मुख्यमंत्री ने छोटे व्यापारियों के कल्याणार्थ मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति योजना का किया शुभारंभ
व्यापारी क्षतिपूर्ति योजना में अब 1.50 करोड़ रुपये तक र्टन ओवर वाले छोटे व्यापारी भी होंगे शामिल
CHANDIGARH, 16 MARCH: हरियाणा में छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि जिन व्यापारियों का टर्नओवर 20 लाख रुपये सालाना है, उन्हें जीएसटी पंजीकरण के लिए अब सीए प्रमाणपत्र राज्य सरकार द्वारा एंपेनल्ड चार्टर्ड अकाउंटेंट से निःशुल्क प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज हरियाणा निवास में आयोजित व्यापारी क्षतिपूर्ति योजना का शुभारंभ करते हुए की। इस अवसर पर हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन श्री बाल किशन व सदस्य तथा प्रदेश के कौने-कौने से आए व्यापारी उपस्थित रहे।
मनोहर लाल ने कहा कि छोटे व्यापारियों को अपना पंजीकरण कराने के लिए सीए प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है और इसे प्राप्त करने के लिए उन्हें कुछ राशि का भुगतान करना पड़ता है। अब इस घोषणा के बाद छोटे व्यापारी, जिनका टर्नओवर 20 लाख रुपये तक है, वे सरकार द्वारा एंपेनल्ड चार्टर्ड अकाउंटेंट से सीए प्रमाणपत्र ले सकेंगे। इस खर्च का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति योजना में छोटे व्यापारियों को किया गया शामिल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में व्यापारियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति योजना का दायरा बढ़ाकर अब इस योजना में छोटे व्यापारियों, जिनका वार्षिक कारोबार 1.50 करोड़ रुपये तक है, को भी शामिल किया गया है। यह योजना 1 अप्रैल, 2023 से शुरू हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत आग लगने, दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा आदि के कारण माल के नुकसान के लिए लाभार्थी की श्रेणी के अनुसार मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। योजना के अंतर्गत उन व्यापारियों को लाभ दिया जाएगा, जो 31 मार्च या पंजीकरण की तिथि को या बाद की तिथि को राज्य या केंद्रीय क्षेत्राधिकार में जीएसटी अधिनियम, 2017 के तहत पंजीकृत पात्र करदाता हैं। ऐसे करदाता योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत होने चाहिएं। उनके पंजीकरण शुल्क का भुगतान हितधारक अर्थात हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड द्वारा हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास को किया गया होना चाहिए। इस योजना के तहत डेढ़ करोड़ रुपये तक के कारोबार पर 20 लाख रुपये तक मुआवजा राशि दी जाएगी। मुआवजा राशि और पंजीकरण शुल्क का विवरण इस प्रकार है:-
क्र.संख्या | श्रेणी | मुआवजा कवरेज | वार्षिक पंजीकरण शुल्क |
1 | 0 से 20 लाख रुपये तक | 5 लाख रुपये तक | 100 रुपये |
2 | 20 से 50 लाख रुपये तक | 10 लाख रुपये तक | 500 रुपये |
3 | 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक | 15 लाख रुपये तक | 1000 रुपये |
4 | 1 से 1.5 करोड़ रुपये तक | 20 लाख रुपये तक | 2500 रुपये |
बड़े राज्यों में प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह के मामले में हरियाणा शीर्ष पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह के मामले में 68142 करोड़ की कलेक्शन के साथ हरियाणा बड़े राज्यों में शीर्ष स्थान पर है। उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने में व्यापारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे आम आदमी और सरकार के बीच सेतु होते हैं। मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हरियाणा के व्यापारियों का राज्य के जीएसटी संग्रह में महत्वपूर्ण योगदान है।
हरियाणा के व्यापारियों को पूरा सहयोग देने का आश्वासन देते हुए मनोहर लाल ने कहा कि कोई भी व्यापारी जब भी अपनी दुकान बंद कर घर वापस पहुंचता है तो उसे किसी भी कारण से अनहोनी की आशंका सताती रहती है। इसलिए ऐसे सभी व्यापारियों के व्यवसाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही रेहड़ी-फड़ी विक्रेताओं के लिए भी एक योजना लेकर आएगी।
मुख्यमंत्री ने व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्यों से व्यापारी क्षतिपूर्ति पोर्टल पर व्यापारियों का अधिक से अधिक पंजीकरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि व्यापारियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना हर छोटे-बड़े व्यापारी के लिए लाभकारी होगा।
मनोहर सरकार की व्यापारी हितैषी नीतियों से प्रभावित होकर दिल्ली के व्यापारी भी अपना कारोबार हरियाणा में स्थानांतरित करने को हैं तैयार
कार्यक्रम में हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बाल
किशनने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि व्यापारी हितैषी और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के कारण ही दिल्ली के व्यापारी भी अपना कारोबार हरियाणा में स्थानांतरित करने को तैयार हैं। आज मुख्यमंत्री ने व्यापारियों के कल्याण के लिए एक और महत्वपूर्ण योजना की सौगात दी है। यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि पंक्ति में अंतिम व्यक्ति के उत्थान और हर छोटे व बड़े व्यापारी के कल्याण को सुनिश्चित करना ही राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बार-बार सराहना की गई है।
इस अवसर पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव के. मकरंद पांडुरंग, आबकारी एवं कराधान आयुक्त अशोक मीणा सहित अन्य सदस्य तथा व्यापारीगण उपस्थित थे।