डिप्टी सीएम ने हिसार हवाई अड्डा व हवाई पट्टियों के कार्य की समीक्षा की
CHANDIGARH: हरियाणा सरकार प्रदेश के मेगा प्रोजेक्ट ‘महाराजा अग्रसेन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा,हिसार’ सहित प्रदेश की सभी छह हवाई पट्टियों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर जनता को जल्द से जल्द समर्पित करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।
इसी कड़ी में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चंडीगढ़ में उड्डयन विभाग, लोक निर्माण विभाग, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम, पशुपालन विभाग, सिंचाई विभाग, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, पर्यावरण विभाग सहित अन्य विभागों से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें उन्होंने हिसार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सहित, पिंजौर, करनाल, महेंद्रगढ़, भिवानी व गुरूग्राम के हवाई पट्टियों के निर्माण कार्यों की प्रगति-रिपोर्ट तलब की और प्रोजेक्ट से जुड़े हर काम को समय पर पूरा करने के आदेश दिए।
हिसार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे के काम में हुई देरी को लेकर डिप्टी सीएम ने अधिकारियों से इसका कारण जाना जिसके जवाब में अधिकारियों ने इसके लिए हिसार-बरवाला रोड़ व हिसार धांसू रोड़ पर चलने वाले यातायात को बाधा बताया। डिप्टी सीएम ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि हिसार-बरवाला रोड़ बंद होने से लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए मिर्जापुर रोड़ से तलवंडी के पास नेशनल हाइवे को जोडऩे वाला वैकल्पिक रोड़ का फाईनल-प्लॉन अधिशीघ्र तैयार करें ताकि रोड़ का निर्माण कार्य शुरू हो। बैठक में अधिकारियों को धांसू रोड़ को बंद करने के आदेश दिए।
बैठक में जानकारी दी गई कि हिसार के बाल-निगरानी घर को खाली करवाने संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। डिप्टी सीएम ने जल्द इसे खाली करवा कर अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस बैठक में गौशाला माइनर के तीन चैनल बंद करने, नंदीशाला को अन्य जगह शिफ्ट करने, बीपीसीएल प्लांट को यहां से दूसरी जगह शिफ्ट करने की रिपोर्ट ली गई।
दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को स्पष्ट कहा कि वे ‘महाराजा अग्रसेन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा,हिसार’ के रन-वे का निर्माण कार्य निर्धारित समय अवधि में पूरा करें। हवाई अड्डा में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए 33 केवी स्टेशन के निर्माण की मंजूरी दी गई। इसके अलावा, डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को कहा कि हिसार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण 7200 हेक्टेयर में होने जा रहा है, ऐसे में इतने बड़े क्षेत्र हेतु जल निकासी के लिए अधिकारी अभी से मेगा ड्रैनेज प्लान तैयार करें जिससे आने वाले 50 वर्षो में भी जल निकासी की कोई समस्या न हो।
इस बैठक में जहां करनाल, पिंजौर, भिवानी, नारनौल, गुरूग्राम में हेलीपेड सहित हवाई पट्टियों के विस्तार, उनके आधुनिकीकरण, विद्युत आपूर्ति, जलापूर्ति, चारदीवारी, रनवे लाईट्स, एयर ट्रैफिक कंट्रौल हैंगर आदि पर चर्चा की वहीं डिप्टी सीएम ने हरियाणा के ज्यादा युवाओं को पायलट की टे्रनिंग देने की योजना पर भी विस्तार से अधिकारियों को मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।
भिवानी व नारनौल में हवाई पट्टी में रात को लैंडिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए डिप्टी सीएम ने रन-वे लाईट्स लगाने का स्टेटस जाना। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के पास से गुजरने वाली हाई-टेंशन लाइन को शिफ्ट करने के अलावा इन हवाई अड्डों पर 24 घंटे निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा, यहां पेयजल आपूर्ति करने, हवाई अड्डे की बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए। डिप्टी सीएम ने हैंगर, टेक्सी- हवाई पट्टी के विस्तार कार्यों का जायजा लेने के लिए साइट विजिट कर उन्हें रिपोर्ट करने के निर्देश दिए।
करनाल हवाई अड्डे को लेकर दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को रन-वे का विस्तार पांच हजार फीट तक बढ़ाने के मामले बारे अधिकारियों को जमीन अधिग्रहण का स्टेट्स जाना। बैठक में बताया गया कि करनाल हवाई पट्टी के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने यहां टैक्सी-वे वीआईपी लाऊंज के मरम्मत के काम को तेजी से पूरा करने के साथ साथ करनाल के उपायुक्त को हवाई अड्डे को नेशनल हाईवे से जोडऩे वाली सडक़ का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा।
डिप्टी सीएम ने पिंजौर हवाई पट्टी को विस्तार देने के लिए यहां एटीसी टॉवर लगाने, बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्यों के स्टेटस की भी जानकारी ली।
हरियाणा में पायलट ट्रैनिंग स्कूल की क्षमता बढ़ेगी-दुष्यंत चौटाला
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बैठक में कहा कि भविष्य में पूरे विश्व में एविशन सेक्टर में विस्तार व विकास होगा और ज्यादा पायलट ट्रेनिंग स्कूलों की जरूरत पड़ेगी। इसका फायदा हरियाणा के युवाओं को मिलना चाहिए। उन्होंने पिंजौर, करनाल व भिवानी में चल रहे फ्लाईंग स्कूलों को और अधिक सुविधा देने और यहां पर पायलट ट्रेनिंग की सीटों की संख्या बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों से वर्तमान में दी जा रही फ्लाईंग स्कूलों में उपलब्ध एयरक्राफ्ट, उनकी कंडीशन और ट्रेनिंग देने की क्षमता की जानकारी ली और उन्हें अधिक संख्या में पायलट व हेलीकाप्टर की ट्रैनिंग देने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।