हरियाणा सरकार ने राजनीति और चुनावों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी को प्रतिबंधित किया

CHANDIGARH: हरियाणा सरकार ने हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016 को लागू करते हुए राजनीति और चुनावों में कर्मचारियों की भागीदारी को प्रतिबंधित कर दिया है। इस संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा एक अधिसूचना भी जारी की गई है।

इस संबंध में अधिक जानकारी साझा करते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, प्रबंध निदेशकों, बोर्डों एवं निगमों के मुख्य प्रशासकों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, हरियाणा के विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (सामान्य) को हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016 के नियम 9 और 10 का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन करने पर तत्काल और सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

राजनीति और चुनावों में भाग लेना

प्रवक्ता ने बताया कि अधिसूचना के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले किसी भी संगठन का सदस्य नहीं होगा, या अन्यथा उससे जुड़ा नहीं होगा, न ही इसमें भाग लेगा, या सहायता के लिए सदस्यता लेगा, या किसी भी अन्य तरीके से, किसी भी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में सहायता करेगा।

प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा, प्रत्येक सरकारी कर्मचारी का यह कर्तव्य होगा कि वह अपने परिवार के किसी भी सदस्य को ऐसे किसी भी आंदोलन या गतिविधि में भाग लेने या सहायता करने या किसी अन्य तरीके से सहायता करने से रोकने का प्रयास करेगा, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्थापित कानून के अनुसार सरकार को नुकसान पहुंचाने वाले हों और जहां एक सरकारी कर्मचारी अपने परिवार के सदस्य को ऐसे किसी भी आंदोलन या गतिविधि में भाग लेने या सहायता करने, या किसी अन्य तरीके से सहायता करने से रोकने में असमर्थ है, तो वह इसकी रिपोर्ट सरकार को करेगा।

यदि कोई प्रश्न उठता है कि कोई दल राजनीतिक दल है या कोई संगठन राजनीति में भाग लेता है या कोई आंदोलन या गतिविधि उपनियम (2) के दायरे में आती है या नहीं तो उस पर सरकार का निर्णय अंतिम होगा।

प्रवक्ता ने बताया कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी विधायिका या स्थानीय प्राधिकरण के चुनाव के संबंध में प्रचार या अन्यथा हस्तक्षेप नहीं करेगा या अपने प्रभाव का उपयोग नहीं करेगा या भाग नहीं लेगा, बशर्ते कि कोई सरकारी कर्मचारी ऐसे चुनाव में मतदान करने के लिए योग्य हो तो उसे वोट देने का अधिकार होगा, लेकिन जहां वह ऐसा करता है, वह उस तरीके का कोई संकेत नहीं देगा जिसमें वह वोट देने का प्रस्ताव करता हो या दिए गए वोट के बारे बताता हो, उसे इस उप-नियम के प्रावधानों का उल्लंघन केवल इस कारण से नहीं माना जाएगा कि उसने किसी भी कानून द्वारा या उसके तहत उसे सौंपे गए कर्तव्य के उचित निर्वहन में चुनाव के संचालन में सहायता प्रदान की है।

प्रवक्ता ने बताया कि किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा व्यक्तिगत, अपने वाहन या निवास पर किसी चुनावी चिह्न का प्रदर्शन इस उप-नियम के अर्थ के तहत चुनाव के संबंध में अपने प्रभाव का उपयोग माना जाएगा।

एसोसिएशन में शामिल होना

प्रवक्ता ने बताया कि कोई भी सरकारी कर्मचारी ऐसे किसी भी एसोसिएशन में शामिल नहीं होगा या उसका सदस्य नहीं रहेगा, जिसका उद्देश्य या गतिविधियां भारत की संप्रभुता और अखंडता या सार्वजनिक व्यवस्था या नैतिकता के हित के लिए हानिकारक हैं।

इसके अलावा, कोई भी सरकारी कर्मचारी राज्य स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर एक से अधिक ऐसे एसोसिएशनों का सदस्य, पदाधिकारी नहीं होगा, जिसके उद्देश्य या लक्ष्य खेल के प्रचार से संबंधित हों। हालांकि, खेल विभाग का कर्मचारी केवल अपनी विशिष्टता, विषय के क्षेत्र में ही राज्य स्तर पर एक एसोसिएशन और राष्ट्रीय स्तर पर एक एसोसिएशन का सदस्य, पदाधिकारी बन सकता है।

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