सरकारी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की फीस अब भी प्राइवेट कालेजों के मुकाबले बहुत कम: मुख्यमंत्री
CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार किसान हित का हर निर्णय तत्परता से ले रही है । इसी कड़ी में रबी बुआई सीजऩ के लिए 7 जिलों में कृषि नलकूपों के लिए बिजली आपूर्ति अवधि 8 घण्टे से बढ़ाकर 10 घण्टे कर दी गई है। इसके साथ ही बाजार में चीनी के भाव पर्याप्त न होने के बावजूद किसानों की मांग पर गन्ने के भाव में 10 रूपये प्रति क्विंटल बढ़ाने का निर्णय लिया है और अब ये भाव 340 रूपये प्रति क्विंटल से बढकऱ 350 रूपये प्रति क्विंटल हो गए हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विपक्ष का काम केवल किसानों के नाम पर दिखावे की राजनीति करना है, जबकि सरकार किसान हित में जो भी सही होता है, उसे करके दिखाती है। एमबीबीएस की फीस बढ़ाने के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि एमबीबीएस की फीस जो पहले 60,000 रूपये प्रतिवर्ष थी, उसे बढ़ाकर 80,000 रूपये प्रतिवर्ष किया गया है। उन्होंने कहा कि 10 लाख रूपये का बॉन्ड एमबीबीएस करने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों से भरवाया जाएगा और यह बॉन्ड सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए एक प्रावधान होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष इस पर भी अफवाह फैलाने में लगा है, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि प्राईवेट मेडिकल कॉलेजों में तो 12 से 15 लाख रूपये प्रतिवर्ष फीस ली जाती है जबकि सरकारी कॉलेजों में फीस बढ़ाने के बावजूद पूरी एमबीबीएस पढ़ाई की फीस 4 लाख रूपये ही बनती है।