CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लाल किले पर हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए इस घटना को हर भारतीय के लिए असहनीय बताया है। साथ ही कहा है कि इस घटना से साफ है कि किसान आंदोलन अब किसान नेताओं के हाथ से निकल चुका है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आंदोलनरत किसानों से घर लौटने की अपील करते हुए कहा है कि असामाजिक तत्वों के मंसूबों को विफल करने के लिए इस समय यही जरूरी है।
इस तरह की अराजकता फैलाने के लिए नहीं मिली थी आजादी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कल देर रात जारी एक बयान में कहा कि गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर लाल किले पर हुई दुखद घटना अत्यंत निंदनीय है। लोकतंत्र में संवाद के जरिए मतभेदों को दूर करने की पर्याप्त गुंजाइश है लेकिन तमाम मतभेदों के बावजूद कोई भी भारतीय लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के स्थान पर कोई भी दूसरा झंडा फहराए जाने को सहन नहीं कर सकता। मनोहर लाल ने कहा कि यह हमारे उन स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों का अपमान है, जिन्होंने लाल किले पर तिरंगा फहराने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया था। उन्होंने यह आजादी इस तरह की अराजकता फैलाने के लिए नहीं दिलवाई थी।
अब किसान नेताओं के नियंत्रण से बाहर है आंदोलन
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए किसान संगठनों ने गहन आश्वासन दिए थे लेकिन इस घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि आंदोलन अब इन किसान नेताओं के नियंत्रण से बाहर है और इस आंदोलन की कमान ऐसे अराजक तत्वों के हाथ में है, जिनकी विचारधारा किसान हितों सेे भिन्न है। इसलिए अब किसान भाइयों को इस विषय पर गहन विचार करना चाहिए कि ये आंदोलन किस दिशा में जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा का समूचा मंत्रिमंडल आंदोलन में मौजूद सभी किसानों से विनम्र अपील करता है कि वे अपने-अपने घरों को लौट जाएं। इस समय इस बात की सख्त जरूरत है कि हम सब मिलकर असामाजिक तत्वों के इरादों को विफल करें।