‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ के नाम से चलाया जाएगा विशेष अभियान, वर्ष 2021-22 में एक लाख एकड़ भूमि सुधार का प्रस्ताव
CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पेश किए गए बजट में किसानों और कृषि के विकास का विजन साफ तौर पर दिखाई दिया। उन्होंने ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ के नाम से एक विशेष अभियान चलाने के साथ-साथ क्षारीय और लवणीय मृदा के उपचार हेतु योजना में किसानों की भागीदारी के लिए एक नया पोर्टल भी स्थापित करने की घोषणा की है। साथ ही, वर्ष 2021-22 में कम से कम एक लाख एकड़ भूमि का सुधार करने की बात भी कही है।
मनोहर लाल ने बतौर वित्त मंत्री वर्ष 2021-22 का बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि हम किसानों के ऋणी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और परिश्रम से हरियाणा को देश का खाद्यान्न भण्डार बनाया है। उन्होंने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है। हम किसानों की आय दोगुनी करने और उनका कल्याण व उत्थान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन-एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन; कीट प्रबंधन; गुणवत्तापरक आदानों (उर्वरक, बीज, कीटनाशक आदि) की उपलब्धता; क्षारीय और लवणीय जल-भराव वाली मृदाओं का सुधार; जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण; खेत में जल प्रबंधन; फार्म मशीनीकरण को प्रोत्साहन; क्षेत्र की कवरेज और उपज का आकलन, फसल विविधीकरण तथा फलों व सब्जियों को प्रोत्साहन जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष से ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ नामक एक विशेष अभियान चलाने की घोषणा करते हुए कहा कि इस अभियान में मृदा स्वास्थ्य और मृदा की गुणवत्ता के आधार पर फसल चयन की सुविधा उपलब्ध करवाने पर बल दिया जाएगा। यह मृदा स्वास्थ्य से लेकर फसलों के चयन, इनपुट्स, प्रंसस्करण और विपणन के हर स्तर पर समाधान उपलब्ध करवाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य के आधार पर फसलों की बिजाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पंजीकृत किसानों द्वारा फसल की बिजाई की विस्तृत जानकारी ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी। ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर 9.14 लाख किसानों ने पंजीकरण करवाया है।
उन्होंने बताया कि अप्रैल, 2021 से प्रत्येक एकड़ के मृदा नमूनों के संग्रहण और जांच का कार्यक्रम बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा और आगामी 3 वर्षों में राज्य के पूरे क्षेत्र को कवर किया जाएगा। किसानों को घर-द्वार पर मृदा जांच सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए मंडियों व सरकारी भवनों में 17 नई स्थैतिक मृदा जांच प्रयोगशालाएं और 59 मिनी-मृदा जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 14 नई मृदा जांच प्रयोगशालाओं के लिए भवनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और शेष मृदा जांच प्रयोगशालाओं का कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि किसानों और विज्ञान के विद्यार्थियों में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाने, विज्ञान के विद्यार्थियों को मृदा व पानी के नमूनों की जांच तथा उन्हें एक उद्यमी के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए, सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने की पहल की गई है। पहले चरण में, वर्ष 2020-21 के दौरान मृदा जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना हेतु कुल 115 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों का चयन किया गया है। वर्ष 2021-22 के दौरान स्कूलों/कॉलेजों/तकनीकी विश्वविद्यालयों/संस्थानों में लगभग 125 मृदा जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। इससे एक ओर जहां किसानों को लाभ होगा वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को ‘अर्न व्हायल लर्न स्कीम’ के माध्यम से एक अनूठा अवसर मिलेगा। कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के पाठयक्रम में यह अनिवार्य होगा कि वे क्षेत्रीय गतिविधियों के साथ जुड़े।