CHANDIGARH: हरियाणा विधानसभा के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी चण्डीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मिला और पंजाब से हरियाणा विधानसभा के 20 कमरों को लेने के लिए हरियाणा विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव की प्रति व एक ज्ञापन उन्हें सौंपा।
पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी चण्डीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मिलने के लिए गए हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, पुरातत्व एवं संग्रहालय मंत्री अनूप धानक, हरियाणा विधानसभा के प्रतिपक्ष नेता भूपेन्द्र सिंह हुडडा, विधायक रघुवीर सिंह कादियान और विधायक श्रीमती किरण चौधरी शामिल थे।
पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी चण्डीगढ़ के प्रशासक वी पी सिंह बदनौर को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि विधानसभा भवन में 20 कमरे जो हमारा हिस्सा है उन पर आज भी पंजाब ने अवैध तौर से कब्जा किया हुआ है। आज हमारे कर्मचारियों के लिए, विभिन्न दल के नेताओं व मंत्रियों तथा समितियों की बैठक के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। वहीं दूसरी ओर हमारे 20 कमरों पर पंजाब विधानसभा ने अवैध रूप से अपना कब्जा किया हुआ है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि महान सदन विधानसभा भवन की ईमारत का अपना हिस्सा लेने के लिए किसी भी फोर्म पर अपनी बात पुरजोर एकजुटता के साथ उठाएगा तथा यह सदन पंजाब सरकार या पंजाब विधानसभा अध्यक्ष से भी अनुरोध करता है कि पंजाब पुर्नगठन अधिनियम, 1966 के तहत जो हरियाणा एवं पंजाब विधान भवन का बंटवारा 17 अक्तूबर, 1966 को हुआ, उसका सम्मान करते हुए हरियाणा और पंजाब भवन की ईमारत में जो 24630 वर्गफुट स्थान जो हरियाणा विधानसभा सचिवालय को आंबटित हुआ उसमें से जो 20 कमरों पर पंजाब विधानसभा का अवैध कब्जा है उनको खाली करके हरियाणा विधानसभा को सौंपा जाए।
बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी चण्डीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने आश्वासन दिया है कि वे विधानसभा के सही बंटवारे के लिए चण्डीगढ के चीफ इंजीनियर को बुलाकर इस विषय की जांच करवाएंगे और इस मामले पर तीन सदस्यीय एक कमेटी भी गठित की जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बताया कि बदनौर ने ये भी आश्वासन दिया है कि हरियाणा का हिस्सा अवश्य मिलेगा।