईयाँ स्थापित करेंगी। उन्होंने कहा कि यह न सिफऱ् राज्य की आर्थिकता को बढ़ावा देगा बल्कि हज़ारों पंजाबी नौजवानों के लिए रोजग़ार भी पैदा करेगा। हालाँकि वैली की 50 एकड़ ज़मीन में हीरो ई-साइकिल फैक्ट्री है, 50 एकड़ ज़मीन और सुपुर्दगी पार्क के लिए भी निशानबद्ध की गई है।

एच.एम.सी. के ग्लोबल डिज़ाइन, इंजीनियरिंग और आर. एंड डी. सुविधाओं के साथ यूरोप (जर्मनी और यूके) में केन्द्रित, हीरो ई-साइकिल वैली को विश्व निर्यात की बढ़ रही माँग को पूरा करने के लिए निर्माण केंद्र के तौर पर विचारा गया है। श्री पंकज मुंजाल ने कहा कि ई-साइकिल वैली को चालू करने और ई.यू. और यू.के. में हीरो इंटरनेशनल के विकास के लिए पिछले दो सालों में 1000 करोड़ रुपए की रकम ख़र्च की जा रही है। जब कि एच.एम.सी. ई-साइकिल वैली को चलाने के लिए 350 करोड़ रुपए ख़र्च कर रही है, विक्रेता अंदाजऩ 400 करोड़ रुपए ला रहे हैं। इसके अलावा, एच.एम.सी. ने अगले कुछ सालों में 300 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बनाई है, जिसमें इसके ब्रांडों, आर. एंड डी. और ई.यू. और यू.के. में और मज़बूत किया जा सके।

जो इसकी वैश्विक इच्छाओं के लिए एक मुख्य पक्ष बन जाता है। उन्होंने कहा कि एच.एम.सी. पहले से ही इलैक्ट्रिक मोटर स्थानिकीकरण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर और भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर के एलोए फ्ऱेम, सस्पेंशन और सी.वी.टी. बनाने के लिए एक और जे.वी. के साथ साझे उद्यम को अंतिम रूप देने के लिए पहले से विचार-विमर्श चल रहा है।

प्रीमियम साइकिल पाट्र्स बनाने वाली कंपनी सपुर टैक्नोलॉजीज़, हीरो मोटजऱ् कंपनी की सहायक कंपनी, वैली में पहले ही एक निर्माण यूनिट स्थापित की जा चुकी है। हाई-एंड कम्पोनेंट स्थानिकीकरण और नवीन केंद्र के साथ ईकोसिस्टम द्वारा एच.एम.सी. के निर्माण सामथ्र्य को अपग्रेड करने की उम्मीद की जाती है, जो आज साइकिल को 150-500 डॉलर, और ई-बाईक्स को 1000 से 5000 डॉलर के मुकाबले 60 डॉलर के मुकाबले बनाएगा। क्लास ईकोसिस्टम में सर्वोत्त्म और एक ‘मेक इन इंडिया’ हब भारत को अंतरराष्ट्रीय क्वालिटी साइकिल, ई-बाईक्स और ऑटो कम्पोनैंटों के निर्माण का एक ग्लोबल हब बनने के योग्य बनाएगा।

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