CHANDIGARH: हरियाणा के शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल ने आज हरियाणा विधान सभा सचिवालय को विभाजन समय आंवटित हुए 20 कमरों पर पंजाब विधान सभा से खाली करवा हरियाणा विधान सभा को सौंपने का प्रस्ताव रखा, जिसको ध्वनीमत से पारित कर दिया।
कंवर पाल ने कहा कि हरियाणा राज्य पंजाब पुर्नगठन अधिनियम, 1966 (1966 कर केन्द्रीय अधिनियम 1931) की धारा-3 के माध्यम से भारतीय संविधान की प्रथम अनुसूची में राज्य के रूप में सम्मलित होकर 1 नवम्बर, 1966 से अस्तित्व में आया।
उन्होंने कहा कि उस समय पंजाब तथा हरियाणा की सीमाओं का बंटवारा हुआ वहीं पर अन्य संसाधनों का भी बंटवारा हुआ। प्रदेश को बने हुए लगभग 54 वर्ष हो गए हैं परंतु हमें अभी तक अपना पूरा हक नहीं मिला है। हरियाणा एवं पंजाब विधान भवन का बंटवारा दिनांक 17.10.1966 को तत्कालीन माननीय राज्यपाल महोदय, पंजाब के कार्यालय द्वारा आवंटित किया।
उन्होंने बताया कि विधान भवन ईमारत का कुल क्षेत्रफल 66430 वर्ग फुट निर्धारित किया गया। इसमें से 30890 वर्ग फुट पंजाब विधान सभा सचिवालय को दिया गया तथा 10910 वर्ग फुट पंजाब विधान परिषद सचिवालय को दिया गया और 24630 वर्ग फुट हरियाणा विधान सभा सचिवालय को दिया गया।
उन्होंने कहा कि यह महान सदन विधान सभा भवन की ईमारत का अपना हिस्सा लेने के लिए किसी भी फोर्म पर अपनी बात पूरजोर से एकजुटता के साथ उठाएगा तथा यह सदन पंजाब सरकार तथा पंजाब विधान सभा अध्यक्ष से भी आग्रह करता हूं कि पंजाब पुर्नगठन अधिनियम 1966 के तहत जो हरियाणा एवं पंजाब विधान भवन का बंटवारा हुआ, उसका सम्मान करते हुए हरियाणा और पंजाब भवन की ईमारत में जो 24630 वर्ग फुट स्थान जो हरियाणा विधान सभा सचिवालय को आंवटित हुआ था उसमें से हरियाणा विधान सभा के जो 20 कमरों पर पंजाब विधान सभा के पास हैं उनको खाली करते हरियाणा विधान सभा को सौंपा जाए।