हाथरस कांडः सुबह मोदी ने खड़काया योगी का फोन, बनी एसआईटी

ANews Office:  उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए गैंगरेप व हत्या के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जताई है। मोदी ने इस मामले पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस घटना के दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बना दी है। इस टीम से सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। इसके अलावा इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा। यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थोड़ी देर पहले ही ट्वीट करके दी है।

गृह सचिव भगवान स्वरूप बनाए गए एसआईटी के अध्यक्ष

एसआईटी के अध्यक्ष गृह सचिव भगवान स्वरूप बनाए गए हैं। डीआईजी चंद्रप्रकाश और आगरा पीएससी की सेनानायक पूनम इसमें सदस्य के तौर पर शामिल हैं। पूनम खुद भी एससी वर्ग से हैं। दुष्कर्म की शिकार हुई लड़की के भाई का कहना है कि परिवार को सुरक्षा दी जाए। प्रशासन उन पर दबाव डाल रहा है। लोकल पुलिस पर उनका भरोसा नहीं है। घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

प्रियंका गांधी ने सुबह किए लगातार 5 ट्वीट

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा हाथरस की घटना को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर हैं। आज सुबह भी उन्होंने एक के बाद एक पांच ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी, तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ तो सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें।

पुलिस ने ही कर दिया अंतिम संस्कार

इससे पहले पुलिस लड़की के शव को दिल्ली से लेकर मंगलवार रात 12:50 बजे उसके पैतृक गांव पहुंची, लेकिन घरवालों को लाश नहीं सौंपी। आखिरी बार बेटी का चेहरा देखने के लिए माता-पिता और भाई तड़प उठे, लेकिन परिवार वालों की एक नहीं सुनी गई और रात 2:30 बजे उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस पर आरोप है कि अंतिम संस्कार के दौरान पीड़ित परिवार के एक भी सदस्य को मौजूद नहीं रहने दिया गया, बल्कि पुलिस ने खुद ही लाश जला दी। इस मामले को लेकर गांव में तनाव है।

ग्रामीण और पुलिस के बीच झड़प
बताया जाता है कि रात को जब पीड़ित का शव एंबुलेंस से गांव लाया गया तो परिवार वालों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे शव सौंपने की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन अंतिम संस्कार की जल्दबाजी में था। परिवार वाले एंबुलेंस के सामने भी लेट गए। इस दौरान प्रशासन और ग्रामीणों के बीच झड़प भी हुई। आरोप है कि एडीएम ने परिवार वालों से बदसलूकी की। परिवार वाले रात में अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे, लेकिन शव को जबरन जला दिया गया। इस दौरान मीडिया को भी दूर रखा गया। लाश जलाने में पेट्रोल का इस्तेमाल करने की आशंका जताई जा रही है।

ये है पूरा मामला
आरोपों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में 14 सितम्बर को चार लोगों ने दिन में बाजरे के खेत में काम कर रही 19 साल की दलित युवती से दुष्कर्म किया। वारदात के बाद आरोपियों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ काट दी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालांकि पुलिस का दावा है कि गैंगरेप और जीभ काटने के आरोप गलत हैं।

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