जानिए पंजाब के विधायक किस तरह करेंगे राज्यसभा सदस्य का चुनाव, कैसे होगी वोटिंग
CHANDIGARH, 21 MARCH: आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब से पांच राज्यसभा सदस्यों के चुनाव के लिए आज उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इनमें जालंधर निवासी पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर व मालिक अशोक मित्तल, पार्टी के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा, लुधियाना के उद्योगपति संजीव अरोड़ा और दिल्ली IIT के प्रोफेसर डॉ. संदीप पाठक का नाम शामिल है। आम आदमी पार्टी द्वारा राघव चड्ढा, हरभजन सिंह व डॉ. संदीप पाठक को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में ANews Office ने पहले ही खबर प्रकाशित कर जानकारी दे दी थी लेकिन बाकी दो नामों की घोषणा आज नामांकन के मौके पर ही की गई है। इन पांचों उम्मीदवारों ने चुनाव के लिए आज नामांकन के अंतिम दिन अपना पर्चा भी दाखिल कर दिया। इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत पार्टी के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। आम आदमी पार्टी के इन पांचों उम्मीदवारों का राज्यसभा में पहुंचना तय माना जा रहा है, क्योंकि पंजाब विधानसभा में इस समय आम आदमी पार्टी का प्रचंड बहुमत है तथा राज्यसभा के लिए इन पांचों उम्मीदवारों का चुनाव ये विधायक ही करेंगे। चुनाव 31 मार्च को होगा।
राघव चड्ढा सबसे कम उम्र के होंगे सांसद
33 साल के राघव चड्ढा का राज्यसभा मैंबर बनना तय है। लिहाजा, वह देश के सबसे कम उम्र के राज्यसभा सांसद होंगे। दूसरी तरफ, डॉ. संदीप पाठक को आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 2020 और फिर पंजाब में 2022 के चुनाव में पर्दे के पीछे रहकर अहम भूमिका निभाने का इनाम दिया है। अरविंद केजरीवाल ने कल पंजाब के विधायकों के साथ बैठक के दौरान डॉ. संदीप पाठक के काम की तारीफ भी की थी।
पंजाब से यह राज्यसभा सीटें हो रहीं खाली
पंजाब में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो, अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींडसा और नरेश गुजराल के अलावा भाजपा के श्वेत मलिक का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इनमें प्रताप सिंह बाजवा इस बार कादियां से विधायक भी बने हैं।
इस तरह होगा पंजाब में राज्यसभा सदस्य का चुनाव
राज्यसभा सदस्य के चुनाव के लिए सिर्फ विधायक ही वोट देंगे। इसके लिए विधायकों की कुल संख्या को राज्यसभा की खाली सीटों में 1 जोड़कर विभाजित किया जाता है। उसके बाद जो आंकड़ा आए, उसमें एक जोड़ दिया जाता है, जिसे उतने विधायकों का समर्थन मिलेगा, वह सदस्य बन जाएंगे। पंजाब के लिहाज से देखें तो पहले 2 सीटों के लिए चुनाव होना है। ऐसे में विधायकों की 117 की संख्या को 2 सीटों में 1 जोड़कर यानी 3 से विभाजित करेंगे, जिसके बाद 39 का आंकड़ा आएगा और उसमें 1 जोडऩे के बाद 40 हो जाएंगे। इस लिहाज से एक सदस्य के लिए 40 विधायकों का समर्थन जरूरी है। इसी तरह बाद में जब 3 सदस्यों का चुनाव होगा तो उसमें इसी तरह 30 विधायकों के समर्थन का आंकड़ा आएगा। विरोधी पार्टियों की बात करें तो सबसे ज्यादा सिर्फ 18 विधायक कांग्रेस के पास हैं। एक अहम बात यह भी है कि एक विधायक सभी सीटों के लिए वोट नहीं करता। उसे अपनी पसंद के हिसाब से वोट देना होता है। हालांकि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 92 सीटें जीती हैं तो समर्थन के लिए जरूरी सीटों के लिहाज से उसके लिए राज्यसभा चुनाव आसान होगा।