निर्धारित प्रक्रिया और कागजों के साथ पारिवारिक आय में सुधार के लिए कर सकेंगे आवेदन
CHANDIGARH: हरियाणा सरकार ने नागरिकों को परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में इनकम में सुधार करने का ऑप्शन दे दिया है। जिन नागरिकों ने किसी कारणवश गलत आय की जानकारी दी थी वो अब इसमें सुधार के लिए आवेदन कर सकेंगे। उदाहरण के तौर पर यदि किसी नागरिक ने अपनी पारिवारिक आय त्रुटिवश ज्यादा दर्शाई थी, तो वो इसे कम करने के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए परिवार पहचान पत्र की वेबसाइट https://meraparivar.haryana.gov.in/ पर जाकर रिपोर्ट ग्रीवांस पर क्लिक करने के बाद जरूरी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपनी इनकम का विवरण देना होगा। आवेदक चाहें तो साथ में अपने दावे से संबंधित डॉक्यूमेंट्स भी अटैच कर सकते हैं। विभाग द्वारा यह जानकारी सत्यापित करवाई जाएगी। अगर नागरिक द्वारा दी गई जानकारी सही पाई जाती है तो आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। नागरिकों से आग्रह है कि वे केवल सत्यापित जानकारी ही पीपीपी पोर्टल पर अपलोड करें।
ग़ौरतलब है कि पारिवारिक आय की जानकारी में सुधार ना होने के कारण कई नागरिक सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं। जिसके चलते सरकार ने ये फैसला लिया है अब कोई भी नागरिक पीपीपी में दिए विवरण में सुधार के लिए आवेदन कर सकता है और सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकता है। उल्लेखनीय है कि पीपीपी हरियाणा में प्रत्येक परिवार की पहचान करता है और परिवार के बुनियादी डेटा को डिजिटल प्रारूप में परिवार की सहमति से प्रदान करता है। प्रत्येक परिवार को आठ अंकों का परिवार आईडी प्रदान किया जाता है। फैमिली डेटा के ऑटोमैटिक अपडेशन को सुनिश्चित करने के लिए फैमिली आईडी को बर्थ, डेथ और मैरिज रिकॉर्ड से जोड़ा गया है। सरकार फैमिली आईडी से छात्रवृत्ति, सब्सिडी और पेंशन जैसी योजनाओं को जोड़ रही है, ताकि पारदर्शिता, स्थिरता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके और साथ ही विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी और पेंशन के लाभार्थियों के स्वत: चयन को सक्षम किया जा सके और असली हकदारों को इनका लाभ बिना देरी के सुनिश्चित किया जा सके।
परिवार आईडी डेटाबेस में उपलब्ध डेटा पात्रता निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है जिसके माध्यम से लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों का स्वचालित स्व-चयन किया जाता है। इसलिए एक बार परिवारों का डेटाबेस बनने के बाद, परिवारों को प्रत्येक व्यक्तिगत योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, पीपीपी डेटाबेस में डेटा प्रमाणित और सत्यापित हो जाने के बाद, किसी लाभार्थी को कोई और दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।